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सर्व
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सर्वात्मा
(वि०) - सार्वजनिक; जनीनता (स्त्री०) सार्वजनिकताः | पाने का सिद्धांत; सत्तावादी (वि०) सर्वसनावाद संबंधी;
जनोपकारी (वि०) सबकी भलाई करनेवाला; ~सत्ता संपन्न (वि०) - सर्वसत्ताधारी: समक्ष (क्रि.
जनोपयोगी (वि०) सबके लिए उपयोगी वि०) सबके सामने; समृद्ध (वि०) हर तरह से संपन्न (जैसे-सर्वजनोपयोगी साहित्य, सर्वजनोपयोगी पुस्तकालय): सम्मत (वि०) सभी के द्वारा मान्यः सम्मति (स्त्री० । -जयी,जित (वि०) सबको जीतनेवाला; ~जेता मतैक्यः सम्मानित (वि०) - सर्व मान्यः सम्मिलित (पु०) सब पर विजय पानेवाला; -ज्ञ (वि०) सबकुछ (वि०) 1 सब में शामिल 2 सर्व मिश्रितः सह (वि०) । जाननेवाला; ज्ञता (स्त्री०) सबकुछ जानने का भाव; सहनशील; सहमति (स्त्री०) - सर्व सम्मति:
तंत्र (वि०) सर्वशास्त्र सम्मत; त्यागी (वि०) सबकुछ साधारण I (पु०) आम लोग, जनता II (वि०) त्यागनेवाला; दी । (वि०) सबकुछ देखनेवाला || 1 सामान्य, कामन 2 जो सबके लिए हो (जैसे-सर्व साधारण (पु०) ईश्वर; ~दली , हिं० (वि०) सब दल का नियम); सामर्थ्यवान् (वि०) - सर्वशक्तिमान्; (जैसे-सर्वदली सहयोग): दलीय (वि०) सर्वदल का; सामान्य (वि०) - सर्व साधारण; सिद्धि (स्त्री०) सब
दाता (वि०) सब कुछ देनेवाला; ~धर्मवाद (पु०) कार्यों और कामनाओं का पूरा होना; ~सुलभ (वि०) सभी धर्मों को मानने का सिद्धांत; ~धर्मवादी | (वि०) 1 सबके लिए प्राप्त 2 सार्वजनिक (जैसे-सर्वसुलभ सर्वधर्मवाद संबंधी II (पू०) सर्वधर्मवाद का अनुयायी; पुस्तकालय); स्वीकृत (वि०) सबकुछ माना हुआ: हर
नाम (पु०) व्या० संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त शब्द; (वि०) सबकुछ हरण करनेवाला; ~हारा | (वि०) नाश (पु०) तबाही, विध्वंस; नाशक, नाशकारी, 1 सबकुछ हरण किया हुआ 2 सबकुछ खोया हुआ II (पु०) नाशी (वि०) बर्बाद या तबाह करनेवाला, विध्वंसक; 1 समाज का निम्नतम श्रमिक वर्ग 2 अकिंचन वर्ग: हारी -नियंता (पु०) । सबको अपने नियम के अनुसार ले (वि०) सबकुछ हरनेवाला; -हित (पु०) सबका कल्याण; चलनेवाला 2 वश में करनेवाला; पाक्षिक (वि०) 1 सभी ~हित कर्म (पु०) सर्वहित संबंधी कार्य आदि पक्ष का 2 सभी पक्ष में; ~प्रकारेण (क्रि० वि०) सर्वथाः सर्वज्ञा-सं० (वि०/स्त्री०) सबकुछ जाननेवाली
प्रथम (क्रि० वि०) सबसे पहला, अव्वल; ~प्रधान सर्वतः-सं० (अ०) 1 सभी ओर, चारों तरफ़ 2 सभी जगह (वि०) सबसे बड़ा (जैसे-सर्वप्रधान सेनापति); ~प्रभुता 3 हर तरह से 4 पूर्ण रूप से (स्त्री०) - सार्वभौमिकता; प्रमुख (वि०) = सर्वप्रधान- सर्वतोगामी-सं० (वि०) सभी दिशाओं में जानेवाला
प्रसिद्ध (वि०) सर्वत्र विख्यात; प्रिय (वि०) 1 सबसे सर्वतोदक्ष-सं० (वि०) अनेक कार्यों, बातों में प्रवीण या कुशल प्यारा 2 सबका प्यारा (जैसे-सर्वप्रिय बालक, सर्वप्रिय नेता); सर्वतोभद्र-सं० (वि०) हर तरह से कल्याणप्रद
-प्रियता (स्त्री०) सर्वप्रिय होने का भाव; ~बोधगम्य सर्वतोभाव-सं० (अ०) 1 सब प्रकार से, संपूर्ण रूप से (वि०) सबकी समझ में आनेवाला; ब्रह्मवाद (पु०) - ___ 2 अच्छी तरह, भली भाँति सर्वेश्वरवाद; ~भक्षी (वि०) सब कुछ खानेवाला सर्वतोमुख, सर्वतोमुखी-सं० (वि०) 1 चारों तरफ़ मुंहवाला (जैसे-सर्वभक्षी पशु, सर्वभक्षी प्राणी); ~भारतीय (वि०) 2 हर तरह के कार्यों में दक्ष. आलराउंडर 3 सब ओर व्याप्त अखिल भारतीय, आल इंडियाः -भोगी (वि०) = | सर्वत्र-सं० (क्रि० वि०) 1 सब जगह 2 हर वक्त, हमेशा। सर्वभक्षी; ~मान्य (वि०) सभी के मानने योग्य; योग ~गत (वि०) सब जगह पहुँचा हुआ; ~गामी (वि०) सब (वि०) कुलजोड़; रूप (वि०) जो सब रूपों में व्याप्त हो; | जगह पहँच जानेवाला; स्वीकृत (वि०) सब जगह मान्य
रोगहर (वि०) सब रोगों को दूर करनेवाला; ~वध | सर्वथा-सं० (क्रि० वि०) 1 हर तरह से 2 बिलकुल 3 अत्यंत, (पु०) = सर्व संहार; वर्तुल (वि०) (पिंड) जिसका हमेशा प्रत्येक विंदु उसके मध्य विंदु से समान अंतर पर हो; ~वाद सर्वश:- सं० (क्रि० वि०) । समूचा. पूर्ण रूप से (पु०) - सर्वेश्वरवाद; ~वादी (वि०) - सर्वेश्वरवादी; - 2 पूरा-पूरा -विद् (वि०) = सर्वज्ञ; -विद्य (वि०) समग्र विद्याओं | सर्वस्व-सं० (पु०) 1 संपूर्ण संपत्ति 2 अमूल्य और महत्त्वपूर्ण का ज्ञाता; विश्रुत (वि०) सर्व विदित; ~व्यापक,
व्यापी (वि०) 1 हर तरफ़ फैला हुआ 2 सबमें समाया सर्वस्ववान्-सं० (वि०) सब कुछ रखनेवाला हुआ (जैसे-सर्वव्यापी आत्मा); शक्तिमत्ता (स्त्री०) सब सर्वस्वार्पण-सं० (पु०) सब कुछ अर्पित कर देना शक्तियों से युक्त होना; ~शक्तिमान् I (वि०) सबसे सर्वांग-सं० (पु.) 1 सारा शरीर 2 संपूर्ण अंश। -पूर्ण अधिक बलवान्, सर्वशक्तिशाली, सर्वबली II (पु०) ईश्वर; (वि०) सब तरह से पूर्ण; ~व्यापी (वि०) सब अंगों में ~शुभवाद (पु०) 1 सभी का शुभ चाहने का सिद्धांत व्याप्त 2 आशावाद; ~श्री (वि०) सम्मान या आदर सूचक एक | सर्वांगीण-सं० (वि०) 1 सभी अंगों में व्याप्त होनेवाला 2 सब विशेषण (जैसे-सर्वश्री प्रसाद, पंत, सर की कविता का पाठ वेदांगों से संबंधित होना); ~श्रेष्ठ (स्त्री०) (वि०) सब में अच्छा, सर्वोत्तम; सर्वांत-सं० (पु०) हर एक का अंत -संहार (पु०) सबका संहार करनेवाला काल; ~संहारक सर्वांश-सं० (पु०) सारा अंश (वि०) सबका संहार करनेवाला; ~सत्ता (स्त्री०) सब तरह | सर्वात्मवाद-सं० (पु०) = सर्वेश्वरवाद का अधिकार; ~सत्ताधारी (वि०) संपूर्ण सत्तावाला । सर्वात्मवादी-सं० (वि०) = सर्वेश्वरवादी (जैसे-सर्वसत्ताधारी राज्य); ~सत्तावाद (पु०) सर्वसत्ता | सर्वात्मा-सं० (पु०) 1 विश्व की आत्मा 2 परमात्मा
पदार्थ
प्याप्त