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सबकमेटी
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सबकमेटी-अ० (स्त्री०) उपसमिति
1शिष्ट व्यक्ति 2 विद्वान् सबज़-फा० (वि०) = सब्ज
सभों-(सर्व०) सब ने, सब को सबजज-अं० (पु०) छोटा जज
सध्य-I सं० (वि०) 1 शिष्ट, सिविल 2 संस्कृत (जैसे-सभ्य सबट्रापिक्स-अं० (पु०) उपोष्ण प्रदेश
जगत्) 3 नम्र (जैसे-सभ्य और सुशील बालक) II (पु०) सबब-अ० (पु०) 1कारण, हेतु 2 साधन
भला आदमी (जैसे-वह बहुत ही सभ्य है)। ~ता (स्त्री०) सबर-अ० (पु०) = सब्र
1 सभ्य होने का भाव 2 नम्रता 3 शिष्टता सबर्बन-अं० (वि०) उपनगरीय
सभ्येतर-सं० (वि०) सभ्य से भिन्न, उजडु सबल-सं० (वि०) बलवान, ताक़तवर
समंजन-सं० (पु०) 1 जोड़ बैठाना 2 हिसाब किताब बराबर सब स्टेशन-अं० (पु०) अधीन स्टेशन, छोटा स्टेशन
करना 3 मेल मिलाना सबा-अ० (स्त्री०) प्रातःकाल की हवा
समंजस-सं० (वि०) 1 उचित, वाज़िब 2 मेल खानेवाला सबार्डिनेट जज-अं० (पु०) मुंसिफ़
3 अभ्यस्त सबील-अ० (स्त्री०) 1 साधन, द्वार 2 उपाय, युक्ति 3 पौसरा, | समंत -I सं० (पु०) किनारा, सिरा II (वि०) 1 समस्त, सारा प्याऊ
2 सार्वजनिक। ~दी (वि०) सर्वदर्शी सबू-फा० (पु०) 1 मटका, गगरी 2 शराब रखने का पात्र | समंदर-फ़ा० (पु०) समुद्र सबूत-अ० (पु०) प्रमाण। -पक्ष + सं० (पु०) (मुकदमे | सम-सं० (वि०) 1 एक ही, अभिन्न 2 एक सा, सदृश 3 बराबर का) प्रमाणक पक्ष
4 चौरस 5 ग० जिसमें दो से भाग देने पर कुछ न बचे, सबूरी-अ० (स्त्री०) संतोष, सब
(जैसे-सम और विषम संख्याएँ) 6 निष्पक्ष (जैसे-समभाव, सबेरा-(पु०) - सवेरा
समदान) 7 साधारण (जैस-समरूप) 8 सीधा (जैसे-सम सबेरे-(क्रि० वि०) = सवेरे
रेखा) 9 उपयुक्त, सुविधा जनक (जैसे-सम परिस्थिति) 10 सब्ज़-फ़ा० (वि०) 1 हरा भरा 2 कच्चा और ताज़ा 3 भला, उदासीन। -अवस्था (स्त्री०) समान दशा; ~कक्ष शुभ। -क़दम • अ० (वि०) अशुभ चरणोंवाला. मनहस; (वि०) 1 समान ऊँचाई का 2 समान पदवाला 3 जोड़ वा बखन (वि०) सौभाग्यशाली। बाग दिखाना धोखा बराबरी का; ~कालिक (वि०) एक ही समय होनेवाला;
~कालीन (वि०) एक ही समय का, सम सामयिक; सब्ज़ा-फा० (पु०) हरियाली
केंद्रिक (वि०) जिनका केंद्र एक ही हो; ~कोण | सब्जी-फ़ा० (स्त्री०) 1 साग पात, हरी तरकारी 2 हरियाली। (वि०) बराबर कोणोंवाला II (पु०) 90° का कोण;
~फ़रोश (पु०) सब्जी बेचनेवाला; -मंडी - हिं० क्रमण (पु०) एक ही समय अनेक घटनाओं का घटना; (स्त्री०) साग सब्जी तथा फल आदि बिकने की जगह
चतुर्भुज (पु०) वह समांतर चतुर्भुज जिसकी चारों भुजाएँ सब्जेक्ट-अं० (पु०) 1 प्रजा, रैयत 2 विषय
बराबर हों; ~चर (वि०) समान आचरण करनेवाला; सब्बल-(पु०) गदाला
-चित्त (वि०) 1 धीर, शांत 2 उदासीन 3 एक ही विषय पर सब्र-अ० (पु०) 1 सहन, बर्दाश्त 2 धैर्य 3 तसल्ली केंद्रित; जातीय (वि०) 1 समान जाति का 2 एक ही सभा-सं० (स्त्री) 1 समिति, परिषद् (जैसे-राज सभा)
प्रकार का; तल (वि०) चौरस, हमवार (जैसे-समतल 2 मंडली (जैसे-विद्वानों की सभा) 3 संस्था (जैसे-काशी
भूमि); तलन (पु०) सम करने का काम; ~ता (स्त्री०) नागरी प्रचारिणी सभा) 4 जमघट, समूह (जैसे-गुंडों, बदमाशों 1 बराबरी, तुल्यता 2 संतुलन; तापमंडल (पु०) वह क्षेत्र की सभा) 5 दरबार (जैसे-राजा की सभा) 6 न्यायालय जहाँ ताप सदा समान रहता है; तुलन (पु०) 1 समान -कक्ष (पु०) सभा का कमरा, हाल, गृह (पु०) - तौलना 2 समान रखना; ~तुलित (वि०) समतुलन किया सभा भवन: चतुर (वि०) सभा में बातचीत करने में हुआ; तोल + हिं० (वि०) समान, बराबर; ~तोलन कुशल: ~चातुर्य (पु०) सभा में बात करने की चतुरता; (पु०) समान रखना; त्रिभुज (१०) वह त्रिभुज जिसमें
त्याग (पु०) सभा से बाहर चले जाना; - पति (१०) तोनों भुजाएँ बराबर हों; दर्शन [ (पु०) एक समान सभा का अध्यक्षः -पतित्व (पु०) सभापति का पद और समझना I (वि०), समदर्शी; 2 समान रखना एक समान कार्य: पतिपद (पु०) सभा में अध्यक्ष का पद: भवन देखनेवाला; दृष्टि (स्त्री०) - समदर्शन; द्विभुज (पु०) सभा का कमराः -मंडप (प.) सभा लगाने का
(वि०). दो समान भुजाओंवाला (जैसे-समद्विभुज त्रिभुज); शामियाना; -सचिव (पु०) . सदन सचिव
~धर्मा (वि०) समान धर्म या स्वभाव का; बल (वि०) सभागा-(वि०) 1 भाग्यशाली 2 सुंदर
बराबर की ताकतवाला; ~भाग (पु०). बराबर हिस्सा; सभागार-सं० (१०) सभागृह ..
~भागी (वि०) बराबर हिस्सा पानेवाला; ~भाव (पुर) सभाध्यक्ष-सं० (पु०) सभापति .
समान मनोवृत्ति; भिन्न (पु०) वह भिन्न जिसके अंश और सभाध्यक्षा-सं० (स्त्री०) महिला सभापति
हर दोनों पूर्णांक हों (जैसे-2/5); ~भुज (वि०) समान सभासद-सं० (पु०) । सदस्य 2 अदालत की पंचायत का भुजाओंवाला (जैसे-समभुज त्रिभुज); ~भूमि (स्त्री०) सदस्य
समतल ज़मीन;.. ..मित . (वि०) समानता.और सभी- (सर्व०) सब ही
एकरूपतावाला, सममिति से युक्त; "मिति (स्त्री०) सभेय-1 सं० (वि०) 1 सभा के योग्य 2 विद्वान् || (पु०) | आपेक्षिक और पारस्परिक एकरूपता, ठीक और समंजित
विभुज
न धर्म या (जसे-समान