________________
सीकी 833
.सीना सीकी-(स्त्री०) छोटा छीका, छोटा सिकहर
सीतला-(स्त्री०) चेचक। ~मुंहदगा फ़ा. हिं० (वि०) सीकुर-बो० (पु०) गेहूँ, धान आदि की बालों में से सूत की __ चेचकरू तरह के निकलनेवाले पतले और नुकीले अंग
सीता-सं० (स्त्री) 1 जानकी, वैदेही 2 कुंड, रेखा जो भूमि सीक्रेट-अं० (वि०) गुप्त छिपा हुआ
जोतते समय फाल धंसने से बनती है 3 राजा की निज की सीख-I (स्त्री०) 1 शिक्षा, तालीम 2 सिखाई गई अच्छी बात भूमि। पति (पु.) श्री रामचंद्र; फल (पु०) कुम्हड़ा; 3 परामर्श 4 अनुभव जन्य ज्ञान (जैसे-सीख देना, सीख ग्रहण हरण (पु०) रावण द्वारा सीता का हरण करना)
सीताध्यक्ष-सं० (पु०) राजा की निजि भूमि की खेती आदि का सीख-II फ़ा० (स्त्री०) 1 लोहे की सलाई 2 तीली 3 सलाख। प्रबंध करनेवाला राज अधिकारी
चा (पु०) छोटी सीख; ~पा (वि०) पिछले पैरों पर | सीत्कार-सं० (पु०) सी सी ध्वनि खड़ा होनेवाला
सीद-सं० (पु०) सूदखोरी सीखना-(स० क्रि०) 1 ज्ञान प्राप्त करना 2 कला की शिक्षा सीध-(स्त्री०) 1सीधा होने का भाव 2 ऋजुता प्राप्त करना, अभ्यास करना (जैसे-सितार सीखना) 3 अनुभव सीधा-I (वि०) 1सरल, ऋज् (जैसे-सीधी रेखा) 2 खड़ा प्राप्त करना (जैसे-कुछ खोकर सीखना)
(जैसे- डंडा सीधा करना) 3 भला, सज्जन (जैसे-सीधा सादा सिखा पढ़ा-(वि०) 1 शिक्षित, जानकार 2 चतुर
आदमी) 4 निष्कपट और सरल प्रकृति का 5 आसान, सीखा सिखाया-(वि०) 1 शिक्षित, कुशल 2 हुनर या कला सुविधाजनक (जैसे-सीधी बात, सीधा काम) 6 जो कटहा या का जानकार
मरकहा न हो (जैसे-सीधा जानवर) II (अ०) 1 ठीक सामने सीग़ा-अ० (पु०) 1 साँचा, ढाँचा 2 विभाग 3 मुसलमानों की 2 बिना मुड़े (जैसे-सीधा चले जाना) 3 बिना और कहीं गए शादी में कहे जानेवाले कुछ ख़ास अरबी वाक्य
(जैसे-दफ्तर से सीधा घर आना) III (पु.) 1 सामने का सीज-(स्त्री०) = सीझ
भाग (जैसे-इस कपड़े का सीधा-उलटा पता नहीं लगता) सीज़न-अं० (पु०) मौसम
2 दान दिए जाने योग्य कच्ची सामग्री। ~पन (पु०) = सीजना-(अ० क्रि०) = सीझना
सिधाई; सादा +फ़ां० (वि०) भोला भाला, सरल स्वभाव सीझ-(स्त्री०) पकने की क्रिया, पकाव
का; साधा (वि०) = सीधा सादा; ~आना 1 सामने से सीझना-(अ० क्रि०) 1 आँच पर पकना 2 भस्म होना, जलना आना 2 सामना करना; करना 1 वक्रता या कुटिलता दूर 3 कष्ट पाना, दुःख भोगना 4 चिकना होना (जैसे-चमड़े का करना 2 लक्ष्य के सामने करना 3 ठोंक पीटकर ठीक करना; सीझना) .
जन्नत में जाना सीधे स्वर्ग जाना; ~होना 1 सीधा किया सीट-[ अं० (स्त्री०) 1 आसन, बैठक 2 एक आदमी के बैठने जाना, ऐंठ दूर होना 2 आमादा होना 3 मेहरबान होना की जगह (जैसे-सीट रिज़र्व कराना)
सीधाई-(स्त्री०) 1 सीधा होने का भाव 2 छक्के पंजे से दूर सीट-II (स्त्री०) डींग। ~पटाँग (स्त्री०) 1 डींग 2 घमंड रहना 3 सरलता 4 भोलापन भरी बात
सीधे-(क्रि० वि०) 1 ठीक सामने 2 बिना कहीं गए (जैसे-घर सीटना-(अ० क्रि०) डींग मारना, शेखी बघारना
से सीधे स्टेशन आ जाना) 3 सिधाई से 4 भलमनसी से। सीटी-(स्त्री०) 1 मुँह से निकलनेवाली सुरीली आवाज़ 2 किसी -पन (पु.) = सीधापन बाजे आदि क्रिया द्वारा इस तरह की ध्वनि उत्पन्न करना | सीन-अं० (पु०) 1 दृश्य, नज़ारा 2 रंगमंच का पर्दा (जैसे-रेल की सीटी) 3 एक तरह का छोटा ध्वनि उत्पन्न | सीनरी-अं० (स्त्री०) 1 प्राकृतिक दृश्य 2 रंगमंच की सजावट करनेवाला उपकरण (जैसे-गार्ड ने सीटी बजाई) . सामग्री सीठ-(स्त्री०) = सीठी
सीना-I (स० क्रि०) टाँका मारना, सिलाई करना (जैसे-कपड़ा सीठना-बो० (पु०) = सिठनी
सोना, कमीज सीना)। पिरोना । (स० क्रि०) सिलाई सीठा-(वि०) फीका, नीरस
बुनाई का काम करना II (प.) सिलाई का काम सीठी-(स्त्री०) 1 फल आदि का रस निचोड़ने पर बचा हुआ | सीना-II फा० (पु०) 1 छाती 2 वक्षस्थल। ज़न (वि०)
अंश (जैसे-आम की सीठी) 2 सारहीन पदार्थ या वस्तु | छाती पीटनेवाला; - ज़ोर (वि०) 1 ज़बरदस्त 2 अत्याचार सीड़, सीड़न-(स्त्री०) = सील I
करनेवाला; ~ ज़ोरी (स्त्री) 1 अत्याचार 2 विद्रोह; ताने सीढ़ी-(स्त्री०) 1 वास्तु कला में वह रचना जिसपर क्रमशः पैर +हिं. (क्रि० वि०) छाती फुलाकर, अकड़कर तोड़ हिं रखते हुए ऊपर-नीचे चढ़ा उतरा जा सकता है, जीना 2 बाँस के (पु.) कुश्ती का एक पेंच पनाह (प.) जहाज़ में लंबाई दो बल्लों के लंबे टुकड़ों का बना लंबा ढाँचा जिसमें के बल दोनों ओर का किनारा; बंद (पू.) 1 अगिया, थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पैर रखने के लिए डंडे लगे रहते हैं चोली 2 घोड़े की पेटी 3 फतही. वास्कट; -बसीना [ 3 उन्नति क्रम (जैसे-जीवन की सीढ़ी पर चढ़ते जाना) 4 छापे (वि०) क्रमागत रूप में मिलता रहनेवाला II ( अ०) आदि के यंत्रों में काठ की सीढ़ी के आकार का खंड। नुमा 1 क्रमागत रूप से या में 2 मक़ाबले में, सामने; साफ़ +फा० (वि०). समसमुत्रत; चढ़ना क्रमशः ऊपर उठना, + अ (वि.) साफ दिल का, खरा; सियाह (वि.) खोटे उन्नति करना
दिल का; तानकर चलना 1 निर्भीक होकर चलना 2 घमंड सीतल-बो० (वि०) = शीतल। पाटी (स्त्री०) एक तरह । में रहना; - ताने खड़े होना मुक़ाबले से पीछे न हटना; की बढ़िया और चिकनी चटाई; बुकनी (स्त्री०) सत्तू । ~सीने पर पत्थर रखना बहुत कठोर बनना; सीने पर