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सुजन 837
सुधारना आदमी (जैसे-सुजन मंडली)। ता (स्त्री०) सौजन्य, | सुत्थना-बो० (पु०) = सूथन भद्रता, भलमनसाहत
सुथनी-(स्त्री०) = सूथनी सुजन-II (पु०) स्वजन, स्वकुल
सुथरा-(वि०) साफ़, निर्मल, स्वच्छ। पन (पु०) सफ़ाई, सजनी-फा० (स्त्री०) बड़ी और मोटी बिछाने की चादर | निर्मलता सुजन्मा-सं० (वि०) 1 उत्तम रूप से उत्पन्न, सुजातक 2 अच्छे सुथराई-(स्त्री०) = सुथरापन कुल में उत्पन्न
सदक्ष-सं० (वि०) बहुत निपुण, अत्यंत कुशल सुजागर-(वि०) शोभन और सुंदर
सुदर्शन-सं० (वि०) 1 अच्छा और भला, सुंदर 2 सरलता से सुजात-सं० (वि०) 1 उत्तम कुल में उत्पन्न सुजन्मा, कुलीन देखा जाने योग्य 2 सुंदर
सुदि-(स्त्री०) = सुदी सजाति-I सं० (वि०) अच्छी जाति का II (स्त्री०) अच्छी सुदिन-सं० (पु०) शुभ दिन, अच्छा दिन और उत्तम जाति
सदी-(स्त्री०) चांद्र मास का शुक्ल पक्ष सुजान-सं० I (वि०) 1 समझदार, सयाना 2 कुशल, निपुण सुदीर्घ-सं० (वि०) अति विस्तृत 3 सज्जन (जैसे-सुजान पुरुष) 4 सुविज्ञ II (पु०) 1 पति या | सुदूर-I सं० (वि०) बहुत दूर का (जैसे-सुदूरवर्ती प्रदेश) । प्रेमी 2 परमात्मा। ~पन (पु०) सुजान होने का भाव | वी (वि०) बहुत दूर बसनेवाला (जैसे-सदरवर्ती प्रदेश) सुजाना-(स० क्रि०) सृजन पैदा करना, फुलाना
सुदूर-II (अ०) बहुत दूर सुजानी-(वि०) सुजान संबंधी
सुदृढ़-सं० (वि०) बहुत मजबूत (जैसे-सुदृढ़ बंधन) सुझाई-(स्त्री०) सुझाव
सुदृढ़ीकरण-सं० (पु०) अच्छी तरह पक्का करना सुझाना-(स० क्रि०) 1 बताना, सूचना देना 2 दिखाना 3 नई सुदेव-सं० (पु०) उत्तम देवता तरकीब या युक्ति बताना ।
सुदेवस-(पु०) देवता का नाम लेकर किया जानेवाला (काम सुझाव-(पु०) 1 सुझाने की क्रिया 2 सुझाई गई बात, तजबीज़, या बात) सजेशन 3 सलाह
सुदेह-सं० (पु०) सुंदर शरीर सुटुकना-I (स० क्रि०) चाबुक लगाना II (अ० क्रि०) सुदैव-सं० (पु०) 1 सौभाग्य 2 अच्छा संयोग 1सटकना 2 सुड़कना 3 सिकुड़ना
सुदृष्ट-सं० (वि०) सौम्य दृष्टिवाला सड़क-(स्त्री०) सुड़कने का भाव
सुद्रष्टा-सं० (वि०) पैनी दृष्टिवाला सड़कना-(स० क्रि०) तरल पदार्थ को नाक के रास्ते भीतर सुदौसी-(क्रि० वि०) बो० शीघ्रतापूर्वक खींचना, नास लेना
सुध-(स्त्री०) 1 होश, चेत खबर 2 याद। -बुध (स्त्री०) सुड़सुडाना-I (स० क्रि०) सुड़सुड़ शब्द उत्पन्न करना होश हवाश, चेत (जैसे-हुक्का सुड़सुड़ाना) II (अ० क्रि०) सुड़सुड़ शब्द सुधरना-(अ० क्रि०) 1 ठीक होना, दोष आदि दूर होना
2 अच्छे आचरणों की ओर प्रवृत्त होना (जैसे-लड़के का सौल-(वि०) 1 सुंदर आकारवाला (जैसे-सुडौल मुख, सुधरना) सुडौल शरीर) 2 आनुपातिक सामंजस्य युक्त
सुधराई-(स्त्री०) 1 सुधरने या सुधारने का काम 2 सुधारने का सुढंग-1 (वि०) सुंदर ढंग या रीति का II (पु०) अच्छा ढंग | पारिश्रमिक 3 सुधार या प्रकार :
सुधर्म-सं० (पु०) अच्छा और उत्तम धर्म सुत-सं० (पु०) पुत्र, आत्मज, बेटा
सुधर्मी-सं० (वि०) धर्मपरायण, धर्म निष्ठ सुतना-I (अ० क्रि०) सोना II (वि०) बह्त सोनेवाला | सुधा-सं० (स्त्री०) अमृत, पियूष सुतरी-बो० (स्त्री०) - सुतली
सुधाई-I (स्त्री०) सिधाई, सरलता II (स्त्री०) सोधने का सुतल-सं० (पु०) सात पाताल लोकों में से एक
काम या भाव . सुतली-सं० (पु०) सन या पटसन के रेशों से बटकर बनाई हुई सुधाकर-सं० (पु०) चंद्रमा डोरी
सुधामय-सं० (वि०) अमृत स्वरूप सुतहार-बो० (पु०) = सुतार
सुधार-हिं० (पु०) 1 दोष दूर करना 2 संशोधन, परिवर्तन । सुता-सं० (स्त्री०) पुत्री, बेटी
~गृह + सं० (पु०) बच्चों को सुधारने का केंद्र; ~मूलक सुतार-(पु०) बढ़ई, शिल्पी
+ सं० (वि०) सुधार पर आधारित; ~वाद + सं० (पु०) सुतारी-I (स्त्री०) जूता सीने का सूआ
दंड की अपेक्षा सुधार में विश्वास रखने का मत; ~वादी + सुतारी-II (स्त्री०) पुरानी चाल का एक तरह का हथियार सं० 1 (वि०) सुधारवाद संबंधी || सुधारवाद का समर्थक; सुतारी-III (पु०) कारीग़र, शिल्पी
~शाला + सं० (पु०) - सुधार गृह सुतीक्ष्ण-सं० (वि०) 1 बहुत तेज़ 2 अत्यंत तीखा 3 अत्यंत | सुधारक-[हिं० + सं० (वि०) सुधार के विचार से होनेवाला पीडाकारक
II (पु.) 1 सुधार करनेवाला, संशोधक 2 धर्म या समाज का सतही-बो० (स्त्री०) 1 सीपी 2 आम आदि के छिलके छीलने | सुधार करनेवाला, रिफ़ार्मर तथा अफ़ीम खुरचने की एक तरह की सीपी
सुधारना-(स० क्रि०) 1 ठीक करना, दुरुस्त करना (जैसे-घड़ी सतून-फा० (पु०) = सितून
सुधारना) 2 दोष, विकार आदि का उन्मूलन कर सुधार लाना
करना