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सरदस्त
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सरदस्त-फा० (अ०) 1 इस समय, अभी 2 प्रस्तुत समय में, | झोंका) 2 सुस्त, काहिल 3 ढीला, शिथिल 4 निरुत्साह । फिलहाल
गर्म (वि०) 1ऊँच-नीच 2 उलट फेर; बाज़ारी सरे बाज़ार-फा० (अ०) खुले बाज़ार में और जनता के सामने (स्त्री०) बाज़ार का ठंडा होना, माँग न होना; -मिज़ाज सरेशाम-फा० (अ०) संध्या होते ही
(वि०) 1 उत्साहहीन 2 रूखा 3 मुर्दादिल 4 निष्करुण सरेस-[ फा० (पु.) एक प्रसिद्ध लसदार पदार्थ, सरेश II | सर्दा-फा० (पु०) = सरदा
(वि०) लसीला और चिपकनेवाला (जैसे-सरेस काग़ज़) | सर्दी-फा० (स्त्री०) ठंड, शीत। -जुकाम + अ० (पु०) ठंड सरो-फा० (पु०) एक प्रकार का सीधा छतनार पेड़, बनझाऊ सर्प-सं० (पु०) साँप। कला (स्त्री०) = सर्प विद्या; सरोकार-फा० (पु०) 1 आपसी व्यवहार का संबंध 2 वास्ता, | ~गति (स्त्री०) 1 कुटिल गति 2 कपट की चाल; दंश लगाव
(पु०) साँप का काटा; ~फण (पु०) साँप का फन; ~मंत्र सरोकारी-फा० (वि०) सरोकार रखनेवाला
(पु०) साँप के काटे का मंत्र; राज (पु०) 1 साँपों का सरोज-सं० (पु०) कमल । ~मुखी (वि०/स्त्री०) कमल के
राजा, शेषनाग 2 वासुकि; विद्या (स्त्री०) साँपों के वर्ग, समान मुखवाली. सुंदरी
जाति तथा स्वभाव आदि के विषय में ज्ञान प्राप्त करानेवाली सरोजिनी-सं० (स्त्री०) 1 कमल से भरा तालाब 2 कमल विद्या समूह 3 कमल का पौधा
साकार-सं० (वि०) साँप के आकार का सरोद-फा (पु०) 1 वीणा की तरह का एक बाजा 2 नाच गाना सर्पिका-सं० (स्त्री०) छोटा साँप सरोरुह-सं० (पु०) कमल
सर्पिणी-सं० (स्त्री०) सॉपिन सरोवर-सं० (पु०) तालाब
सर्पित-सं० (वि०) 1 सर्प रूप में लाया हुआ 2 सर्पदंश सरोवरी-(स्त्री०) छोटी. तलैया, पुष्करिणी
सर्पिल-सं० (वि०) साँप की तरह टेढ़ा मेढ़ा, कुंडलाकार सरोष-स० (वि०) - सरुष
सपों-(वि०) धीरे धीरे चलनेवाला, रेंगनेवाला सरोसामान-फा० (पु०) असबाब. सामग्री
सर्फ़-अ० (वि०) व्यय किया हुआ सरौता-(पु०) । सुपारी काटने के काम में आनेवाला कैंची के | सफ़ा-अ० (पु०) 1 खर्च, व्यय 2 किफ़ायत, मितव्यय 3 लाभ, आकार का एक उपकरण आम आदि काटने का काठ में
नफ़ा जड़ा एक औजार स्थान या मंडली
साया-फ़ा० (पु०) पूँजी। दार (पु०) पूँजीपतिः दारी सरौती-(स्त्री०) छोटा सरौता
(स्त्री०) पूँजीपतित्व सर्कस-अं० (पु.) जहाँ जानवर आदि के खेल दिखाए जाते हों सायेदार-फ़ा० (पु०) -- सायादार सा-अ० (पु०) । चोरी 2 भावादि का अपहरण सायेदारी-फा० (स्त्री०) - सायादारी सर्किट हाउस-अंक (पु०) दौरे पर आनेवाले अधिकारियों का सर्रक-(स्त्री०) सरति हुए आगे बढ़ना आवास
सर्रसर्र-(स्त्री०) = सर्राटा । सर्किल-अं० (पु०) । वृत्त । मंडल
सर्राटा-(पु०) 1 हवा के तेज़ चलने से उत्पन्न शब्द 2 तेज़ सर्युट हाउस-अंक (पु०) सर्किट हाउस
चलने से उत्पन्न सरसर शब्द । सर्राटे भरना तेज़ी से इधर सर्युलर-अं० (पु०) गश्ती चिट्ठी. परिपत्र
उधर आना जाना सर्ग-सं० (पु०) 1 ग्रंथ का प्रकरण या अध्याय 2 रचना. सर्राना-(अ० क्रि०) सरसर करते हए आगे बढ़ना 3 स्वभाव 4 लोक सृष्टि 5 मूल, उद्गम 6 प्रकृति 7 त्याग। | सर्राफ़-अ० (पु०) सोने-चाँदी का व्यापारी
बंध (वि०) सर्ग में आबद्ध (जैसे-सर्गबंध काव्य) सर्राफ़ा-अ. (प्०) । सर्राफ़ों का बाज़ार 2 सर्राफ़ का पेशा सर्चलाइट-अं. (स्त्री) अन्वेषक बत्ती
सर्राफ़ी-अ० • फ़ा० (स्त्री०) 1 सर्राफ़ का रोज़गार 2 महाजनी सर्व वारंट-अंक (पु.) तलाशी का वारंट
लिपि सर्जंट-अं० (पु०) हवलदार. जमादार
सर्व-सं० (वि०) सब, सारा, समस्त। इस्लामवाद + सर्ज-[सं० (पु०) 1 बड़ी जाति का शाल वृक्ष 2 सलई का पेड़ __ अ० । सं० (पु०) सब मुसलमानों को एक करने का सिद्धांत; 3 धूना, राल
- कल्याण (पु०) सबका भला: काल (क्रि० वि०) हर सर्ज-II अं० (स्त्री०) एक तरह का बढ़िया ऊनी कपड़ा. सरज समय, सदा; - कालिक, कालीन (वि०) हमेशा बना सर्जक-सं० (वि०) । सर्जन करनेवाला 2 रचना करनेवाला, रहनेवाला (जैसे-सर्वकालिक दशा, सर्वकालीन व्यवस्था); स्रष्टा
क्षमा (स्त्री०) सामूहिक रूप से बंदियों को क्षमा करना; सर्जन-[ सं० (पु०) । उत्पन्न करना, जन्म देना 2 छोड़ना, ~क्षार (४०) सबकुछ का नाश; गत (वि०) = त्यागना
सर्वव्यापी; गुण संपन्न (वि०) सब गुणों से युक्त; सर्जन-II अं० (पु०) शल्य चिकित्सक
~ग्रास | (वि०) सब खा जानेवाला || (पु०) खग्रास सर्जनात्मक-सं० (वि०) रचनात्मक
ग्रहण; ग्राही (वि०) सबकुछ ग्रहण करनेवाला; --जन सर्जरी-अं० (स्त्री०) शल्य चिकित्सा
(वि०) 1 सार्वजनिक, सार्विक 2 सार्वदेशिक; जन गृहीत सर्टिफ़िकेट-अंक (पु०) प्रमाण पत्र। ~ऑफ पोस्टिंग (वि०) - सर्वत्र स्वीकृत; जन प्रिय (वि०) - सर्व प्रिय; (स्त्री०) डाक में डालने का प्रमाण पत्र
जन मताधिकार (१०) सब लोगों को वोट देने का सर्द-फ़ा० (वि०) । अत्यधिक ठंडा (जैसे-सर्द हवा का | अधिकारः -जनहित (पु०) सबकी भलाई; -जनीन