________________
विस्तारित
विस्तारित सं० (वि०) विस्तार किया हुआ विस्तारीकरण -सं० ( पु० ) विस्तार करने का कार्य विस्तीर्ण सं० (वि०) विस्तृत
विस्तृत - सं० (वि०) 1 विस्तारवाला 2 विस्तारपूर्वक बताई गई
(जैसे- विस्तृत कथा)
विस्तृति सं० (स्त्री०) 1 फैलाव 2 व्याप्ति
=
विस्थापन -सं० (पु० ) हटाना विस्थापित-सं० (वि०) हटाया गया विस्पष्ट-सं० (वि०) जो साफ़ या स्पष्ट न हो विस्फारण - सं० (पु० ) 1 फैलाना 2 खोलना विस्फारित - सं० (वि०) खोला हुआ (जैसे-विस्फारित नयन) विस्फीति -सं० (स्त्री०) मुद्रा स्फीति को रोकना विस्फुरण-सं० ( पु० ) 1 कंपन 2 स्पंदन 3 कौंध विस्फूर्जन-सं० (पु० ) 1 विकास 2 गरजना विस्फोट-सं० (पु० ) 1 फूटकर (जैसे- ज्वालामुखी का विस्फोट) (जैसे - कारखाने में बम का विस्फोट) विस्फोटक-सं० (वि०) विस्फोट करनेवाला (जैसे-विस्फोटक
=
758
बाहर निकलना 2 ज़ोर का शब्द
पदार्थ)
विस्फोटन सं० (पु० ) विस्फोट करना
विस्मय -सं० ( पु० ) 1 आश्चर्य 2 अचंभा 3 साहि० अद्भुत रस का स्थायी भाव। कारी, जनक विस्मय उत्पन्न करनेवाला; बोधक (वि०) व्या० विस्मय का ज्ञान करानेवाला (जैसे- विस्मय बोधक चिह्न) विस्मयातिरेक-सं० (पु० ) आश्चर्य की अधिकता विस्मयादिबोधक -सं० (पु० ) व्या० अव्यय का भेद जो अविकारी शब्द का सूचक है (जैसे- हाय ! राजा की मृत्यु गई) विस्मयोत्पादक सं० (वि०) विस्मयकारी विस्मरण-सं० (पु०) भूलना, विस्मृति । ~शील (वि०) विस्मरण होनेवाला (जैसे- विस्मरणशील स्वभाव )
हो
विस्मित-सं० (वि०) विस्मयवाला
विस्मृत-सं० (वि०) भुलाया हुआ
विस्मृति-सं० (स्त्री०) भूल जाना विस्वर-सं० (वि०) 1 स्वरहीन 2 बेमेल 2 कर्कश विहंग - सं० (पु० ) पंछी, पक्षी विहंगम दृष्टि-सं० (स्त्री०) सरसरी निगाह विहंगावलोकन-सं० (पु० ) सरसरी तौर पर देखना विहँसना - ( अ० क्रि०) हँसना
विहग - सं० (पु० ) विहंग विहत-सं० (वि०) 1 मारा हुआ 2 विदीर्ण विहरना - ( अ० क्रि० ) 1 विहार 2 घूमना फिरना विहसन - सं० ( पु० ) 1 हास्य 2 मज़ाक उड़ाना विहसित-सं० (वि०) उपहसित
विहार - सं० (पु० ) 1 घूमना (जैसे वन विहार ) 2 रति क्रीड़ा 3 रति क्रीड़ा स्थल
वीर
विहीन - सं० (वि०) 1 बिना, बग़ैर 2 त्यागा हुआ। ता (स्त्री०) विहीन होने का भाव
विहारी - सं० (वि०) 1 घूमनेवाला 2 आनंद लेनेवाला 3 कृष्ण विहिंसक -सं० (वि०) 1 क्षति 2 हानि पहुंचाने वाला विहित-सं० (वि०) 1 उचित, मुनासिब 2 विधि के अनुरूप होनेवाला (जैसे कर्म विहित फल )
विह्वल - सं० (वि०) 1 अशांत 2 क्षुब्ध 3 व्याकुल 4 हतबुद्धि
5 कष्टग्रस्त 6 आपे से बाहर 7 हताश 8 द्रवित (जैसे - करुणा विह्वल ) । ~कारी (वि०) व्याकुल करनेवाला; ता (स्त्री०) विह्वल होने का भाव वीक्ष-सं० (पु०) दृष्टि वीक्षक-सं० (वि०) देखनेवाला वीक्षण-सं० (पु० ) निरीक्षण, देखना वीक्षणीय-सं० (वि०) वीक्ष्य, दर्शनीय वीक्ष्य-सं० (वि०) देखे जाने योग्य वीक्षा-सं० (स्त्री० ) = वीक्षण
वीज-सं० ( पु० ) 1 बीज, बीआ 2 वीर्य, शुक्र 3 अंकुर 4 वनस्पति आदि की गुठली या दाना (जैसे-आम का बीज, अनार का बीज ) 5 फल 6 आधार 7 मूल कारण (जैसे-घटना का बीज बोना, लड़ाई का बीज बोना) 8 तत्त्व । कोश (पु०) फलों, पौधों का बीजवाला भाग; गणित (पु० ) सांकेतिक अक्षरों की सहायता से राशियों की गणना करने की विद्या
वीज़ा -अं० (पु० ) विसा वीजारोपण-सं० (पु० ) 1 बीज लगाना 2 नींव रखना वीटो - अं० (पु० ) निषेधाधिकार
वीणा - सं० (स्त्री०) सितार की तरह का एक प्राचीन भारतीय बाजा। वादिनी (स्त्री०) सरस्वती
वीत - सं० (वि०) 1 बीता हुआ 2 अलग किया हुआ 3 रहित, मुक्त (जैसे - वीतराग ) । ~ राग (पु० ) राग रहित, निस्पृह व्यक्ति; ~ रागता (स्त्री०) वीतराग होने का भाव वीथिका, वीथी-सं० (स्त्री०) 1 मार्ग पथ 2 कतार 3 बाज़ार, हाट
वीप्सा-सं० (स्त्री० ) 1 व्याप्ति 2 शब्द की आवृत्ति 3 शब्दालंकार का एक भेद जिसमें घृणा, हर्ष, शोक आदि प्रसंग में उपर्युक्त शब्दों की पुनरावृत्ति होती है (जैसे-रीझि झि, रहसि रहसि )
वीभत्स सं० (वि०) दे० बीभत्स
वीर-I सं० (वि०) 1 बहादुर 2 शूर 3 शक्तिशाली 4 बढ़ा-चढ़ा 5 श्रेष्ठ II (पु० ) 1 योद्धा 2 साहि० नौ रसों में से एक रस जिसका स्थायी भाव उत्साह है। ~ कर्म (पु० ) वीरता पूर्ण कार्य; ~ काव्य (पु० ) ऐसा ऐतिहासिक काव्य जिसमें वीर और श्रेष्ठ पुरुष की गाथा हो (जैसे- पृथ्वीराज रासौ एक वीर काव्य है); ~गति (स्त्री०) युद्ध भूमि में प्राण देना; ~गति प्राप्त (वि०) युद्ध भूमि में मर गया, शुभ मृत्यु को प्राप्त ~ गाथा (स्त्री०), गीत (पु०) वीरतापूर्ण कवित्वमयी गाथा; गीतात्मक (वि०) वीरगाथा से संबंधित; चक्र (पु०) भारत शासन द्वारा वीरतापूर्ण कार्य हेतु सैनिकों को दिया जानेवाला एक पदक; चरित (पु० ) = वीर कर्म; ~ता (स्त्री०) वीर होने का भाव; ता पूर्ण (वि०) वीरता से भरा हुआ (जैसे- वीरता पूर्ण कार्य); ~दर्प (पु० ) वीरता का जोश या उमंग; नगरी (स्त्री०) वीरों का नगर पत्नी (स्त्री०) 1 वीर पुरुष की स्त्री 2 वीर नारी; ~ पूजा (स्त्री०) वीरों की पूजा; प्रयत्न (पु०) वीर का