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शैलिकी
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शोषण
(पु०) 1 पहाड़, पर्वत 2 चट्टान। ~माला (स्त्री०) पर्वत शोध-सं० (पु.) 1 शुद्ध करना 2 खोज करना। ~कर्ता श्रेणी; विज्ञान (पु०) - शिला विज्ञान
(पु०) शोध करनेवाला; ~कार्य (पु०) शोध का काम; शैलिकी-सं० (स्त्री०) शैल विज्ञान
~ग्रंथ (पु०) = शोध निबंध; छात्र (पु०) शोध शैली-सं० (स्त्री०) 1 ढंग, तरीक़ा 2 साहि० विचार प्रकट करने करनेवाला विद्यार्थी; निबंध (पु०) खोज प्रबंध, थिसिस;
का ढंग (जैसे-भारतेंदु की काव्य और गद्य शैली) 3 वस्तु ~परक, ~पूर्ण (वि०) खोजमूलक; ~प्रणाली (स्त्री०) निर्माण का कलापूर्ण ढंग (जैसे-मुग़ल शैली, पहाड़ी शैली)। शोध करने की विधि; ~प्रदर्शक (वि०) = शोध पूर्ण;
~कार (पु०) नई शैली का प्रचलन करनेवाला; ~गत प्रबंध (पु०) = शोध निबंध; ~मूलक (वि०) : (वि०) शैली संबंधी; विज्ञान (पु०) शैली की भिन्नताओं शोधपूर्णः ~शाला (स्त्री०) = शोधन शाला; ~संस्थान से संबंधित विज्ञान; शिल्प (पु०) कारीगरी करने की रीति (पु०) अनुसंधान केंद्र शैलूष-सं० (पु०) अभिनेता, नट
शोधक-सं० (वि०) शोध करनेवाला शैलेय-सं० (वि०) 1 पथरीला 2 शैल संबंधी
शोधन-सं० (पु०) शोध करना। ~शाला (स्त्री०) शोध शैल्पिक-सं० (वि०) शिल्प संबंधी
कार्य करने की जगह (जैसे-पेट्रोलियम की शोधनशाला); शैल्य-सं० (वि०) 1 पत्थर का 2 पहाड़ी 3 पथरीला ~शेष (पु०) कर चुकाने के बाद की बाक़ी शैव-सं० (वि०) शिव संबंधी, शिव का (जैसे-शैव दर्शन)। | शोधना-सं० + हिं० (स० क्रि०) 1 साफ़ करना 2 खोजना, ~कालीन (वि०) शैव काल का
ढूँढ़ना शैवाल-सं० (पु०) = सेवार
शोधनाक्षम-सं० (वि०) कर चुकाने में असमर्थ, दिवालिया शैशव-सं० (वि०) शिशु संबंधी, बच्चों का। काल (पु०) शोधार्थी-सं० (वि०) शोध करनेवाला ___ = शिशु काल
शोधित-सं० (वि०) शोध किया हुआ शैशवावस्था-सं० (स्त्री०) शिशु की अवस्था
शोफ़र-फ्रैंच० (पु०) ड्राइवर, चालक शैशविकी-सं० (स्त्री०) शिशओं से संबंधित विज्ञान शोभन-सं० (वि०) 1 शोभा से युक्त 2 शोभा बढ़ानेवाला शैशिर-सं० (वि०) 1 शिशिर संबंधी 2 शिशिर ऋतु में शोभा सं० (स्त्री०) 1 सुंदरता 2 चमक, कांति 3 शान, होनेवाला
सजावट। यात्रा (स्त्री०) उत्सव, पर्व आदि पर निकाला शो-अं० (पु०) प्रदर्शन, दिखावा। -केस (पु०) प्रदर्शन गया जुलूस मंजूषा
शोभान्वित-सं० (वि०) शोभा से युक्त, सुंदर शोक-सं० (पु०) दुःख। -कारक (वि०) शोक उत्पन्न शोभामय-सं० (वि०) शानवाला करनेवाला; ~ गीत (पु०) दुःखभरा गीत; ~ग्रसित | शोभायमान-सं० (वि०) शोभा देता हआ, सुंदर (वि०) = 1 शोकाकुल; ~~ग्रस्त (वि०) शोक में डूबा हुआ; शोभित-सं० (वि०) 1 शोभा से युक्त, सुंदर 2 सजा हुआ
जनक (वि०) दुःख देनेवाला; दुःख (पु०) = शोक; | (जैसे-सुशोभित वाटिका, शोभित गृह) -प्रकाश (पु०) शोक प्रकट करना; ~संगीत (प०) शोर-फ़ा० (पु०) 1 हल्ला, कोलाहल 2 धूम, प्रसिद्धि दुःखभरा संगीत; ~संतप्त (वि०) = शोकाकुल; ~संताप | 3 उन्माद। ~गुल (पु०) हल्ला; ~शराबा (पु०) = शोर (पु०) = शोक; ~संवेदना (स्त्री०) = शोक प्रकाश; शोरबा-फा० (पु०) सब्जी, माँस आदि का रसा (जैसे-मछली
सभा (स्त्री०) किसी की मृत्यु पर शोक प्रकट करने के | का शोरबा) लिए बैठक; ~सूचक (वि०) दुःख की सूचना देनेवाला; | शोरबेदार-फ़ा० (वि०) शोरबा युक्त हारी (वि०) दुःख हरनेवाला
शोरा-फा० (पु०) सफ़ेद क्षार । ~पुश्त (वि०) 1 उदंड शोकांत-सं० (पु०) शोक का अंत
2 लड़ाका; शोरे की पुतली अति गौर वर्ण युवती शोकाकुल-सं० (वि०) शोक से व्याकुल
शोरिश-फा० (स्त्री०) 1 खलबली, हलचल 2 बग़ावत, विद्रोह शोकातुर-सं० (वि०) शोक से विह्वल
शोला-अ० (पु०) आग की लपट, ज्वाला शोकार्त-सं० (वि०) शोक से विकल
शोशा-फा० (पु०) 1 नोक 2 अनोखी बात 3 व्यंग्यपूर्ण बात। शोकाविष्ट-सं० (वि०) अत्यंत संतप्त और व्याकुल -निकालना झगड़ा खड़ा करनेवाली बात कहना शोख़-फा० (वि०) 1 नटखट, चंचल, चपल (जैसे-शोख़ | शोष-सं० (पु०) 1 सूखने की क्रिया 2 शुष्कता, खुश्की बालिका, शोख अदाएं, शोख़ नयन) 2 तेज़, चटकीला 3 ढीठ ___ 3 बच्चों का सुखंडी नामक रोग और निडर (जैसे-शोख़ युवती)
शोषक-I सं० (वि०) सोखनेवाला II (पु०) दूसरों का धन शोखी-फा० (स्त्री०) शोख़ होने का भाव
आदि हरण करनेवाला व्यक्ति। ~श्रेणी (स्त्री०) गरीब तथा शोच-सं० (पु०) 1 दुःख, रंज 2 चिंता, फिक्र
कमज़ोर वर्ग के लोगों का श्रम और धन का शोषण करनेवाला शोचनीय-सं० (वि०) शोच करने योग्य
समूह शोच्य-सं० (वि०) 1 दुःख के योग्य 2 चिंता के योग्य शोषण-सं० (पु०) 1सोखना (जैसे-जल शोषण) 2 दूसरे के शोण-I सं० (वि०) लाल II (पु०) लाल रंग श्रम का अनुचित लाभ उठाना (जैसे-ग़रीबों का शोषण) शोणित-I सं० (वि०) लाल रक्त वर्ण का II (पु०) रक्त, 3 क्षीण या दुबला करना। दोहन (पु०) शोषण करके
निचोड़ लेना; ~मुक्त (वि०) = शोषणहीन; यंत्र (पु०) शोथ-सं० (पु०) सूजन
सुखाने की मशीन; हीन (वि०) बिना शोषण का