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लोकल
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लोबान की बात लोकना) 3 रास्ते में ही उड़ा लेना, हड़प लेना | लोचयुक्त; लचक (स्त्री०) लचीलापन; शील + सं० लोकल-अं० (वि०) 1सीमा के अंदर होनेवाला | (वि०) = लोचदार (जैसे-लोकल पालिटिक्स) 2 विशेष नगर, गाँव आदि से | लोचन-सं० (पु०) आँख, नेत्र, नयन। -पथ, ~मार्ग संबंधित (जैसे-लोकल पोस्टकार्ड)
(पु०) दृष्टि के अंदर पड़नेवाला क्षेत्र लोकांतरण-सं० (पु०) परलोक में अंतरित करना लोचीला-(वि०) = लचीला लोकांतर-सं० (पु०) परलोक। ~गमन (पु०) मृत्यु को | लोचून-(पु०) = लोह चूर्ण प्राप्त होना, स्वर्गवास
लोट-(स्त्री०) लोटने का भाव, लुढ़कना (जैसे-ज़मीन पर लोट लोकांतरित-सं० (वि०) 1 लोकों के बीच अवस्थित 2 मृत्यु मारना)। ~पटा (पु०) 1 विवाह में वर वधू के पीढ़े को प्राप्त
बदलने की एक रस्म 2 उलटफेर, दाँवपेंच; पोट I (स्त्री०) लोकाचार-सं० (पु०) संसार का चाल चलन
लेटे लेटे करवट बदलना II (वि०) 1लोट जानेवाला लोकाचारी-सं० (वि०) 1लोकाचार का पालन करनेवाला (जैसे-हँसते हँसते वह लोट पोट हो गया, लोट पोट का खेल) 2 ढोंगी 3 दुनियादार
2 अत्यधिक प्रसन्न 3 उलटा पलटा हआ। ~पोट होना हँसते लोकातीत-सं० (वि०) असाधारण
हँसते गिर पड़ना; ~मारना 1 लेटना 2 प्रेम में अधीर होना; लोकात्मा-सं० (पु०) विश्वात्मा
~लगाना 1 लुढ़कना 2 लेट जाना 3 आशिक़ होना 4 ज़िद लोकाधिक-सं० (वि०) संसार के परे, असामान्य
करना; हो जाना रीझना 2 व्याकुल होना लोकाना-(स० क्रि०) 1 उछालना 2 उछालकर देना लोटन-I (वि०) 1 लोटनेवाला 2 लुढ़कनेवाला II (स्त्री०) लोकानुग्रह-सं० (पु०) = लोकहित
1 लोटने का भाव 2 लुढ़कना लोकानुरंजन-सं० (पु०) जनता का मनबहलाव
लोटना-(अ० क्रि०) 1 लेटना, आराम करना (जैसे-बिस्तर पर लोकापवाद-सं० (पु०) लोक निंदा, बदनामी
लोटना) 2 इधर उधर गिरना पड़ना (जैसे-खुशी से फ़र्श पर लोकाभ्युदय-सं० (पु०) संसार की उन्नति
लोटना)। पोटना (अ० क्रि०) लेटना लोकायत-सं० (पु०) 1 दूसरे लोक को न माननेवाला व्यक्ति | लोटनी-(स्त्री०) 1लुढ़कनी 2 कलाबाज़ी 2 चार्वाक दर्शन
लोटा-(पु०) जल रखने का धातु का बना एक पात्र । बे पेंदी लोकायतिक-I सं० (वि०) लोकायत का II (पु०) का ~ अस्थिर चित्त और सिद्धांतहीन व्यक्ति 1 नास्तिक 2 चार्वाक का अनुयायी
लोटिया-(स्त्री०) छोटा लोटा, लुटिया लोकायन-सं० (पु०) नारायण
लोटी-(स्त्री०) = लोटा लोकाराधन-सं० (पु०) लोक की सेवा
लोड-अं० (पु०) वज़न, भार लोकैषणा-सं० (स्त्री०) 1 सामाजिक प्रतिष्ठा और यश की लोड़न-(पु०) 1हिलाने डुलाने की क्रिया 2 मंथन कामना 2 स्वर्ग सुख की कामना
लोढ़ना-(स० क्रि०) 1 तोड़ना 2 ओटना लोको-अं० (पु०) = लोकोमोटिव
लोढ़ा-(पु०) सिर पर पीसने के लिए बना पत्थर का गोल लंबा लोकोक्ति-सं० (स्त्री०) 1कहावत, मसला 2 साहि० | टुकड़ा। ~ढाल (वि०) चौपट लोकोक्ति के प्रयोग से काव्य में रोचकता उत्पन्न करनेवाला एक | लोढ़िया-(स्त्री०) छोटा लोढ़ा अलंकार
लोथ-(स्त्री०) शव, लाश लोकोत्तर-सं० (वि०) असाधारण, विलक्षण (जैसे-लोकोत्तर लोथड़ा-(पु०) मांस का बड़ा टुकड़ा, मांस पिंड
लोथारी लंगर-हिं० + फ़ा० (पु०) जहाज़ का सबसे छोटा लोकोत्सव-सं० (पु०) आम जनता का पर्व लोकोपकार-सं० (पु०) जनसाधारण का हित
लोन-(पु०) नमक, लवण। ~न मानना कृतघ्न होना; लोकोपकारी-सं० (वि०) 1लोकोपकार संबंधी 2 लोक का | -निकालना कृतघ्रता का फल भोगना
उपकार करनेवाला (जैसे- लोकोपकारी राजा या लोना-I (वि०) 1 नमकीन, सलोना 2 सुंदर II (पु०) क्षार, अपकार शासक)
नोना (जैसे-दीवार पर लोना लगना) III (स० क्रि०) लुनना, लोकोपयोगी-सं० (वि०) सर्व साधारण के लिए उपयुक्त काटना IV (स्त्री०) एक जादूगरनी (जैसे-लोकोपयोगी सेवा)
लोनाई-(स्त्री०) सुंदरता, लावण्यता लोकोमोटिव-अं० (पु०) रेल इंजन
लोनिया-I (पु०) नमक बनाने और बेचने का व्यवसाय लोखर-(पु०) 1 नाई के औज़ार 2 बढ़ई, लोहार आदि के| करनेवाली एक जाति II (स्त्री०) लोनी साग उपकरण 3 दुकानदार का बटखरा
लोप-सं० (पु०) 1 न रहने का भाव (जैसे-कार्यों का लोप लोग-(पु०) मनुष्यों का समूह, दल। बाग (पु०) जन होना) 2 अभाव 3 अदृश्य होने की अवस्था, अदर्शन साधारण; लुगाई (स्त्री०) स्त्री पुरुष
लोपन-सं० (पु०) 1लोप करना 2 छिपाना लोगाई-(स्त्री०) 1 स्त्री 2 पत्नी
लोपांजन-सं० (पु०) एक तरह का कल्पित अंजन, अदृश्य लोच-(स्त्री०) 1लचक (जैसे-कमर की लोच देखना) करनेवाला अंजन 2 कोमलता, मृदुता (जैसे-प्यार की लोच, वाणी की लोच) लोफ़र-अं० (पु०) 1आवरा 2 लफंगा 3 कोमलता पूर्ण सौंदर्य। दार + फ्रा० (वि०) लोचवाला, । लोबान-अ० (पु.) एक प्रकार के वृक्ष का सुगंधित गोंद .
लंगर