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सजाई
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सड़ियल
पानेवाला; ~वार (वि०) 1सज़ा के योग्य 2 दंडनीय सटना-(अ० क्रि०) 1 एक साथ लग जाना, मिल जाना सजाई-(स्त्री०) = सजवाई
2 चिपकना सजागर-सं० (वि०) 1 जागता हुआ 2 होशियार, चतुर, सजग सटपट-(स्त्री०) 1 हिचकिचाहट, संकोच 2 द्विविधा सजात-सं० (वि०) 1 किसी जात से उत्पन्न 2 संबंधियों से सटपटाना-I (अ० क्रि०) 1संकोच करना, हिचकिचाना युक्त 3 समान वर्ग का (जैसे-सजात भाई बंधु)
2 भौचक्का होना 3 'सटपट' शब्द करना II (स० क्रि०) सजाति-सं० (वि०) 1 जाति का 2 एक ही प्रकृति का, समान 'सटपट' ध्वनि उत्पन्न करना। स्वभाववाला
सटर पटर-I (वि०) 1 बहुत मामूली 2 तुच्छ II (पु०) सजातीय-सं० (वि०) एक ही जाति का। ~ता (स्त्री०) उलझन, झंझट या बखेड़े का काम सजातीय होने का भाव
सटाना-(स० क्रि०) 1 एक साथ मिलाना (जैसे-पलंग को सजाना-(स० क्रि०) 1 आकर्षक और सुंदर बनाना दीवार से सटाना) 2 चिपकाना (जैसे-दीवार पर पोस्टर सटा (जैसे-बैठक का कमरा सजाना) 2 अलंकृत करना देना) 3 समीप लाना (जैसे-नायिका को सजाना)। बनाना (स० क्रि०) सटिप्पण-सं० (वि०) टिप्पणी सहित 1व्यवस्थित करना 2 सुंदर बनाना
सटियल- (वि०) घटिया, रद्दी सजाव (पु०), सजावट-(स्त्री०) 1 शोभा 2 तैयारी 3 सज्जा, | सटीक-I सं० (वि०) टीका सहित, व्याख्यासहित अलंकरण
__ (जैसे-सटीक रामायण) II (वि०) बिल्कुल ठीक, उपयुक्त सजावटी-(वि०) सजावट संबंधी
सटोरिया-(पु०) सट्टेबाज़, सट्टा खेलनेवाला सजिल्द-सं०+अ० (वि०) जिल्द सहित (जैसे-सजिल्द | सट्टा-(पु०) 1 इक़रारनामा 2 व्यापारियों द्वारा खेला जानेवाला पुस्तक)
एक प्रकार जूआ। बट्टा (पु०) 1 चालबाज़ी 2 छलपूर्ण सज़ीदा-फ़ा० (वि०) योग्य, लायक
मेलजोल सजीला-(वि०) 1 आकर्षक और सुंदर (जैसे-सजीली सट्टी-(स्त्री०) जहाँ एक ही प्रकार की वस्तुओं का व्यापार हो नायिका, सजीला नौजवान) 2 संदर और सडौल
ऐसा बाज़ार, हाट (जैसे-घास की सट्टी, तरकारी की सट्टी) सजीव-I सं० (वि०) 1 जीव युक्त 2 जीवित 3 तेज़, फुर्तीला सट्टेबाज़-हिं० +फा० (पु०) अधिक लाभ के लिए बिना (जैसे-सजीव खिलाड़ी) II (पु०) प्राणी, जीवधारी। -ता जोखिम उठाए सौदा करनेवाला (स्त्री०) 1 तेज़ी, फुर्ती 2 सजीव होने का भाव
सट्टेबाज़ी-हिं० +फ़ां० (स्त्री०) सट्टेबाज़ का काम सजीवन-(पु०) संजीवनी नाम की बूटी
सठियाना-(अ० क्रि०) 1 साठ वर्ष का होना 2 बुड्ढा होना सजूरी-(स्त्री०) एक प्रकार की मीठी पूरी
3 मानसिक शक्ति का ह्रास होना सजोना-(स० क्रि०) बो० = सजाना ।
सठियाव-(पु०) सठिया जाने की अवस्था सज्जन-सं० (पु०) 1 भला आदमी 2 शरीफ़ 3 अच्छे कुल का सड़क-(स्त्री०) मोटर, गाड़ी, टाँगा आदि चलने का पक्का व्यक्ति 4 प्रिय व्यक्ति (जैसे-सज्जनों, मेरी बात सुनिए)।। मार्ग। निर्माण + सं० (१०) रास्ते का निर्माण, मार्ग ता (स्त्री०) सजन होने का भाव
बनाना सज्जा-सं० (स्त्री०) 1साज सामान 2 सजावट (जैसे-गह की सड़न-(स्त्री०) सड़ने की अवस्था (जैसे-फल आदि की सज्जा) 3 पोशाक (जैसे-सैनिक सज्जा)। ~कार (पु०) सड़न)। ~रोक (वि०) सड़न रोकनेवाला सजावट करनेवाला
सड़ना-(अ० क्रि०) 1 दुर्गंधयुक्त होना (जैसे-लाश का सज्जित-सं० (वि०) 1 सजा हुआ, अलंकृत 2 सामान आदि से सड़ना) 2 काम के योग्य न रह जाना (जैसे-फल, सब्जी का युक्त, तैयार (जैसे-सज्जित सेना)
सड़ना) 3 हीनावस्था में पड़े रहना (जैसे-जेल में कैदियों का सज्जी (स्त्री०), सजीखार-(पु०) मिट्टी के रंग रूप का एक सड़ना) प्रकार का प्रसिद्ध क्षार
सड़सठ-I (वि०) साठ से सात अधिक II (पु०) '67' की सज्ञान-सं० (वि०) 1 ज्ञानवाला 2 समझदार 3 प्रौढ़, वयस्क, संख्या बालिग 4 सचेत, सावधान
सड़सी-(स्त्री०) = सँड़सी सटक-(स्त्री०) 1 खिसकने का भाव 2 डंठल 3 मुड़नेवाला सडाँध-(स्त्री०) = सड़ायँध
सड़ागला-(वि०) सड़ा और गला सटकना-I (अ० क्रि०) धीरे से खिसक जाना, चंपत होना, सड़ान-(स्त्री०) = सड़न रफूचक्कर होना II (स० क्रि०) कूटना, पीसना
सड़ाना-(स० क्रि०) 1 दुर्गध उत्पन्न कराना (जैसे-खाद सटकाना-(स० क्रि०) 'सट' 'सट' की आवाज़ पैदा करना सड़ाना, आम सड़ाना) 2 दुर्गति करना (जैसे-जेल में कैदियों (जैसे-कोड़ा सटकाना)
को सड़ाना) सटकारना-(स० क्रि०) 1 छड़ी आदि से मारना 2 झटकारना | सड़ायध-(स्त्री०) सड़ने से उत्पन्न बदबू, सडाँध सटकारी-(स्त्री०) पतली और लचकदार छड़ी
सड़ाव-(पु०) = सड़न सटक्का -(पु०) झपट, दौड़ (जैसे-सटक्का मारना)। सड़ासड़-अ० 'सड़' शब्द के साथ (जैसे-सड़ासड़ मारना, ~मारना तेज़ी से दौड़ना
सड़ासड़ कोड़े लगाना) सड़ियल-(वि०) 1 सड़ा हुआ 2 अत्यंत निम्न कोटि का
नैचा