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शून्यमय
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शैल
शून्यमय-सं० (वि०) निष्फल, व्यर्थ
(जैसे-शेख़ी मारना)। ~बाज़ + फ़ा० (पु०) शेख़ी शून्याकाश-सं० (वि०) निराकार
बघारनेवाला व्यक्ति शूर-सं० (पु०) 1 वीर, बहादुर 2 योद्धा, सूरमा 3 बढ़ चढ़कर शेड-अं० (पु०) छाजन, छाया (जैसे-दान शूर, शब्द शूर)। ~ता (स्त्री०) 1 शूर होने का | शेयर-अं० (पु०) हिस्सा, भाग। पूँजी + हिं० (स्त्री०) भाव 2 शूर का धर्म; ~वीर (पु०) 1वीर व्यक्ति 2 योद्धा; हिस्से की पूँजी; ~बाज़ार + फ़ा० (पु०) सट्टा बाज़ार; ~वीरता (स्त्री०) शौर्य, शूरता, बहादुरी
~होल्डर (पु०) हिस्सेदार, अंशधारी शूरत्व-सं० (पु०) = शूरता
शेर-[ अ० (पु०) फारसी, उर्दू आदि की दो चरणों की कविता शूरमानी-सं० (पु०) अपने को वीर माननेवाला
(जैसे-ग़ालिब के शेर) शूर्य-सं० (पु०) अनाज फटकने का सूप
शेर-II फ़ा० (पु०) सिंह (जैसे-शेर की माँद)। ~गढ़ी + शूल-सं० (पु०) विकट पीड़ा। पाणि (पु०) शिव हिं० (स्त्री०) शेर की माँद; ~पंजा (पु.) शेर का पंजा; शूली-(स्त्री०) शूलधारी, शिव
बच्चा (पु०) 1 शेर का बच्चा 2 बहादुर व्यक्ति; बबर श्रृंखल-I सं० (पु०) 1 बेड़ी और हथकड़ी नियम, कायदा II (पु०) सिंह, केसरी (जैसे-शेर बबर की आवाज़); ~मर्द (वि०) 1 व्यवस्थित और ठीक 2 नियम आदि के अधीन । (वि०) शेर की तरह शक्तिशाली; ~मर्दी (स्त्री०) शेर की ~ता (स्त्री०) क्रमबद्ध होने का भाव
तरह शक्ति; ~की नज़र घूरना कोपभरी दृष्टि से देखना; श्रृंखला-सं० (स्त्री०) 1 क्रम से आनेवाली घटनाएं, वस्तुएं ~के मुँह में जाना जान जोखिम में डालना; ~के मुँह से
आदि 2 कतार, श्रेणी 3 मेखला, करधनी। ~बद्ध (वि०) शिकार लेना ज़बरदस्ती छीन लेना; बकरी का एक घाट क्रम युक्त
पानी पीना एक सा व्यवहार होना; होना हौसला बढ़ना श्रृंखलात्मक-सं० (वि०) श्रृंखला संबंधी
शेरनी-फ़ा० + हिं० (स्त्री०) शेर की मादा श्रृंखलित-सं० (वि०) श्रृंखला में बँधा हुआ
शेरवानी-(स्त्री०) अचकन जैसा कोट श्रृंग-I सं० (पु०) 1सींग 2 चोटी, शिखर (जैसे-पर्वत श्रृंग) , शेल्फ़-अं० (स्त्री०) आलमारी का खाना, टाँड़ II (वि०) तेज़, तीक्ष्ण
शेव-अं० (पु०) हजामत श्रृंगार-सं० (पु०) 1 सजावट (जैसे-नारी का श्रृंगार) | शेवाल-सं० (पु०) सेंवार, काई, शैवाल 2 सुंदरता, शोभा आदि को निखारनेवाला तत्त्व (जैसे-लज्जा तो शेविंग-अं० (स्त्री०) हजामत बनाना, दाढ़ी बनाना। ~ब्रश नारी का श्रृंगार है) 3 सजावट का सामान (जैसे-श्रृंगार | (पु०) दाढ़ी बनाने का ब्रुश प्रसाधन) 4 साहि० एक रस जिसमें प्रेमी और प्रेमिका के शेष-I सं० (वि०) 1 बचा हआ, बाक़ी (जैसे-शेष रुपए को पारस्परिक प्रेम की चर्चा होती है (जैसे-संयोग श्रृंगार और बैंक में जमा कर देना) 2 छोड़ा हुआ (जैसे-शेष धन राशि) वियोग श्रृंगार)। ~काव्य (पु०) प्रेम प्रधान काव्य; ~रस 3 उच्छिष्ट (जैसे-थाली का शेष भोजन) II (पु०) (पु०) = श्रृंगार; ~हाट + हिं० (स्त्री०) ऐसी दुकान जहाँ 1 अवशिष्ट अंश 2 ग० बड़ी संख्या में से छोटी संख्या को सौंदर्य प्रसाधन उपलब्ध हों
घटाने पर बची हुई संख्या (जैसे-भाग देने पर कितना शेष श्रृंगारिक-सं० (वि०) श्रृंगार संबंधी। ता (स्त्री०) श्रृंगारिक बचा); ता (स्त्री०) शेष का भाव; नाग (पु०) सर्पराज भाव
शेष; पर्यंक शायी (पु०) = शेषशायी; ~भाग (पु०) श्रृंगारित-सं० (वि०) श्रृंगार किया हुआ
बचा हुआ अंश; ~शायी (पु०) विष्णु श्रृंगारिया-सं० + हिं० (पु०) 1 श्रृंगार की कला में निपुण शेषत्व-सं० (पु०) शेषता व्यक्ति 2 बहुरूपिया
| शेषांश-सं० (पु०) = शेष भाग अंगी-I सं० (पु०) सींगवाला जानवर II (वि०) 1 श्रृंग शेषोक्त-सं० (वि०) अंत में कहा हुआ संबंधी 2 श्रृंग युक्त
शैक्षणिक सं० (वि०) 1 शिक्षा संबंधी 2 शिक्षाप्रद शृगाल-सं० (पु०) 1 सियार, गीदड़ 2 कायर या डरपोक शैक्षिक-सं० (वि०) शिक्षा का व्यक्ति (जैसे-शृगाल जैसी बातें मत करो) 3 खुल, दुष्ट शैतान-अ० (पु०) 1 दुष्टदेव योनि, भूत-प्रेत आदि (जैसे-श्रृगाल कहीं का)
2 अत्यधिक दुष्ट व्यक्ति (जैसे-शैतान के मुँह क्यों लगता है) शेअरहोल्डर-अं० (पु०) = शेयरहोल्डर
3 उपद्रव खड़ा करानेवाला; ~का बच्चा दुष्ट व्यक्ति; ~की शेख-अ० (पु०) 1 इस्लाम धर्म का उपदेशक 2 वृद्ध और आँत लंबी कथा; ~की खाला कलह करने वाली स्त्री; पूज्य व्यक्ति पीर (जैसे-शेख़ साहब का उपदेश सुनना) ~के कान काटना शैतानी में शैतान से बढ़ जाना; 3 पैगंबर मुहम्मद के वंशजों की उपाधि । -चिल्ली + हिं० -चढ़ना, ~लगना भूत-प्रेत आदि का आवेश होना; (पु०) 1 कल्पित मूर्ख व्यक्ति 2 मूर्ख व्यक्ति; सद्दो + हिं० सवार होना 1 गुस्सा चढ़ना 2 बुराई पर आमादा होना (पु०) मुसलमान स्त्रियों के उपास्य एक कल्पित 3 ज़िद चढ़ना
शैतानी-I अ० + फ्रा० (वि०) शैतान संबंधी II (स्त्री०) शंखर-सं० (पु०) 1 शीर्ष, सिर, माथा 2 मुकुट 3 शिखर | शरारत, दुष्टता 4 श्रेष्ठता का सूचक पद
शैत्य-सं० (पु०) शीतलता, ठंडक शेखी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 अभिमान, घमंड, दर्प 2 झूठी | शैथिल्य-सं० (पु०) शिथिलता शान, अकड़ (जैसे-शेखी दिखाना, शेखी झाड़ना) 3 डींग | शैल-I सं० (वि०) 1 पत्थर का 2 पथरीला 3 कड़ा, कठोर II
पीर