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सावनी
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सिंगार
सावनी-I (वि०) 1 सावन संबंधी 2 सावन में होनेवाला साहनिक-I सं० (वि०) सहस्र संबंधी II (पु०) इकाई का
II (स्त्री०) सावन में गाया जानेवाला एक प्रकार का गीत __ हज़ारवा अंश सावयव-सं० (वि०) अंग सहित
साहस्त्री-सं० (स्त्री०) एक प्रकार की एक हज़ार वस्तुओं का ढेर सावर्ण-सं० (वि०) एक ही जाति या वर्ग का
या समूह सावर्ण्य-सं० (पु०) रंग या जाति की समानता
साहा-(पु०) विवाह का शुभ मुहूर्त सावित्र-I सं० (वि०) 1 सूर्य संबंधी 2 सूर्य से उत्पन्न साहाय्य-सं० (पु०) सहायता, मदद II (पु०) सूर्य
साहित्य-सं० (पु०) 1 लिपिबद्ध विचार, ज्ञान आदि 2 ग्रंथों का सावित्री-सं० (स्त्री०) मत्स्य देश के राजा अश्वपति की । समूह, वाङमय 3 काव्यशास्त्र 4 गद्यात्मक या पद्यात्मक रचना कन्या 2 सघवा स्त्री
(जैसे-साहित्य का विक्रेता, साहित्य का प्रेमी) 5 साथ, मेल सावेग-सं० (क्रि० वि०) शीघ्रता से झटके से
संयोग। ~आलोचना (स्त्री०) = साहित्य समीक्षा; ~कार साश्चर्य-सं० (वि०) 1 आश्चर्य जनक, चकित करनेवाला (पु०) साहित्य की रचना करनेवाला; ~गत (वि०) = 2 चकित
साहित्यिक; ~ग्रंथ (पु०) साहित्य की पुस्तक; ~ज्ञ (पु०) साक्ष-I सं० (वि०) आँसुओं से युक्त, अश्रुपूर्ण II (क्रि० साहित्य का ज्ञाता; ~पन + हिं० (पु०) साहित्यिकता; वि०) आँसू भरकर (जैसे-साश्रु निवेदन करना, साश्रु प्रार्थना प्रेमी (पु०) साहित्य पसंद करनेवाला व्यक्ति, साहित्य में करना)
रुचि रखनेवाला व्यक्ति; विज्ञान, ~शास्त्र (पु०) साहित्य साष्टांग-I सं० (वि०) आठों अंगों से युक्त II (क्रि० वि०) के विभिन्न अंगों रस, छंद, अलंकार आदि का विवेचन आठों अंगों से (जैसे-साष्टांग प्रणाम करना)
करनेवाला ग्रंथ; ~शास्त्री (पु०) - साहित्यज्ञ; सास-(स्त्री०) 1 पत्नी या पति की माता 2 उक्त स्थान पर ~समालोचक (पु०) = साहित्य समीक्षक; ~समालोचन पड़नेवाली स्त्री (जैसे-चचिया सास, ममिया सास)
(पु०) = साहित्य समीक्षा; ~समालोचना (स्त्री०) = सासत-(स्त्री०) = साँसत
साहित्य की आलोचना; ~समीक्षक (पु०) साहित्य की सासन लेट-(स्त्री०) एक तरह का सफ़ेद जालीदार कपड़ा समीक्षा करनेवाला; ~सर्जना (स्त्री०) - साहित्य सृष्टिः सासर-अं० (पु०) प्लेट, तश्तरी
सामर्थ्य (पु०) साहित्य संबंधी योग्यता; सृष्टि (स्त्री०) सासुर-बो० (पु०) 1 ससुर 2 ससुराल ।
साहित्य की रचना साह-(पु०) 1 वणिक, महाजन 2 सज्जन और साधु पुरुष | साहित्यांग-सं० (पु०) साहित्य के अंग 3 धनी और प्रतिष्ठित व्यक्ति
साहित्यांश-सं० (पु०) साहित्य का अंश साहचर्य-सं० (पु०) 1संग, साथ 2 सहचर होने का भाव साहित्यालोचक-सं० (पु०) साहित्य का आलोचक साहजिक-सं० (वि०) 1 सहज 2 स्वाभाविक
साहित्यालोचन-सं० (पु०) साहित्य की आलोचना साहब-अ० (पु०) 1 मालिक, स्वामी (जैसे-साहब की शादी) साहित्यिक-सं० (वि०) 1साहित्य संबंधी (जैसे-साहित्यिक 2 परमात्मा (जैसे-साहब ते सब होत है बंदे ते कछ नाहिं) रचना) 2 साहित्य का पारखी। ~ता (स्त्री०) साहित्यिक होने 3 सज्जनों के लिए प्रयुक्त आदर सूचक शब्द (जैसे-आइए ___ का भाव साहब बैठिए, डॉक्टर साहब) 4 दफ़्तर का अधिकारी साहित्यिकी-सं० (स्त्री०) साहित्य शास्त्र (जैसे-आज साहब के घर जाना है) 5 अंग्रेज़ निवासी। साहित्येतर-सं० (वि०) साहित्य से भित्र
जादा + फ़ा० (पु०) बड़े आदमी का लड़का, रईस का | साहिब-अ० (पु०) = साहब बेटा; ~पन (पु०) साहब होने का भाव, साहबी; ~बहादुर साहिल-अ० (पु०) किनारा, तट + फ्रा० (पु०) 1 अंग्रेज़ अफ़सर 2 साहबी ढंग से रहनेवाला साही-(स्त्री०) तेज़ लंबे काटोंवाला एक पशु हिंदुस्तानी अफ़सर; ~सलामत (स्त्री०) बंदगी, सलाम साहु-(पु०) = साह साहबा-अ० (स्त्री०) महिला
साहल-फा० (पु०) दीवार आदि की सीध नापने का एक साहबान-(पु०) सत्पुरुष
उपकरण साहवाना-अ० + फ़ा० (वि०) साहब का
साहू-(पु०) = साह साहबी-1 अ० +फ़ा० (स्त्री०) साहब होने की अवस्था साहूकार-(पु०) बड़ा व्यापारी II (वि०) साहब जैसा
साहूकारा-(पु०) महाजनी साहबेआलम-अ० + फ़ा० + अ० (पु०) दुनिया का मालिक साहूकारी-(स्त्री०) = साहूकारा साहस-सं० (पु०) 1हिम्मत 2 उग्रता, प्रचंडता 3 जल्दी। सिंक-अं० (पु०) सोख़्ता गढ्ढा ~कारी (वि०) हिम्मती, साहसी
सिंकना-(अ० क्रि०) सेंका जाना साहसिक-सं० (वि०) 1 हिम्मती 2 प्रचंड, उग्र 3 निर्भीक सिंग-(पु०) = सींग 4 उद्धत
सिंगड़ा-(पु०) = सींगडा साहसी-सं० (वि०) 1साहसपूर्ण कार्य करनेवाला सिंगरफ़-फ़ा० (पु०) = शिंगरफ़ 2 साहसवाला
सिंगल-अं० (वि०) एक मात्र, अकेला साहस्र-सं० (वि०) 1 हज़ार संबंधी 2 एक हज़ारवाला सिंगा-(पु०) सींग के आकार प्रकार का एक बाजा 3 हज़ारगुना
सिंगार-(पु०) 1 सजावट 2 सजधज 3 श्रृंगार रस । दान