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वितरण
वितरण सं० (पु०) बाँटना। ~ व्यापार (पु० ) वितरण का
काम
वितरणात्मक-सं० (वि०) वितरण संबंधी वितरित सं० (वि०) बाँटा गया
वितर्क -सं० (पु०) 1 कुतर्क करना 2 तर्क के विपरीत दिया गया तर्क (जैसे-वितर्क)
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वितर्कण-सं० (पु० ) 1 वाद-विवाद 2 संदेह
वितर्क्स-सं० (वि०) 1 विचारणीय 2 संदिग्ध 3 विलक्षण विताड़ित-सं० (वि) 1 मारा हुआ 2 जिसे डाँटा गया हो वितान-सं० (पु० ) 1 चंदोआ, तंबू 2 विस्तार, फैलाव वितुष्ट सं० (वि०) 1 असंतुष्ट 2 अप्रसन्न वितृण-सं० (वि०) तृष्णा से रहित
वितृष्णा-सं० (स्त्री०) 1 तृष्णा का अभाव 2 विकट तृष्णा वित्त-सं० (पु० ) 1 धन संपत्ति 2 रुपया पैसा (जैसे- वित्त विभाग ) । ~ नियोजन, पोषण (पु० ) विभागानुसार धन का प्रबंध करना; प्रबंधक (पु० ) धन का प्रबन्धकर्ता; ~ मंत्रालय (पु० ) वित्त संबंधी मंत्री का कार्यालय मंत्री (पु० ) = वित्त सचिव, वित्तीय सचिव ~ वर्ष (पु० ) वर्ष जिसके लिए वित्त की व्यवस्था हो (जैसे- 1 अप्रैल से 31 मार्च); ~ विधेयक (पु० ) वित्त संबंधी क़ानून; ~ विवरण (पु० ) वित्त संबंधी लेखा जोखा व्यवस्था (स्त्री०) वित्त का प्रबंध करना; ~ सचिव (पु० ) वित्त संबंधी एक राजकीय उच्च अधिकारी साधन (पु०) धन प्राप्ति
का उपाय करना
वित्ति-सं० (स्त्री०) 1 लाभ 2 प्राप्ति
वित्तीय सं० (वि०) वित्त संबंधी (जैसे- वित्तीय प्रबंध, वित्तीय व्यवस्था)
वित्तैष्णा-सं० (स्त्री० ) पैसे की चाह, धन की लालसा वित्रास-सं० (पु० ) भय, डर
वित्रासन - I सं० ( पु० ) डराना, त्रासन II (वि०) डरावना, भयानक (जैसे- वित्रासन रूप )
विथराना - (स० क्रि०) छितराना विथारना - (स० क्रि०) 1 फैलाना 2 छितराना
विदग्ध-सं० (वि०) 1 तपा हुआ 2 जला हुआ 3 कष्ट सहा हुआ 4 चतुर, निपुण 5 रसिक। ~ता (स्त्री०) 1 विदग्ध होने का भाव 2 चातुर्य, निपुणता, कौशल विदग्धा-सं० (स्त्री०) साहि० चतुरता पूर्वक पर पुरुष को अनुरक्त करनेवाली परकीया नायिका विदलन-सं० (पु० ) मलना, दबाना 2 रगड़ना विदलित-सं० (वि०) दलन किया हुआ विदा - ( स्त्री०) प्रस्थान, रवाना होना (जैसे-बरात विदा हो गई)। ~ विदाई (स्त्री०) विदा होने या करने का कार्य; -वेला + सं० (स्त्री०) विदा का समय विदाई - (स्त्री०) 1 प्रस्थान 2 प्रस्थान के समय प्राप्त धन 3 विदा के समय शुभ कामना हेतु एकत्र होना विदाप-सं० (१०) = विदा
विदारक -सं० (वि०) विदारण करनेवाला (जैसे- हृदय विदारक)
=
विदारित-सं० (वि० ) विदीर्ण विदारी-सं० (वि० ) = विदारक
विद्यार्जन,
विदाह-सं० (पु०) जलन
विदाही -सं० (वि०) विदाह करनेवाला विदित सं० (वि०) अवगत, ज्ञात विदीर्ण-सं० (वि०) 1 टूटा हुआ 2 निहत
विदुषी - सं० (स्त्री०) विद्वान् स्त्री विदूर-सं० (वि०) बहुत दूर का
विदूषक -सं० (पु०) 1 हँसी उड़ानेवाला व्यक्ति 2 मसखरा 3 भाँड 4 कामुक व्यक्ति
विदूषण - सं० (पु० ) 1 भ्रष्ट करना 2 निंदा करना 3 दोषारोप करना 4 कोसना विदूषना - [सं० + हिं० (अ० क्रि०) दुःखी होना II (स० क्रि०) 1 सताना 2 दोषी ठहराना
=
विदेव - सं० (पु० ) राक्षस, दैत्य विदेश -सं० (पु० ) पराया देश। गत (वि०) परदेश गया हुआ; नीति (स्त्री०) विदेश संबधी नियम क़ानून; ~ मंत्रालय (पु० ) विदेश कार्यालय मंत्री (पु० ) विदेश से संबंध बनाए रखनेवाला मंत्री मंत्री सम्मेलन (पु० ) विदेश मंत्रियों का इकट्ठा होना; यात्रा (पु० ) विदेश को जाना; - व्यापार मंत्रालय (पु०) विदेश मंत्री का व्यापार संबंधी कार्यालय; ~ व्यापार मंत्री (पु०) विदेश व्यापार से संबंधित मंत्री ~स्थ (वि०) 1 परदेश में होनेवाला 2 परदेश में स्थित विदेशाधिकरण-सं० (पु० ) = विदेश कार्यालय विदेशी -संग (वि०) दूसरे देश का (जैसे- विदेशी माल ) । पन + हिं० (पु० ) विदेशी होने का भाव विदेशीय सं० (वि०) विदेश का
विदेह - I सं० (वि०) 1 बिना शरीर का 2 सांसारिक बातों से विरक्त II ( पु० ) 1 राजा जनक 2 जिसकी उत्पत्ति माता पिता से न हुई हो ऐसा प्राणी (जैसे- भूत प्रेत आदि) विद् -सं० (पु०) 1 जानकर 2 पंडित विद्वान् विद्ध-सं० (वि०) 1 बेधा हुआ (जैसे-विद्ध हृदय) 2 घायल (जैसे- विद्ध पुरुष ) 3 बँधा हुआ 4 साथ लगा हुआ विद्यमान् -संग (वि०) अस्तित्व में होनेवाला विद्या-सं० (स्त्री० ) 1 ज्ञान, इल्म 2 व्यवस्थित ज्ञान (जैसे- सामाजिक विद्या) 3 चातुर्य से भरा ज्ञान (जैसे-ठग विद्या) 4 गंभीर और ज्ञातव्य विषय का कोई विभाग । ~ उपाधि (स्त्री०) विद्या पूरी करने पर प्राप्त डिग्री; केंद्र (पु०) विद्या प्राप्त करने का स्थान; गुरु ( पु० ) शिक्षक; -गृह (पु० ) विद्यालय, पाठशाला; दाता (पु० ) = विद्या गुरु; ~दान (पु० ) विद्या देना; ~धर (पु० ) एक देवयोनि; पीठ (पु० ) 1 शिक्षा का बड़ा और प्रमुख केंद्र 2 महा विद्यालय ~ रसिक (पु० ) विद्या का प्रेमी, विरुद्ध (वि०) विद्या का विरोधी व्यवसायी (वि०) विद्यावान् व्यसनी (पु० ) = विद्या रसिक (जैसे-विद्या व्यसनी को मित्र बनाना ) विद्यात्व-सं० (पु०) विद्या का भाव विद्याध्ययन-सं० (पु० ) विद्या पढ़ना विद्याभ्यास-सं० (पु०) विद्या का अभ्यास विद्यारंभ - सं० (पु०) विद्या की शुरुआत विद्यार्जन-सं० (पु० ) विद्या प्राप्त करना
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