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विकांक्षा
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विक्लव विकांक्षा-सं० (स्त्री०) इच्छा का अभाव
| विकृति-सं० (स्त्री०) 1 विकृत होने का भाव 2 खराबी, विकार विकार-सं० (पु०) 1 रूप, धर्म आदि का स्वाभाविक परिवर्तन 3 विकार के उपरांत प्राप्त रूप 4 क्षोभ 5 काम वासना
2 परिवर्तन 3 भावना 4 वासना (जैसे-काम विकार) 5 क्षोभ । 6 शत्रुता, वैर (जैसे-विकृति भाव)। ~करण (पु०) (जैसे-मानसिक विकार) 6 विकृत होना (जैसे-शारीरिक विद्रूपण; विज्ञान (पु०) रोग विज्ञान, पैथालोजी; करण विकार) 7 विचारों में होनेवाला परिवर्तन 8 मल 9 रोग __(पु०) विकृति करना
(जैसे-विकार ग्रस्त)। प्रस्त (वि०) विकार से पीड़ित | विकृष्ट-सं० (वि०) 1 खींचा हआ 2 फैलाया हुआ विकारमय-सं० (वि०) विकार से युक्त
विकेंद्रित-सं० (वि०) फैलाया हुआ, केंद्र से हटाया हुआ विकारित-सं० (वि०) 1 ख़राब किया हआ 2 परिवर्तित विकेंद्रीकरण-सं० (पु.) केंद्र में हटाना विकारी-सं० (वि०) 1 विकारवाला 2 परिवर्तन युक्त विकेंद्रीकृत-सं० (वि०) = विकेंद्रित (जैसे-विकारी और अविकारी शब्द)
विकेंद्रीयकरण-सं० (पु०) = विकेंद्रीकरण विकार्य-सं० (वि०) परिवर्तनशील
विकेट-अं० (पु०) 1 क्रिकेट के खेल में गल्लियाँ रखने के डंडे विकाल-सं० (पु०) 1 दिनांत, संध्या 2 अतिकाल 3 उपयुक्त 2 बल्लेबाज़ (जैसे-अभी तीन विकेट गिरे हैं) 3 दोंनों ओर के समय के बाद का समय
विकेटों के बीच की जगह (जैसे-विकेट पर दौड़ना)। विकाश-सं० (पु०) 1 प्रकाश, रोशनी 2 फैलाव, विस्तार -कीपर (पु०) विकेट के पीछे खड़ा होनेवाला खिलाड़ी, 3 बढ़ती, वृद्धि
~डोर (पु०) चक्कदार फाटक विकाशन-सं० (पु०) विकाश करना
विक्टोरिया-[अं० (स्त्री०) फिटन से मिलती जुलती एक प्रकार विकास-(पु०) 1 व्यक्त करना 2 खिलना 3 खलना 4 बढ़ते ___ की घोड़ा गाड़ी 2 ब्रिटेन की विख्यात रानी II (प०) एक छोटा बढ़ते पूरा रूप धारण करना (जैसे-शरीर का विकास, पेड़ पौधों का विकास)। कारी (वि०) विकास करनेवाला; | विक्रम-I सं० (पु०) 1 वीरता 2 शक्ति 3 वश में करना
-कार्य (३०) विकास संबंधी काम; ~क्रम (पु०) 4 बल, पौरुष 5 बिना क्रम या प्रणाली का वेदपाठ II (वि०) विकास होने का क्रम; परक (वि०) = विकासमान; 1 बिना क्रम का 2 उत्तम, श्रेष्ठ । ~संवत् (पु०) विक्रमादित्य
~मूलक (वि०) विकास पर आधारित; ~वाद (पु०) के नाम से चलाया हुआ संवत् डार्विन द्वारा प्रतिपादित एक सिद्धांत जिसमें प्रणियों का प्रादुर्भाव विक्रमण-सं० (पु०) 1 चलना 2 साहसपूर्वक आगे बढ़ना एक ही मूल तत्व से हुआ माना जाता है; ~वादी I (पु०) 3 डग भरना, क़दम बढ़ाना विकास वाद का अनुयायी II (वि०) विकासवाद से संबंधित; विक्रमाजीत-(पू०), विक्रमादित्य- (पु०) उज्जयिनी के ~शील (वि०) = विकासमान्
प्रसिद्ध प्रतापी राजा विकासमान-सं० (वि०) विकास करता हुआ
विक्रमाब्द-सं० (पु०) विक्रम संवत् विकासात्मक-सं० (वि०) विकास वाला
विक्रमी-I सं० (पु०) पराक्रमी II (वि०) 1 विक्रम संबंधी, विकासार्थ-सं० (वि०) विकास करनेवाला
विक्रम का 2 विक्रमाब्द संबंधी विकिरक-1 सं० (पु०) ताप, भाप प्रकाश आदि बिखेरनेवाला विक्रय-सं० (पु०) दाम लेकर चीज़ देना, बेचना (जैसे-क्रय यंत्र II (वि०) विकीर्ण करनेवाला
विक्रय)। कर (पु०) बिक्रीकर, सेल टैक्स; ~कर्ता विकिरण, विकिरणन-सं० (पु०) 1 फैलाना, छितराना, (पु०) विक्रेता; कला (स्त्री०), चातुर्य (पु०) बेचने किरणों का एकत्रीकरण। ~कारी (वि०) फैलानेवाला, का ढंग; ~धन (पु०) बेचने का सामान; पत्र (पु०) छितरानेवाला; -चिकित्सक (पु०) किरणों द्वारा चिकित्सा 1 विक्रय की रसीद 2 बैनामा; ~भंडार (प्०) बिक्री के लिए करनेवाला; चिकित्सा (स्त्री०) किरणों द्वारा की जानेवाली रखा माल गोदाम; ~मूल्य (पु०) बेचने की कीमत; लेख चिकित्सा; ~ता (स्त्री०) विकिरण होने की अवस्था (पु०) = विक्रय पत्र; ~शील (वि०) बेचा जानेवाला
~मापी (पु०) किरणों को नापने का एक यंत्र; मिति विक्रयक-सं० (पु.) = विक्रेता (स्त्री०) किरणों को नापना; विज्ञान (पु०) किरणों से विक्रयण-सं० (पु०) बेचना
संबंधित विद्या; ~शील (वि०) फैलता हुआ, फैलनेवाला विक्रयागार-सं० (पु०) = विक्रय भंडार विकीर्ण-सं० (वि०) 1 फैलाया हुआ, छितराया हुआ 2 भरा विक्रयार्थ-सं० (वि०) बिक्री के लिए हुआ 3 मशहूर, प्रसिद्ध
विक्रयिक-सं० (पु०) = विक्रेता विकीर्णक-सं० (पु०) फैलानेवाला
विक्रयी-सं० (पु०) बेचनेवाला विकीर्णन-सं० (पु०) फैलाना
विक्रांत-[ सं० (वि०) 1 प्रतापी 2 तेजस्वी 3 वीर II (पु०) विकुंचन-सं० (पु०) मुड़ना, सिकुड़ना
1 बहादुर, वीर 2 शेर 3 साहस, हिम्मत विकुंठ-सं० (वि०) 1 तेज़ और नुकीला 2 अत्यधिक भुथरा विक्रिया-सं० (स्त्री०) 1 विकार 2 प्रतिक्रिया विकृत-सं० (वि.) 1 बेडौल 2 अप्राकृतिक (जैरो-विकृत विक्रीत-सं० (वि०) बेचा हुआ रूप) 3 असाधारण 4 अपूर्ण, अधूरा 5 विकार युक्त 6 कुरूप विक्रेता-सं० (पु०) विक्रय करनेवाला 7 बीभत्स। -चित्त (वि०) विकार युक्त मनवाला; दृष्टि विक्रेय-सं० (वि०) बिकाऊ (वि०) बुरी दृष्टि वाला; ~रूप (पु०) बिगड़ा हुआ रूप, | विक्लव-सं० (वि०) 1 विकल 2 क्षब्ध 3 भयभीत 4 दुःखी, भद्दा चेहरा (जैसे-विकृत रूपवाला)
संतप्त