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व्यवसर्ग
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व्याकृत
व्यवसर्ग-सं० (पु०) 1विभाजन 2 छुटकारा, मुक्ति
~शक्ति (स्त्री०) व्यवहार की समर्थता; ~शाखा (पु०) व्यवसाय-सं० (पु०) 1 काम धंधा, पेशा 2 व्यापार, रोज़गार ऐसा शास्त्र जिसमें अपराध और अपराध संबंधी दंड देने की
3 अभिप्राय, मतलब 4 उद्योग। -कर्म (पु०) व्यवसाय का व्यवस्था का विवेचन हो, धर्म शास्त्र; ~शास्त्री (पु०) काम; ~पति (पु०) व्यवसाय का स्वामी; ~प्रधान (वि०) व्यवहार शाख का ज्ञाता जिसमें व्यवसाय की महत्ता अधिक हो; ~प्रबंध (पु०) व्यवहारक-सं० (पु०) 1 व्यवहार से जीविका चलानेवाला व्यवसाय का इंतज़ाम; ~प्रशिक्षण (पु०) व्यवसाय की व्यक्ति 2 व्यापारी शिक्षा देना; बुद्धि (स्त्री०/वि०) दृढ़ निश्चय; ~वर्ती व्यवहारतः-सं० (अ०) व्यवहार के विचार से (वि०) दृढ़ निश्चय के साथ काम करनेवाला; ~वाद (पु०) व्यवहारांग-सं० (पु०) व्यवहार के दो अंग दीवानी और = व्यवहारवाद; ~वार + फ़ा० (क्रि० वि०) व्यवसाय के फ़ौजदारी
अनुरूप; ~संघ (पु०) 1 श्रमिक संघटन 2 व्यापारिक समूह व्यवहारालय सं० (पु०) = व्यवहार न्यायालय व्यवसायिक-सं० (वि०) व्यवसाय संबंधी (जैसे-व्यवसायिक व्यवहारासन-सं० (पु०) जज का आसन शिक्षा)
व्यवहारास्पद-सं० (पु०) नालिश, फ़रियाद व्यवसायी-I सं० (वि०) व्यवसाय करनेवाला II (पु०) व्यवहारिक-सं० (वि०) व्यवहार योग्य
1 व्यवसाय में लगा व्यक्ति 2 व्यापारी (जैसे-कपड़े का व्यवहारी-सं० (वि०) = व्यावहारिक व्यवसायी)। ल्करण (पु०) व्यवसाय के रूप में बदलना व्यवहारोपयोगी-सं० (वि०) व्यवहार के लिए उपयोगी व्यवस्था-सं० (स्त्री०) 1इंतज़ाम, प्रबंध 2 ढंग, तरीका व्यवहार्य-सं० (वि०) व्यवहार के योग्य 3 स्थिरता 4 दृढ़ता 5 अध्यवसाय 6 विधान (जैसे-सरकारी व्यवहित-सं० (वि०) छोड़ा हुआ व्यवस्था)। ~कार (पु०) = व्यवस्थापक; ~कार्य (पु०) व्यवहृत-सं० (वि०) व्यवहार में लाया गया व्यवस्था संबंधी काम; ~घातक (पु०) व्यवस्था को नष्ट व्यवहति सं० (स्त्री०) व्यवहार में लाना करनेवाला; ~पत्र (पु०) शास्त्रीय व्यवस्था लिखित पत्र; व्यष्टि-सं० (स्त्री०) समष्टि का सदस्य या व्यक्ति। ~गत
पालक (पु०) व्यवस्था का पालन कर्ता; पालन (वि०) व्यष्टि में आया हुआ; ~वाद (पु०) व्यष्टि की स्वतंत्र (पु०) व्यवस्था का निर्वाह करना; ~भंग (पु०) व्यवस्था सत्ता का सिद्धांत; ~वादी I (वि०) व्यष्टिवाद से संबद्ध II तोड़ना या बिगाड़ना; ~शून्य (वि०) बे इंतज़ाम का, | (पु०) व्यष्टिवाद का समर्थक; सत्ता (स्त्री०) एक व्यक्ति व्यवस्थारहित
का प्रभुत्व व्यवस्थान-सं० (पु०) व्यवस्था करना
व्यसन-सं० (पु०) 1 बुरी आदत, लत (जैसे-जुआ खेलने का व्यवस्थापक-सं० (वि०) व्यवस्था करनेवाला
व्यसन) 2 पाप, दुराचरण (जैसे-रंडीबाज़ी का व्यसन) व्यवस्थापकीय सं० (वि०) व्यवस्था संबंधी | व्यसनार्त-सं० (वि०) विपत्ति में पड़ा हआ, संकटापन्न, संकट (जैसे-व्यवस्थापकीय कार्यालय)। सभा (स्त्री०) विधान ग्रस्त सभा
व्यसनी-सं० (वि०) 1 विषयासक्त 2 पापी 3 व्यसन में पड़ा व्यवस्थापन-सं० (पु०) व्यवस्था करना
हुआ 4 दुराचारी व्यवस्थापित सं० (वि०) 1 व्यवस्थित 2 निर्धारित | व्यस्त-सं० (वि०) 1 लगा हआ (जैसे-कार्य में व्यस्त) 3 व्यवस्थापन किया गया
2 तितर-बितर किया हआ (जैसे-अस्त-व्यस्त ) 3 अव्यवस्थित व्यवस्थित-सं० (वि०) व्यवस्था की गई
(जैसे-गरीबों का जीवन सदा व्यस्त होता है)। पद (१०) व्यवस्थिति-सं० (स्त्री०) व्यवस्था का भाव
1 समास रहित पद 2 अव्यवस्थित बयान (न्यायालय) व्यवस्थीकरण-सं० (पु०) व्यवस्था का रूप देना व्याकरण-सं० (पु०) 1 वह विद्या जिसके अंतर्गत बोलचाल व्यवहार-सं० (पु०) 1 बर्ताव 2 काम में लाना, प्रयोग और साहित्य में प्रयुक्त भाषा के स्वरूप, उसके गठन, अवयवों 3 महाजनी 4 क्रिया, काम 5 आचरण (जैसे-नैतिक व्यवहार) तथा प्रकारों, उनके पारस्परिक संबंधों और रचनाविधान तथा 6 संबंध (जैसे-प्रेम व्यवहार, पड़ोसी से व्यवहार बनाना) 7
रूप परिवर्तन का विवेचन किया जाता है 2 भाषा संबंधी नियमों विवाद (जैसे-बात-व्यवहार बढ़ाना) 8 प्रथा, रिवाज 9 विषय से संबद्ध पुस्तक। कार (पु०) 1व्याकरण का ज्ञाता 10 कारबार 11 मुकदमे का विचार। ~अदालत अ० 2 व्याकरण की रचना करनेवाला; गत (वि०) व्याकरण में (स्त्री०) = व्यवहार न्यायालय; ~कर्ता (पु०) व्यवहार आया हुआ (जैसे-व्याकरणगत पाठ, व्याकरणगत करनेवाला; ~कुशल (वि०) व्यवहार में चतुर, व्यवहार में शब्दावली); सम्मत (वि०) व्याकरण के नियमों के दक्ष (जैसे-व्यवहार कुशल व्यक्ति); ~ज्ञ (पु०) =
अनुरूप व्यवहारक; निरीक्षक (पु०) व्यवहार का निरीक्षण कर्ता; व्याकरणाचार्य-सं० (पु०) .. व्याकरणकार
न्यायाधीश (पु०) दीवानी मुकदमे का फ़ैसला करनेवाला व्याकरणात्मक-सं० (वि०) - व्याकरणगत जज; न्यायालय (पु०) दीवानी अदालत; पट (वि०) व्याकरणिक-सं० (वि०) व्याकरण संबंधी = व्यवहार कुशल, ~प्रक्रिया (स्त्री०) व्यवहार की विधि या व्याकरणी-सं० (वि०) व्याकरणगत क्रिया; प्रक्रिया संहिता (स्त्री०) दीवानी कार्रवाही संबंधी व्याकुल-सं० (वि०) 1 बेचैन, परेशान 2 व्यस्त नियमावली; ~प्राप्त (वि०) व्यवहार किया हुआ; विधि व्याकृत-सं० (वि०) 1 पृथक किया हआ 2 विकृत (स्त्री०) = व्यवहार शास्त्र; विवाद (पु०) दीवानी झगड़ा; | 3 परिवर्तित, रूपांतरित