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सदरी 800
सधाना मुख्य अदालत; ~आला (पु०) छोटा जज; दरवाज़ा | सदृश-सं० (वि०) 1 समान, एक जैसा 2 योग्य, उपयुक्त मुख्य फाटक; नशीन फा० (पु०) सभा का सभापति; 3 उचित। ता (स्त्री०) 1सदृश होने की स्थिति
बाज़ार + फा० (पु०) ख़ास बाज़ार; ~मक़ाम (पु०) ___ 2 समानता, तुल्यता मुख्यालय, हेडक्वार्टरस; ~मालगुज़ार + अ० + फा० सदेह-[सं० (वि०) 1शरीर से युक्त 2 प्रत्यक्ष, मूर्तिमान (पु०) सरकार को मालगुज़ारी देनेवाला व्यक्ति; ~मुकाम | II (क्रि० वि०) शरीर धारण करने की अवस्था में (पु०) = सदर मक़ाम
सदैव-सं० (क्रि० वि०) सदा, हमेशा सदरी-अ० (स्त्री०) बिना आस्तीन की करती
सदोष-सं० (वि०) 1 दोषी 2 दोषयुक्त सदसत्-[सं० (वि०) 1 सत् और असत् 2 सच और झूठ सदगति-सं० (स्त्री०) 1 अच्छी हालत 2 मुक्ति 3 सदाचरण 3 अच्छा और बुरा II (पु०) 1 अस्तित्व और अनास्तित्व सदगुण-सं० (पु०) अच्छा गुण 2 सच्ची और झूठी बात 3 अच्छाई और बुराई
सदगुरु-सं० (पु०) 1 अच्छा और श्रेष्ठ गुरु 2 परमात्मा सदसद्विवेक-सं० (पु०) अच्छे और बुरे की पहचान, भले बुरे | (जैसे-अंतर्मन में सदगुरु का दर्शन) का ज्ञान
सदग्रंथ-सं० (पु०) सन्मार्ग बतलानेवाली पुस्तक सदस्य-सं० (पु०) सभा, संस्था, समाज से संबंध रखनेवाला सदज्ञान-सं० (पु०) अच्छा ज्ञान व्यक्ति, सभासद, मेंबर (जैसे-लोक सभा का सदस्य, लोक सदबुद्धि-सं० (स्त्री०) अच्छा विवेक सेवा आयोग का प्रधान सदस्य)। ता (स्त्री०) सदस्य होने सदभाम्य-सं० (पु०) अच्छा भाग्य का भाव; ~ता शुल्क (पु०) सदस्य होने का चंदा सदभाव-सं० (पु०) शुभ भाव सदस्या-सं० (स्त्री०) महिला सदस्य
सदभावना-सं० (स्त्री०) 1 हित की भावना 2 छल-कपट सदस्यीय सं० (वि०) सदस्य संबंधी (जैसे-बारह सदस्यीय आदि से रहित विचार टीम, चार सदस्यीय समिति)
सदभावी-सं० (वि०) 1 सदभाव से युक्त 2 सदाशयी सदहा-फ़ा० (वि०) सैकडों, बहुत से
सदम-सं० (१०) 1रहने का स्थान 2 घर सदा-I (क्रि० वि०) 1 हर समय, हर वक्त 2 लगातार, निरंतर | सद्यः-सं० (अ०) 1 आज ही 2 इसी समय, अभी 3 तुरंत, 3 हर स्थिति में
तत्काल (जैसे सद्यः प्रसूता)। ~गृहीत (वि०) = सद्यः सदा-II अ० (स्त्री०) 1 आवाज़ 2 पुकार
प्राप्त; जात (वि०) जो तुरंत उत्पन्न हुआ हो (जैसे-सद्यः सदाक़त-अ० (स्त्री०) सत्यता, सच्चाई
जात कन्या); ~प्रसूत (वि०) तुरंत का जन्मा हआ; सदाचरण-सं० (पु०) अच्छा चाल चलन
प्रसूता (वि०/स्त्री०) हाल ही में बच्चा जननेवाली; सदाचार-सं० (पु०) अच्छा व्यवहार। ~संहिता (स्त्री०) प्राप्त (वि०) तुरंत पाया हुआ; ~मृत (वि०) अभी का नैतिक आचरण की नियम पुस्तिका
मरा हुआ; रंजित (वि.) तुरंत का रंगा हआ (जैसे-सद्यः सदाचारिणी-सं० [ (स्त्री०) सच्चरित्र नारी II (वि०) अच्छे रंजित तस्वीर) चाल चलनवाली
सद्यस्क-सं० (वि०) 1 वर्तमान काल का 2 इसी समय का सदाचारिता-सं० (स्त्री०) सदाचारी होने का भाव ___ 3 ताजा 4 अजेट, आवश्यक सदाचारी-सं० (वि०) 1 अच्छे आचरणवाला 2 सवत्तिशील | सद्योजात-सं० (पु०) नवजात शिशु सदाफल-सं० (वि०) सदा फल देनेवाला (वृक्ष) सद्वंशज-सं० (वि०) अच्छे कुल में उत्पन्न, कुलीन सदाबहार-सं० + फा० (वि०) 1 सदा हरा भरा रहनेवाला सदवृत्ति-सं० (स्त्री०) सदव्यवहार, सदाचार 2 जिसमें सदा फूल लगते रहें ।
सदव्यवहार-सं० (पु०) सदाचार, अच्छा चाल चलन सदाभव-सं० (वि०) हमेशा होनेवाला निरंतर
सदव्रत-सं० (वि०) सदाचारी सदारत-अ० (स्त्री०) = सभा पतित्व
सधना-(अ० क्रि०) 1 सिद्ध होना, पूरा होना 2 उद्देश्य पूर्ति सदावर्त-(पु०) नित्य भोजन बाँटना
होना, मतलब पूरा होना (जैसे-काम सधना) 3 अभ्यस्त होना सदावर्ती-(वि०) सदावर्त का पालन करनेवाला
(जैसे-हाथ सधना) 4 निश्चित या नियत स्थान पर लगना सदाशय-सं० (वि०) उच्च विचारोंवाला, सज्जन। -ता (जैसे-निशाना सधना) 5 कार्य हेतु उपयुक्त होना (स्त्री०) सज्जनता
(जैसे-साइकिल पर शरीर सधना) 6 संभलना 7 नापा जाना, सदा सुहागिन-I (स्त्री०) सदा सौभाग्यवती रहनेवाली स्त्री || साधा जाना (जैसे-तराजू सधना) (वि०) सदा सौभाग्यवती रहनेवाली
सधन्यवाद-सं० (क्रि० वि०) धन्यवाद के साथ सदाहरित-सं० (वि०) - सदा हरित
सधर्मक-सं० (वि०) 1 एक ही प्रकार का 2 समान, तुल्य सदिच्छा-२० (स्त्री०) हार्दिक इच्छा
3 सच्चा और सरल 4 समान धर्म का अनुयायी सदी-फा० (स्त्री०) 1 शताब्दी, शती (जैसे-पहली सदी,. सधर्मा-सं० (वि०) समान गुण और धर्मवाला
बीसवीं सदी) 2 सौ वस्तुओं का समूह, सैकड़ा सधर्मिणी-सं० (स्त्री०) पत्नी, भार्या । सदुद्देश्य-सं० (पु०) अच्छा उद्देश्य ।
सधर्मी-सं० (वि०) समान धर्म का अनुयायी सदुपदेश-सं० (पु०) 1 अच्छा उपदेश, उत्तम शिक्षा 2 बढ़िया सधवा-सं० (स्त्री०) सुहागिन, सौभाग्यवती सलाह
सधाना-(स० क्रि०) 1साधने का काम कराना 2 पालत सदुपयोग-सं० (पु०) सत्यकार्य में लगाना
बनाकर आचरण सिखाना 3 अनुकूल बनाने के लिए परचाना