Book Title: Shiksharthi Hindi Shabdakosh
Author(s): Hardev Bahri
Publisher: Rajpal and Sons

View full book text
Previous | Next

Page 826
________________ सर्व 812 सर्वात्मा (वि०) - सार्वजनिक; जनीनता (स्त्री०) सार्वजनिकताः | पाने का सिद्धांत; सत्तावादी (वि०) सर्वसनावाद संबंधी; जनोपकारी (वि०) सबकी भलाई करनेवाला; ~सत्ता संपन्न (वि०) - सर्वसत्ताधारी: समक्ष (क्रि. जनोपयोगी (वि०) सबके लिए उपयोगी वि०) सबके सामने; समृद्ध (वि०) हर तरह से संपन्न (जैसे-सर्वजनोपयोगी साहित्य, सर्वजनोपयोगी पुस्तकालय): सम्मत (वि०) सभी के द्वारा मान्यः सम्मति (स्त्री० । -जयी,जित (वि०) सबको जीतनेवाला; ~जेता मतैक्यः सम्मानित (वि०) - सर्व मान्यः सम्मिलित (पु०) सब पर विजय पानेवाला; -ज्ञ (वि०) सबकुछ (वि०) 1 सब में शामिल 2 सर्व मिश्रितः सह (वि०) । जाननेवाला; ज्ञता (स्त्री०) सबकुछ जानने का भाव; सहनशील; सहमति (स्त्री०) - सर्व सम्मति: तंत्र (वि०) सर्वशास्त्र सम्मत; त्यागी (वि०) सबकुछ साधारण I (पु०) आम लोग, जनता II (वि०) त्यागनेवाला; दी । (वि०) सबकुछ देखनेवाला || 1 सामान्य, कामन 2 जो सबके लिए हो (जैसे-सर्व साधारण (पु०) ईश्वर; ~दली , हिं० (वि०) सब दल का नियम); सामर्थ्यवान् (वि०) - सर्वशक्तिमान्; (जैसे-सर्वदली सहयोग): दलीय (वि०) सर्वदल का; सामान्य (वि०) - सर्व साधारण; सिद्धि (स्त्री०) सब दाता (वि०) सब कुछ देनेवाला; ~धर्मवाद (पु०) कार्यों और कामनाओं का पूरा होना; ~सुलभ (वि०) सभी धर्मों को मानने का सिद्धांत; ~धर्मवादी | (वि०) 1 सबके लिए प्राप्त 2 सार्वजनिक (जैसे-सर्वसुलभ सर्वधर्मवाद संबंधी II (पू०) सर्वधर्मवाद का अनुयायी; पुस्तकालय); स्वीकृत (वि०) सबकुछ माना हुआ: हर नाम (पु०) व्या० संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त शब्द; (वि०) सबकुछ हरण करनेवाला; ~हारा | (वि०) नाश (पु०) तबाही, विध्वंस; नाशक, नाशकारी, 1 सबकुछ हरण किया हुआ 2 सबकुछ खोया हुआ II (पु०) नाशी (वि०) बर्बाद या तबाह करनेवाला, विध्वंसक; 1 समाज का निम्नतम श्रमिक वर्ग 2 अकिंचन वर्ग: हारी -नियंता (पु०) । सबको अपने नियम के अनुसार ले (वि०) सबकुछ हरनेवाला; -हित (पु०) सबका कल्याण; चलनेवाला 2 वश में करनेवाला; पाक्षिक (वि०) 1 सभी ~हित कर्म (पु०) सर्वहित संबंधी कार्य आदि पक्ष का 2 सभी पक्ष में; ~प्रकारेण (क्रि० वि०) सर्वथाः सर्वज्ञा-सं० (वि०/स्त्री०) सबकुछ जाननेवाली प्रथम (क्रि० वि०) सबसे पहला, अव्वल; ~प्रधान सर्वतः-सं० (अ०) 1 सभी ओर, चारों तरफ़ 2 सभी जगह (वि०) सबसे बड़ा (जैसे-सर्वप्रधान सेनापति); ~प्रभुता 3 हर तरह से 4 पूर्ण रूप से (स्त्री०) - सार्वभौमिकता; प्रमुख (वि०) = सर्वप्रधान- सर्वतोगामी-सं० (वि०) सभी दिशाओं में जानेवाला प्रसिद्ध (वि०) सर्वत्र विख्यात; प्रिय (वि०) 1 सबसे सर्वतोदक्ष-सं० (वि०) अनेक कार्यों, बातों में प्रवीण या कुशल प्यारा 2 सबका प्यारा (जैसे-सर्वप्रिय बालक, सर्वप्रिय नेता); सर्वतोभद्र-सं० (वि०) हर तरह से कल्याणप्रद -प्रियता (स्त्री०) सर्वप्रिय होने का भाव; ~बोधगम्य सर्वतोभाव-सं० (अ०) 1 सब प्रकार से, संपूर्ण रूप से (वि०) सबकी समझ में आनेवाला; ब्रह्मवाद (पु०) - ___ 2 अच्छी तरह, भली भाँति सर्वेश्वरवाद; ~भक्षी (वि०) सब कुछ खानेवाला सर्वतोमुख, सर्वतोमुखी-सं० (वि०) 1 चारों तरफ़ मुंहवाला (जैसे-सर्वभक्षी पशु, सर्वभक्षी प्राणी); ~भारतीय (वि०) 2 हर तरह के कार्यों में दक्ष. आलराउंडर 3 सब ओर व्याप्त अखिल भारतीय, आल इंडियाः -भोगी (वि०) = | सर्वत्र-सं० (क्रि० वि०) 1 सब जगह 2 हर वक्त, हमेशा। सर्वभक्षी; ~मान्य (वि०) सभी के मानने योग्य; योग ~गत (वि०) सब जगह पहुँचा हुआ; ~गामी (वि०) सब (वि०) कुलजोड़; रूप (वि०) जो सब रूपों में व्याप्त हो; | जगह पहँच जानेवाला; स्वीकृत (वि०) सब जगह मान्य रोगहर (वि०) सब रोगों को दूर करनेवाला; ~वध | सर्वथा-सं० (क्रि० वि०) 1 हर तरह से 2 बिलकुल 3 अत्यंत, (पु०) = सर्व संहार; वर्तुल (वि०) (पिंड) जिसका हमेशा प्रत्येक विंदु उसके मध्य विंदु से समान अंतर पर हो; ~वाद सर्वश:- सं० (क्रि० वि०) । समूचा. पूर्ण रूप से (पु०) - सर्वेश्वरवाद; ~वादी (वि०) - सर्वेश्वरवादी; - 2 पूरा-पूरा -विद् (वि०) = सर्वज्ञ; -विद्य (वि०) समग्र विद्याओं | सर्वस्व-सं० (पु०) 1 संपूर्ण संपत्ति 2 अमूल्य और महत्त्वपूर्ण का ज्ञाता; विश्रुत (वि०) सर्व विदित; ~व्यापक, व्यापी (वि०) 1 हर तरफ़ फैला हुआ 2 सबमें समाया सर्वस्ववान्-सं० (वि०) सब कुछ रखनेवाला हुआ (जैसे-सर्वव्यापी आत्मा); शक्तिमत्ता (स्त्री०) सब सर्वस्वार्पण-सं० (पु०) सब कुछ अर्पित कर देना शक्तियों से युक्त होना; ~शक्तिमान् I (वि०) सबसे सर्वांग-सं० (पु.) 1 सारा शरीर 2 संपूर्ण अंश। -पूर्ण अधिक बलवान्, सर्वशक्तिशाली, सर्वबली II (पु०) ईश्वर; (वि०) सब तरह से पूर्ण; ~व्यापी (वि०) सब अंगों में ~शुभवाद (पु०) 1 सभी का शुभ चाहने का सिद्धांत व्याप्त 2 आशावाद; ~श्री (वि०) सम्मान या आदर सूचक एक | सर्वांगीण-सं० (वि०) 1 सभी अंगों में व्याप्त होनेवाला 2 सब विशेषण (जैसे-सर्वश्री प्रसाद, पंत, सर की कविता का पाठ वेदांगों से संबंधित होना); ~श्रेष्ठ (स्त्री०) (वि०) सब में अच्छा, सर्वोत्तम; सर्वांत-सं० (पु०) हर एक का अंत -संहार (पु०) सबका संहार करनेवाला काल; ~संहारक सर्वांश-सं० (पु०) सारा अंश (वि०) सबका संहार करनेवाला; ~सत्ता (स्त्री०) सब तरह | सर्वात्मवाद-सं० (पु०) = सर्वेश्वरवाद का अधिकार; ~सत्ताधारी (वि०) संपूर्ण सत्तावाला । सर्वात्मवादी-सं० (वि०) = सर्वेश्वरवादी (जैसे-सर्वसत्ताधारी राज्य); ~सत्तावाद (पु०) सर्वसत्ता | सर्वात्मा-सं० (पु०) 1 विश्व की आत्मा 2 परमात्मा पदार्थ प्याप्त

Loading...

Page Navigation
1 ... 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 931 932 933 934 935 936 937 938 939 940 941 942 943 944 945 946 947 948 949 950 951 952 953 954