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सहूलियत
सहूलियत - अ० (स्त्री०) 1 आसानी, सुगमता 2 सुभीता सहृदय-सं० (वि०) 1 कोमलचित्त 2 दयालु 3 सच्चा 4 समझदार 5 रसिक । ता (स्त्री०) 1 सहृदय होने की स्थिति 2 दयालुता, करुणा 3 कोमलता 4 रसज्ञता सहेजना - (स० क्रि०) 1 अच्छी तरह दिखलाकर सौंपना (जैसे- घर की सब चीजें सहेज देना) 2 अच्छी तरह देखना (जैसे- गहने सहेजना)
सहेजवाना - (स० क्रि०) सहजने का काम कराना सहेतुक - सं० (वि०) उद्देश्यवाला, मतलबवाला सहेलपना - ( पु० ) सखीपन
सहेली - (स्त्री०) सखी (जैसे-सहेली के घर चली जाना) सहैया - (वि०) 1 सहन करनेवाला (पु० ) 2 सहायता करनेवाला, सहायक
सहोदर - I सं० (वि०) 1 एक ही गर्भ से उत्पन्न 2 अपना और सगा II ( पु० ) सगा भाई
• सहोदरत्व-सं० (पु० ) सहोदर होने का भाव सहय-सं० (वि०) 1 सहने योग्य 2 प्रिय (जैसे- आपकी बात मुझे सह्य नहा है)
साँई - ( पु० ) 1 स्वामी, मालिक 2 परमात्मा, ईश्वर 3 पति 4 सिंधियों के प्रयुक्त आदरसूचक संबोधन साँकड़ - (स्त्री०) = साँकल साँकड़ा - (पु० ) पैरों में पहनने का कड़े के आकार का एक
गहना
साँकल - (स्त्री०) 1 जंजीर, श्रृंखला 2 सिकड़ी (जैसे- दरवाज़े की साँकल चढ़ा देना)
सांकल्पिक-सं० (वि०) 1 काल्पनिक 2 संकल्प संबंधी, संकल्प का
सांकालिक-सं० (वि०) उसी समय का सांकेतिक-सं० (वि०) 1 संकेत संबंधी 2 संकेत रूप में होनेवाला (जैसे- सांकेतिक शब्दावली, सांकेतिक परिभाषा ) 3 शब्द की अभिधा शक्ति से संबद्ध (जैसे-सांकेतिक अर्थ ) सांक्रामिक-सं० (वि०) - संक्रामक सांक्षेपिक-सं० (वि०) 1 संक्षिप्त 2 संकुचित सांख्य- 1 सं० (पु० ) भारतीय दर्शनों में से एक प्रसिद्ध दर्शन (जैसे-सांख्य के जनक महर्षि कपिल हैं) II (वि०) संख्या संबंधी, जो संख्या रूप में एक हो सांख्यिक सं० (वि०) संख्या शास्त्रीय
सांख्यिकी -सं० (स्त्री०) संख्या शास्त्र सांग -सं० (वि०) अंगयुक्त या अंगों से युक्त साँग - (स्त्री०) 1 बरछी 2 कुँए में पानी का सोता खोलने का एक औज़ार 3 बोझ उठाने का डंडा
सांध्य
सांघातिक-सं० (वि०) 1 हनन योग्य 2 संघात संबंधी 3 जिसके फलस्वरूप मृत्यु हो जाए 4 अत्यंत ख़तरे का सांघिक सं० (वि०) संघ संबंधी, संघीय साँच - I (पु० ) सच्ची बात II (वि०) सच्चा साँचला-बो० (स्त्री०) सत्यवादी
साँचा - (पु० ) 1 ढाँचा (जैसे ईंट ढालने का साँचा) 2 फरमा, कलबूत 3 प्रतिमान, मॉडल 4 रगरजों का ठप्पा साँचे में डला होना रूप आकार में अत्यंत सुंदर होना; साँचे में डालना सुंदर रूप देना
सांगठनिक - (वि०) संगठन संबंधी सॉंगी - (स्त्री०) 1 छोटी सॉंग 2 जुए पर गाड़ीवान के बैठने का स्थान 3 इक्के में बनी जाली
सांगोपांग - I ( वि० ) 1 अंगों, उपागों और उपनिषदों से युक्त
2 अंगों से पूर्ण II ( क्रि० वि०) 1 अच्छी तरह से 2 अंगों उपांगों सहित । ता (स्त्री०) सांगोपांग होने का भाव सांग्राहिक -सं० (वि०) संग्रह करनेवाला सांप्राणिक-सं० (वि०) संग्राम संबंधी सांघात -सं० (पु० ) संघात
सौचिया - ( पु० ) 1 साँचा बनानेवाला कारीगर 2 साँचे में ढालकर वस्तुएँ बनानेवाला कारीगर
साँझ - (स्त्री०) शाम, संध्या, सांयकाल | वि०) सुबह शाम साँझला-बो० (पु०) एक हल से जोती गई भूमि साँझा - (पु०) साझा
साँझी - (स्त्री०) मंदिर आदि पूजा स्थल पर स्त्रियों द्वारा चौक पूरने की एक लोक कला
साँट - (स्त्री०) 1 छड़ी, कोड़ा 2 छड़ी की चोट का सौटा - ( पु० ) 1 कोड़ा 2 करने का डंडा 3 डंडा 4. ईण् सौटिया-बो० (स्त्री०) डुग्गी पीटनेवाला
साँटी - 1 (स्त्री०) छोटी और पतली छड़ी साँटी - II ( स्त्री०) बदला, प्रतिकार साँठ-1 (पु० ) माँकड़ा
साँठ- II ( पु० ) मेल, योग। -गाँठ (स्त्री०) 1 गुप्त संधि 2 दुरधिमंधि, साजिश 3 हेल मेल
साँड़ - (पु० ) 1 बिना बधिया गाय का नर 2 शक्तिशाली व्यक्ति 3 आवारा या लंपट व्यक्ति । की तरह घूमना निश्चिंत होकर घूमना; की तरह डकारना ज़ोर से चिल्लाना साँड़नी - (स्त्री०) ऊँटनी
-सबेरे ( क्रि०
साँड्रिया - (पु० ) 1 ऊँट 2 उंट का सवार साँबू - (पु० ) माली का पति सांत सं० (वि०) 1 अंतयुक्त 2 प्रसन्न
सांता क्लाज-अं० (पु० ) क्रिसमस की संध्या पर बच्चों को उपहार देनेवाला एक बाबा
सांतानिकसं (वि०) संतान का, औलाद का सांनापिक (वि०) संताप उत्पन्न करनेवाला सांत्वनासंग (सी) 1 ढांढस बधाना 2 तसल्ली 3 तुष्ट करने का साधन 4 तुष्ट करनेवाला शब्द सांवाद -
मानना हेतु कही गई बात, सांत्वना का
वनन
2
साँथरी (स्त्री) नटाई बिछौना, बिस्तर 3 बिछाने की गद्दी साँदी (स्त्री नगर टका
सांदर्भिक समिट का संदर्भ से संबंधित सांद्र-संविभीर बना 2 प्रबल, तीव्र (जैसे सांद्र अम्ल) 3 अत्यधिक प्रचंड 5 कोमल मद । ता (स्त्री०) सांद्र होने का भाव सांद्रण-स. (पु) धना करना मांद्रित (वि बना किया हुआ सांधिक - 1 () शौडिक || (वि) मेल करानेवाला सांध्य-म० (वि) शाम का संध्याकालीन ।
- कुसुमा