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शताब्दी
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शब्द
शताब्दी-I सं० (स्त्री०) 1 शती (जैसे-बीसवीं शताब्दी का | शबल-[ सं० (वि०) 1 चितकबरा 2 रंग बिरंगा || (पु०) समारोह) 2 सौ वर्ष की अवधि की सूचक संज्ञा II (वि०) 1अनेक रंग के मिश्रण से बना 2 एक तरह का धार्मिक कृत्य
सौ वर्ष के उपरांत होनेवाला (जैसे-शताब्दी समारोह) शबाब-अ० (पु०) यौवन काल, जवानी शतायु-सं० (वि०) सौ वर्ष की आयुवाला
शबाहत-अ० (स्त्री०) 1 रूप 2 आकृति, सूरत 3 अनुरूपता, शतावधान-सं० (पु०) सौ काम एक साथ करनेवाला व्यक्ति समानता शती-सं० (स्त्री०) 1 सौ का समूह, सैकड़ा 2 शताब्दी शबेइंतज़ार-अ० + फ़ा० (स्त्री०) प्रतीक्षा की रात शत्रु-सं० (पु०) 1 दुश्मन, वैरी 2 अमंगलकारी व्यक्ति। शबेजवानी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) युवावस्था का उन्माद
~घाती (वि०) शत्रु का नाश करनेवाला; ~~ता (स्त्री०) शबेबरात-फ़ा० (स्त्री०) = शबबरात शत्रु होने का भाव, दुश्मनी, वैर; ~देश (पु०) = शत्रु राज्य; | शबेवस्ल-अ० + फ़ा० (स्त्री०) नायक और नायिका के मिलने -संहार (पु०) शत्रु को मार डालना; ~सेना (स्त्री०) | की रात दुश्मन की फ्रोज
शबोरोज़-फा० (अ०) 1 रातदिन 2 हर समय 3 लगातार शत्रुघ्न-सं० (वि०) शत्रु को मारनेवाला
शब्द-सं० (पु.) 1 आवाज़, ध्वनि, (जैसे-क्रोध भरे शब्द में शत्रुत्व-सं० (पु०) = शत्रुता
कहना, बच्चे के रोने का शब्द) 2 सार्थक ध्वनि, लफ्ज, वर्ड शदीद-अ० (वि०) 1कठिन 2 प्रबल
(जैसे-मधुर शब्द, आर्शीवाद के दो शब्द कहना) 3 आप्त शह-अ० (पु०) 1 शब्द पर ज़ोर देना 2 द्वित्व अक्षर वचन। कार (वि०) शब्द करनेवाला; ~कोष (प०) शनाखत-फा० (स्त्री०) पहचान
शब्दों के वर्ण विन्यास, अर्थ, प्रयोग तथा पर्याय आदि से शनाखती-फा० + हिं० (वि०) पहचान करनेवाला संबंधित ग्रंथ; -कौशल (पु०) - शब्द चाय; क्रम (जैसे-शनाख्ती कुत्ता)
(पु०) वाक्य में शब्दों के रखने का क्रम; ~गत (वि०) शनासा-फा० (वि०) पहचाननेवाला
शब्दों में निहित; चमत्कार (पू.) शब्दों द्वारा रचना में शनासाई-फा० (स्त्री०) जान पहचान, परिचय
लाई गई विचित्रता; चातुर्य (प.) शब्द प्रयोग की कला शनि-सं० (पु०) 1 सौर जगत का सातवाँ ग्रह, शनैश्चर या बोलने के ढंग की निपुणता; -चित्र (पु०) 1 अनुप्रास 2 सप्ताह का अंतिम दिन, शनिवार
नामक अलंकार 2 चुने हुए शब्दों में किसी दृश्य का सजीव शनिवार-सं० (पु०) सप्ताह में शुक्र और रवि के बीच का दिन वर्णन 3 सजीव वर्णन से युक्त रचना; चोर (पु०) अन्य शनिश्चर-सं० (पु०) = शनि
की रचना से शब्द, प्रयोग आदि को लेकर अपनी रचना में शनैः-सं० (अ०) धीरे, आहिस्ता
प्रयोग करनेवाला; --जाल (पु०) किसी सरल बात को घुमा शनैश्चर-सं० (पु०) शनि नामक ग्रह
फिराकर कहने का रूप, शब्दाडंबर, ~ता (स्त्री०) शब्द का शपथ-सं० (स्त्री०) 1कसम, सौगंध (जैसे-शपथ का निर्वाह भाव; निर्माण (पु.) शब्द की रचना; पहेली - हिं. करना)। ~ग्रहण (पु०) शपथ लेना 2 प्रतिज्ञा (जैसे-शपथ (स्त्री०) वर्गों में खाली स्थान पर शब्द भरने की बझौवल; लेना); ग्रहण समारोह (पु०) शपथ ग्रहण का उत्सव; ~प्रमाण (पु.) 1 मौखिक प्रमाण 2 आप्त प्रमाण;
त्याग (पु०) शपथ का पालन न करना; ~पत्र (पु०) ~प्रयोग (पु०) शब्द का प्रयोग करना, शब्दों में कहना; हलफनामा, एफिडेविट; पूर्वक (क्रि० वि०) शपथ के ~प्रसारक (वि०) शब्द को प्रसारित करनेवाला (जैसे-शब्द अनुसार; बद्ध (वि०) 1 प्रतिज्ञा बद्ध 2 शपथ लिया हुआ; प्रसारक यंत्र); ~प्रहेलिका (स्त्री) - शब्द पहेली; ~संयोजन (पु.) शपथ जोड़ना
~बद्ध (वि०) 1 वचन में बँधा हुआ 2 शब्दों में लिखित; शपन-सं० (पु०) 1 शपथ 2 दुर्वचन, गाली
-बल (पु.) शब्द शक्ति; ~बाहल्य शब्दों की अधिकता, शपित-सं० (वि०) अभिशप्त
शब्दाडंबर; ~बोध (पु.) 1 शब्द का ज्ञान 2 शब्द से शफ़क्र-अ० (स्त्री०) क्षितिज पर की लाली (जैसे-शफ़क का होनेवाला ज्ञान; ब्रह्म (पु०) 1 शब्द निहित अध्यात्म ज्ञान
2 प्रणव ओंकार; ~भांडार (पु०) शब्द संपत्ति; - भेद शफ़ाफ़-अ० (स्त्री०) 1 अनुग्रह, मेहरबानी 2 प्रेम, मुहब्बत (पु.) व्या० कार्य, स्थिति तथा संबंध आदि के आधार पर शफ़ा-अ० (स्त्री०) 1 स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती 2 आरोग्य। खाना किया शब्दों का विभाजन; ~भेदी (वि०) शब्द के आधार
+ फा० (पु०) 1 अस्पताल, चिकित्सालय 2 स्वास्थ्यवर्द्धक पर ही लक्ष्य भेद करनेवाला; ~~माधुर्य (पु०) शब्द की स्थान
मधुरता; योजना (स्त्री०) - शब्द रचना; योनि शफीक-अ० I (वि०) 1 अनुग्रह करनेवाला 2 प्रिय (स्त्री०) 1 शब्द की उत्पत्ति 2 धात् 3 मूल रूप में रहनेवाला लगनेवाला II (पु०) प्रिय मित्र
शब्द; रचना (स्त्री०) शब्द का निर्माण; रचनात्मक शफाफ-अ० (वि.) उजला, धवल
(वि०) शब्द रचना संबंधी; -विद्या (स्त्री०) व्याकरण, शब-फा० (स्त्री०) रात, निशा। -का रोना ओस गिरना शब्दशास्त्र, विज्ञान (पु०) वह विद्या जिसमें शब्दों के शबनम-फा० (स्त्री०) ओस, तुषार
रूप, रचना विधान आदि का विवेचन किया जाता है: शबबरात-फा० (स्त्री०) हिजरी सन् के शाबान माह की -विन्यास (पु.) शब्द जोड़नाः विरोध (१०) शब्द चौदहवीं रात
द्वारा किया गया विरोध; वृत्ति (स्त्री०) शब्द की शक्ति; शबर-सं० (पु०) एक वन्य जाति, भील
~वेधी (पु०) ध्वनि को निशाना बनाकर वेधना; व्युत्पत्ति शबरी-सं० (स्त्री०) भीलनी, भिलनी
(स्त्री०) 1 शब्द की उत्पत्ति 2 जड़, मूल; शक्ति (स्त्री०)