________________
लंबर
711
लखौट
लंबर-अं बो० (पु०) नंबर । दार + फ़ा० (पु०) नंबरदार, | लक्षण-सं० (पु०) 1 आसार, निशान (जैसे-वर्षा के लक्षण मुखिया
दिखाई देना) 2 विशेषता सूचक शब्द (जैसे-यह तो प्रतिभा के लंबवत-सं० (वि०) सीधा खड्न (जैसे-लंबवत् रेखा) लक्षण हैं) 3 परिभाषा (जैसे-साहित्य में अलंकार के लक्षण) लंबा-(वि०) 1 चौड़ाई से अधिक विस्तारवाला (जैसे-लंबा | 4 शरीर के शुभाशुभ चिह्न 5 लच्छन (जैसे-उसके लक्षण बाँस) 2 अधिक ऊँचा (जैसे-लंबा पेड़) 3 अधिक अच्छे नहीं दिखाई देते) 6 ढंग, प्रकार। ~कार्य (पु०) विस्तारवाला (जैसे-गरमी के दिन और जाड़े की रातें लंबी होती 1 गुणों का वर्णन 2 परिभाषा; ~ग्रंथ (पु.) वह ग्रंथ जिसमें हैं) 4 दीर्घ (जैसे-लंबा खर्च)। हाथ (पु०) अधिक प्राप्त रस, छंद, अलंकार के लक्षण बताए गए हों; युक्त (वि०) होनेवाली चाल या दाँव
लक्षणवाला लंबाई-(स्त्री०) 1 लंबा होने का भाव 2 लंबान का परिमाण । लक्षणा-सं० (स्त्री०) 1 सामान्य अर्थ से भिन्न अर्थ देनेवाली चौड़ाई (स्त्री०) लंबान चौड़ान का परिमाण
शक्ति 2 उद्देश्य, लक्ष्य लंबान-(स्त्री०) = लंबाई
लक्षणी-सं० (वि०) 1 लक्षणोंवाला 2 लक्षण जाननेवाला लंबायमान-(वि०) 1 बहुत लंबा 2 लेटा हुआ
लक्षणीय-सं० (वि०) 1 देखने योग्य 2 परिभाषा देने योग्य लंबित-सं० (वि०) 1 लटकता हआ 2 अवलंबित
लक्षाधिपति-सं० (पु०) लखपति लंबी-(वि०) 'लंबा' का स्त्रीलिंग रूप
लक्षाधीश-सं० (पु०) लखपति लंबू-I (वि.) अधिक ऊँचा
लक्षित-[सं० (वि०) 1 ध्यान में आया हुआ 2 निर्दिष्ट 3 चिह्न लंबू-II (पु०) मृत का दाह कर्म
युक्त II (पु०) शब्द की लक्षण शक्ति द्वारा ज्ञात अर्थ लंबोतरा-(वि०) गोलाईयुक्त लंबा (जैसे-लंबोतरा मोती, लक्षितव्य-सं० लक्ष्य करने योग्य लंबोतरा बर्तन)
लक्षिता-सं० (स्त्री०) साहि० वह नायिका जिसके लक्षणों से लंबोदर-सं० (वि०) 1लंबे या मोटे पेटवाला 2 बहुत अधिक ___ पर पुरुष प्रेम जानकर सखी ने उसी पर प्रकट कर दिया हो खानेवाला, पेटू
लक्षितार्थ-सं० (पु०) शब्द की लक्षणा शक्ति से निकला अर्थ लंबोष्ठ-I सं० (वि०) लंबे होठोंवाला II (पु०) ऊँट लक्ष्मण-I सं० (पु०) चिह्न II (वि०) चिह्न युक्त। रेखा लकड़बग्घा-(पु०) भेड़िये की जाति का एक जंगली जानवर (स्त्री०) पार न करने योग्य सीमा लकड़हारा-(पु०) जंगल आदि से लकड़ियाँ तोड़कर | लक्ष्मी-सं० (स्त्री०) 1 धन संपत्ति, दौलत 2 शोभा, श्री बेचनेवाला
(जैसे-गृह लक्ष्मी) 3 विष्णु की पत्नी। नारायण (पु०) लकड़हारिन-(स्त्री०) लकड़हारा की स्त्री
लक्ष्मी और नारायण की युगल मूर्ति; ~पति (पु०) विष्णु, लकड़ा-(पु०) लकड़ी का मोटा कुंदा
नारायण लकड़ाना-(अ० क्रि०) 1 सख्त होना 2 लकड़ी की तरह | लक्ष्य-I सं० (पु०) 1 निशान (जैसे-लक्ष्य साधना) 2 उद्देश्य
दुबला पतला हो जाना 3 ऐंठकर लकड़ी की तरह कड़ा होना | (जैसे-धन संग्रह का लक्ष्य) 3 अनुमान योग्य वस्तु, अनुमेय लकड़ी-(स्त्री०) 1 काठ, काष्ठ 2 ईंधन। —देना मुरदा 4 लक्षणा शक्ति से निकलनेवाला अर्थ II (वि०) 1 देखने जलाना; ~सा बहुत दुबला; ~होना दुबला और कमज़ोर योग्य, दर्शनीय 2 लाख। ~ता (स्त्री०) लक्ष्य होने का भाव; होना
~भेद (पु०) = लक्ष्य वेध; ~भ्रष्ट (वि०) निशाने से लकदक़-फा० (पु०) बंजर, वीरान
चूका हुआ; ~वेध (पु०) निशाना लगाना; ~वेधी (वि०) लकब-अ० (पु०) उपाधि, पदवी
निशाना लगानेवाला; साधन (पु०) लक्ष्य साधना; लकलक-1 अ० (पु०) लंबी गर्दनवाला एक जल पक्षी सिद्धि (स्त्री०) ध्येय की प्राप्ति; हीन (वि०) बिना II (वि०) बहुत दुबला पतला
लक्ष्य का लकवा-अ० (पु०) 1 एक प्रसिद्ध वात रोग 2 पक्षाघात लक्ष्यत्व-सं० (पु०) = लक्ष्यता लकसी-(स्त्री०) अँकुसी लगी लग्गी ।
लक्ष्यांक-सं० (पु०) निशाने का चिह्न लकार-सं० (पु०) 'ल' वर्ण
लक्ष्यार्थ-सं० (पु०) = लक्षितार्थ लकीर-(स्त्री०) 1 रेखा (जैसे-लकीर खींचना) 2 ज़मीन पर | लखन-(स्त्री०) लखने की क्रिया बनाई गई रेखा (जैसे-इस लकीर को मिटा दो) 3 प्रथा, रीति। लखना-(स० क्रि०) 1 अनुमान करना 2 समझ लेना 3 देखना
का फ़कीर बिना सोचे समझे पुराने ढरौं, ढंग पर लखपती-सं० (पु०) बहुत अमीर चलनेवाला
लखपेड़ा-(वि०) अत्यधिक पेड़ोंवाला लकीरी-(वि०) लकीर का
लखलखा-फा० (पु०) अंबर, कस्तूरी, अगर का मिश्रण लकुट-सं० (पु०) 1 लाठी, छड़ी 2 लुकाठ
लखलखाना-(अ० क्रि०) भूख प्यास से बिलखना लकुटिया-बो० (स्त्री०), लकुटी-(स्त्री०) छड़ी
लखाना-(स० क्रि०) दिखलाना लक्कड़-(पु०) = लकड़ा
लखी-(पु०) लाख के रंग का घोड़ा लक्खा-(वि०) लाखों में एक, बहुत बढ़ा चढ़ा लखेरा-(पु०) 1 लाख की चूड़ियाँ बनानेवाला कारीगर 2 इस लक्खी-(वि०) 1 लाखों का, लखपति 2 लाख के रंग का तरह का काम करनेवाली हिंदू जाति लक्ष-I सं० (वि०) लाख, सौ हज़ार
लखोखा-(पु०) कई लाख ला-II सं० (पु०) लाख, चपड़ा
लखौट-(स्त्री०) लाख की चूड़ी