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वीरत्व
प्रयास, वीर की कोशिश प्रसविनी, प्रसू (वि०) वीर को जन्म देनेवाली; भार्या (स्त्री०) वीर की पत्नी भाव (पु०) वीर का स्वभाव; ~ रस (पु० ) साहि० नौ रसों में से एक रस; ~ रसात्मक (वि०) वीर रसवाला; वाक्य (पु० ) ललकार; शय्या (स्त्री०) वीरों की सेज वीरत्व-सं० ( पु० ) वीरत्वावेश-सं० (पु०) वीरता का आवेश
वीरता
वीरांगना-सं० (स्त्री०) वीर नारी
वीरान होने का भाव
वीरान - फ़ा० (वि०) 1 उजड़ा हुआ, जनहीन 2 तबाह, बर्बाद वीराना - फ़ा० ( पु० ) निर्जन प्रदेश वीरानी - फ़ा० (स्त्री०) वीरासन - सं० ( पु० ) बैठने का एक ढंग जो प्रायः प्राचीन योद्धाओं, योगियों और तांत्रिकों द्वारा अपनाया जाता है वीरुध - सं० (पु० ) 1 वनस्पति 2 पेड़ पौधे वीरेंद्र - सं० (पु०) श्रेष्ठ वीर वीरेश सं० ( पु०) श्रेष्ठ योद्धा
वीरेश्वर - सं० (पु० ) शिव
वीरोचित सं० (वि०) वीरतापूर्ण
वीर्य - सं० ( पु० ) 1 वीरता, पौरुष 2 शक्ति, बल 3 शरीर की एक धातु शुक्र 4 साहस। पतन, पात (पु० ) वीर्य का गिरना, वीर्य क्षरण; ~ सेचन (पु०) वीर्य अंदर पहुँचाना (प्रायः कृत्रिम ढंग से)
वीसा अं० (पु० ) पारपत्र
वृंत -सं० (पु० ) 1 स्तन का अगला भाग, चूचुक 2 डंठल 3 कच्चा और छोटा फल
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वृहत
उपस्थित करनेवाला नाट्य रूप
वृत्तांत - I सं० (पु० ) 1 समाचार 2 विवरण 3 घटना 4 आख्यान 5 विषय 6 वर्णन 7 अवसर II ( वि०) एकांत, एकाकी वृत्तांश सं० (पु०) वृत्त खंड
वृत्ताकार - I सं० (वि०) वृत्त के आकार का (जैसे -वृत्ताकार
वृंद - I सं० (पु० ) समूह II ( वि०) बहु संख्यक । -वादन (पु० ) सामूहिक रूप से वाद्य यंत्रों को बजाना; वाद्य (पु०) कई वाद्यों का एक साथ बजनेवाला समूह, आर्केस्ट्रा वृक-सं० ( पु० ) 1 भेड़िया 2 गीदड़ वृक्क - सं० (पु०) गुरदा, किडनी वृक्ष -सं० (पु०) पेड़ (जैसे - वृक्ष का खोखला भाग ) । ~ निर्यास (पु० ) पेड़ से निकलनेवाला गोंद; पाल (पु०) वन का रक्षक; पालन (पु० ) पेड़ की रक्षा करना; ~रोपक (पु०) वृक्षादि लगानेवाला व्यक्ति; रोपण (पु०) पेड़ लगाना; वाटिका (स्त्री०) बाग़, उपवन; ~वासी (वि०) वृक्ष पर रहनेवाला; ~ विज्ञान (पु० ) पेड़ों से संबंधित विद्या शून्य, हीन (वि०) जहाँ एक भी वृक्ष न हो
वृक्षाच्छादित - सं० (वि०) वृक्ष से ढका हुआ वृक्षायुर्वेद -सं० (पु०) वृक्ष संबंधी चिकित्सा शास्त्र वृक्षारोपण-सं० (पु० ) वृक्ष रोपण वृक्षावली -सं० (स्त्री०) वृक्ष की कतार
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वृत्त - I सं० ( पु० ) 1 इतिहास 2 वृत्तांत (जैसे-जीवन वृत्त) 3 समाचार (जैसे -घटना वृत्त) 4 जीविका 5 आचरण, चाल चलन 6 सुकर्म 7 विहित नियम 8 गोल, मंडल II (वि०) 1 अस्तित्त्व में आया हुआ 2 घटित 3 गोल। ~खंड (पु० ) वृत्त का कोई भाग; ~ चित्र (पु० ) विशेष घटना के मुख्य-मुख्य अंग- उपांग को ब्योरेवार सिनेमा के रूप में दिखाया जानेवाला चित्र; पत्र (पु०) 1 दैनिक पंजी 2 सामयिक पत्र; ~मुखी (वि०) वृत्ताकार; रूपक (पु० ) विवरण |
चित्र II ( क्रि० वि०) (जैसे - वृत्ताकार बैठना ) वृत्ति-सं० (स्त्री०) 1 मन अथवा चित्त का व्यापार (जैसे - मानसिक वृत्ति, हृदय की वृत्ति) 2 कार्य, व्यापार 3 प्रकार, ढंग (जैसे - कर्म वृत्ति, कार्य वृत्ति, जीवन वृत्ति ) 4 आचार शास्त्र 5 पेशा, धंधा (जैसे- वेश्यावृत्ति, सेवावृत्ति) 6 नियमित रूप से दी गई मदद या सहायता (जैसे - छात्र वृत्ति) 7 शब्द शक्ति 8 प्रकृति, स्वभाव 9 हाल वृत्तांत । कर (पु० ) पेशे पर लगनेवाला कर; ~ता (स्त्री०) वृत्ति का भाव; दान (पु० ) रोज़ी रोटी देना
वृत्तिकार - (पु० ) ग्रंथ की आलोचनात्मक व्याख्या लिखनेवाला, टीकाकार
वृत्यनुप्रास - सं० (पु० ) एक शब्दालंकार जिसमें पद में वृत्ति के अनुकूल वर्णों की आवृत्ति होती है
वृत्युपाय - सं० (पु० ) रोज़ी रोटी का साधन
वृथा - I सं० (वि०) व्यर्थ, फ़ज़ूल II (अ०) बिना प्रयोजन के वृद्ध-सं० (वि०) बुड्ढा । काल (पु०) बुढ़ापा; ~ता (स्त्री०) वृद्ध होना; प्रपितामह (पु० ) परदादा का पिता; ~ युवती (स्त्री०) अधेड़ कुमारी
वृद्धप्राय - सं० ( क्रि० वि०) वृद्ध होने के करीब, वृद्धावस्था के करीब
वृद्धा-I सं० (स्त्री०) 1 बूढ़ी औरत 2 बुड्ढी II (वि०) बुढ़िया (जैसे- वृद्धा की आयु) वृद्धावस्था -सं० (स्त्री०) बुढ़ापा
वृद्धाश्रम -सं० (पु० ) वृद्ध लोगों के रहने का स्थान वृद्धि - सं० (स्त्री०) 1 अभ्युदय, समृद्धि 2 वृद्धि होने का भाव 3 विकास, प्रगति । ~क्रम (पु०) बढ़ता हुआ क्रम; गत (वि०) वृद्धि हुई; जीवक (पु० ) महाजन वृद्धिमान् -सं० (वि०) उन्नतिशील वृश्चिक-सं० (पु० ) 1 बिच्छू 2 एक राशि जिसका आकार बिच्छू-सा होता है 3 केकड़ा 4 मार्गशीर्ष मास वृष-सं० ( पु०) 1 साँड़ 2 काम शास्त्रानुसार चार प्रकार के पुरुषों में से एक 3 स्वामी वृषण-सं० (पु० ) अंडकोश
वृषभ - सं० (पु० ) 1 साँड, बैल 2 काम शास्त्रानुसार शंखिनी स्त्री के लिए उपयुक्त श्रेष्ठ पुरुष
वृषभानुजा-सं० (स्त्री०) राधा, कृष्ण की एक प्रेमिका वृषल - I सं० (वि०) 1 शूद्र 2 नर्तक 3 बैल II ( वि०) 1 कुकर्मी और पापी 2 शूद्र
वृषलत्व - सं० (पु०) वृषल होने का भाव वृषली-सं० (स्त्री०) 1 रजस्वला स्त्री 2 शूद्र पत्नी 3 बाँझ स्त्री 4 मृत संतान को जन्म देनेवाली स्त्री
वृष्टि-सं० (स्त्री०) 1 पानी बरसना 2 वर्षा का जल 3 वर्षा समान छोटी छोटी वस्तु का गिरना (जैसे- सुमन वृष्टि) । ~मान, मापक (पु० ) वर्षा नापने का यंत्र वृहत - सं० (वि०) विशाल (जैसे -हिंदी वृहत कोश)