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शिलीभूत
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शीत शिलीभूत-सं० (वि०) जो जमकर पत्थर हो गया हो शिशु को पालना; ~पालनशाला (स्त्री०) = शिशुगृह; शिलोत्कीर्ण-सं० (वि०) चट्टान पर उकेरा हुआ
पुस्तकालय (पु०) बच्चों की लाइब्रेरी; ~मार (प०) = शिल्प-सं० (पु०) हस्तकला, दस्तकारी। ~कला (स्त्री०) सूसमार; ~मृत्यु (स्त्री०) शिशु का मर जाना; वध (पु०) दस्तकारी का कौशल, ~कार (पु०) 1 शिल्पी, कारीगर शिशु की हत्या करना; ~शाला (स्त्री०) - शिशुगृह; 2 मकान बनानेवाला राज़; ~कारिका (स्त्री०) शिल्प का ~संस्था (स्त्री०) बच्चों का स्कूल, नर्सरी स्कूल काम; ~कारी (पु०) = शिल्पकार; ~गत (वि०) शिल्प शिश्न-सं० (पु०) पुरुष की जननेंद्रिय, लिंग संबंधी; ~गृह (पु०) शिल्प का काम करने की जगह, शिष्ट-सं० (वि०) 1 सभ्य 2 धीर और शांत 3 आज्ञाकारी शिल्पकार्य स्थल, ~ज्ञ (पु०) शिल्प का ज्ञाता; ~ता 4 बुद्धिमान् 5 श्रेष्ठ (जैसे-शिष्ट समाज, शिष्ट वर्ग, शिष्ट (स्त्री०) = शिल्पत्व; -लिपि (स्त्री०) पत्थर, ताँबे आदि पर जन)। ~ता (स्त्री०) 1 सभ्यता 2 शिष्ट आचरण 3 उनमता, अक्षर खोदने की कला; -विद्या (स्त्री०) शिल्प की कला; श्रेष्ठता 4 आज्ञाकारिता; ~मंडल (प्०) 1 सभ्य लोगों का
विद्यालय (पु०) शिल्प सिखाने की पाठशाला; समूह 2 श्रेष्ठ लोगों का संगठन; सभा (स्त्री०) शिष्ट ~विधान (पु०), विधि (स्त्री०) साहित्यिक रचना ढंग; परिषद्; ~सम्मत (वि०) शिष्टा द्वारा अनुमोदित
वैज्ञानिक (वि०) शिल्प विज्ञान को जाननेवाला; शास्त्र शिष्टत्व-सं० (पु०) शिष्टता (पु०) - शिल्प विद्या; शिक्षा (स्त्री०) शिल्प का ज्ञान शिष्टाचार-सं० (पु०) 1 शिष्टतापूर्ण आचरण और व्यवहार शिल्पत्व-सं० (पु०) शिल्प का भाव या धर्म | 2 दिखावटी सभ्य व्यवहार 3 सत्कार, आवभगत शिल्पिक-I सं० (वि०) शिल्प संबंधी (जैसे-शिल्पिक | शिष्टाचारी-सं० (पु०) शिष्ट आचरण करनेवाला सदाचारी संस्थान) II (पु०) शिल्पी, कारीगर
शिष्टि-सं० (स्त्री०) 1 आज्ञा, आदेश 2 शासन, हकमत शिल्पिता-सं० (स्त्री०) शिल्पी होने का भाव
3सहायता 4 सुधार 5 दंड, सज़ा शिल्पि संघ-सं० (पु०) दस्तकारों का संगठन
शिष्य-सं० (३०) 1 विद्यार्थी 2 चेला, शार्गिद, डिसाइप्ल। शिल्पी-सं० (पु०) 1 शिल्पकार, कारीगर 2 राज मेमर | ~ता (स्त्री०) शिष्य होने का भाव; ~-परंपरा, मंडली 3 चित्रकार
(स्त्री०) गुरु के संप्रदाय की परंपरागत शिष्य मंडली शिव-1 सं० (पु०) 1 कल्याण, मंगल 2 महादेव, शंकर जी शिष्यत्व-सं० (प०) शिष्यता
(जैसे-शिव पार्वती की पूजा) || (वि०) 1 शुभ, मांगलिक | शिष्या-सं० (स्त्री०) महिला शिष्य 2 भाग्यवान । गंगा (स्त्री०) शिव मंदिर के समीप | शिस्त-फ़ा० (स्त्री०) 1 काँटा, बंसी 2 निशाना 3 अंगश्ताना बहनेवाली नदी -तांडव (प०) शिव का प्रलय नाच; ~ता | शीकर-सं० (पु०) 1 पानी की बूंद 2 ओम 3 वर्षा की फुहार शिव होने का भाव 2 मोक्ष, अमरता; - नामी + हिं० शीघ्र सं० (अ०) 1 बिना विलंब किए 2 तुरंत, तक्षण (स्त्री०) शिव नाम से अंकित चादर; ~पीठिका (स्त्री०) (जैसे-खबर पाते ही शीघ्र चल देना)। ~कारी (वि०) शिवलिंग स्थापित किए जाने का आधार; --रात्रि (स्त्री०) 1 शीघ्र काम करनेवाला, फुरतीला 2 शीघ्र असर डालनेवाला फालान नदी चतुर्दशी; लोक (१०) कैलास, वृषभ 3 उग्र, तीव्र ~कोपी (वि०) 1 जल्दी गुस्सा होनेवाला (पु०) नंदी
2 चिड़चिड़े स्वभाववाला; ~गामी (वि०) तेज़ चलनेवाला; शिवत्व-सं० (१०) . शिवता
चेतन (वि०) द्रुत चेतना युक्त; ~ता (स्त्री०) 1 जल्दी शिवा-सं० (स्त्री०) 1 दुर्गा 2 पार्वती, गिरिजा
2 तेज़ी 3 जल्दबाज़ी, उतावलापन; -पतन (पु०) शिवालय-सं० , शिवाला (१०) शिव का मंदिर स्तंभनशक्ति का अभाव; -लिपि (स्त्री०), लेखन शिविका-सं० (स्त्री०) पालकी, डोली
(पु०) आशुलिपि, शार्टहैंड। शिविर-सं० (पु०) 1 सैनिक पड़ाव 2 खेमा 3 दर्ग, किला। शीघ्रत्व-सं० (पु०) = शीघ्रता __नायक (पु०) कैंप का मुखिया
शीघ्रातिशीघ्र-सं० (क्रि० वि०) बहुत जल्दी, अविलंब शिशनेंद्रिय-सं० (पु०) शिश्न
शीत-1 सं० (वि०) ठंडा, शीतल II (पु०) 1 जाडा, ठंड शिशिर-1 सं० (पु०) 1 जाड़ा, शीतकाल 2 हिम, पाला ||
2 जाडे का मौसम (जैसे-शीत का ज्वार, शीत ज्वर)। ऋतु (वि०) । शीतल 2 ठंड से जमा हुआ। कालीन (वि०) (पु०) जाड़े का मौसम -कटिबंध (३०) भूमंडल के उत्तरी शिशिर ऋतु का; ता (स्त्री०) 1 अत्यधिक ठंड 2 शिशिर तथा दक्षिणी अंशों के दो कल्पित विभाग; करण यंत्र होने का भाव; यामिनी (स्त्री०) जाड़े की रात (पु०) शीत उत्पत्र करनेवाला यंत्र या मशीन; ~कारी शिशिरांत-सं० (पु०) वसंत
(वि०) शीत उत्पन्न करनेवाला (जैसे-शीतकारी यंत्र); शिशु-सं० (पु०) 1 बच्चा (जैसे-शिशु का स्तन पान) 2 पशु ~काल (पु०) ठंड का समय, कालीन (वि०)
आदि का बच्चा 3 सात-आठ वर्ष तक का बालक (जैसे-शिश् शीतकाल संबंधी; ज्वर (पु०) विषम ज्वर, जूड़ी; तरंग क्रीडा, शिशु की आकृति)। कल्याण संस्था (स्त्री०) - (स्त्री०) । उग्र ठंड 2 अत्यंत शीत लहरी, कोल्ड वेव: ताप शिशुओं की भलाई करनेवाली संस्था काल (पु०) नियंत्रण (पु०) शीत और ताप को नियंत्रित करना; ताप शैशावस्था; गृह (पु०) 1 नर्सरी 2 बालवाड़ी; ~घाती नियंत्रित (वि०) शीत और ताप को नियंत्रण में रखा हआ; (वि०) शिशु हत्या करनेवाला; जनोचित (वि०) बच्चों -निद्रा (स्त्री०) सरदी के मौसम में सो जाना; प्रधान के लिए उपयुक्त; ता (स्त्री०) शिशु होने का भाव; ~पन (वि०) जहाँ ठंड ज्यादा पड़े (जैसे-शीत प्रधान प्रदेश) + हिं० (पु०) शिशु अवस्था, शिशुता; ~पालन (पु०) | ल्युद्ध (पु०) हर राष्ट्र का वंय को सशक्त तथा प्रभावशाली