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मोहार 676
मौली मोहार-बो० (पु०) 1 मुँह 2 द्वार
(जैसे-मौत आना) 3 शामत, मुसीबत (जैसे-मौत सामने मोहित-सं० (वि०) 1 मोह प्राप्त, मुग्ध (जैसे-मोहित कन्या) है)। ~आना आफ़त आना; ~का घर देख जाना
2 लुभाया हुआ 3 भ्रम में पड़ा हआ (जैसे-जग मोहित) बार-बार मृत्यु की आशंका होना; ~का ढलका आसत्रमरण; मोहिनी-[ सं० (वि०) मोहित करनेवाली (जैसे-जगत ~का तमाचा मौत की याद दिलानेवाली बात; ~का मोहिनी) II (स्त्री०) 1 माया, मोह 2 समुद्र मंथन से प्राप्त सामना भयानक मुसीबत का सामना, प्राणभय; ~का सिर अमृत बाँटने के लिए असुरों को मोहित करने हेतु धारण किया पर खेलना मौत करीब आना, ~की घड़ी मृत्युकाल; के गया भगवान विष्णु का सुंदर रमणीवाला रूप
घाट उतारना मार डालना; के दिन पूरे करना कष्ट से दिन मोही-सं० (वि०) 1 अज्ञानी 2 मोह करनेवाला 3 मोह युक्त काटना, कठिनाई से जीना; ~के मुँह में जाना खतरे में पड़ना, 4लोभी (जैसे-धन का मोही, मोही व्यक्ति)
जान जोखिम में डालना; ~माँगना मसीबत से ऊबकर मौत मोहेला-(पु०) एक प्रकार का चलता गाना
माँगना मौज-सं० (वि०) 1 मूंज संबंधी 2 मूंज का बना हुआ मौद्रिक-सं० (वि०) मुद्रा संबंधी मौजिबंधन-सं० (पु०) यज्ञोपवीत संस्कार, जनेऊ
मौन-[ सं० (पु०) 1न बोलना, चुप्पी (जैसे-मौन धारण मौजी-सं० (स्त्री०) मूंज की बनी मेखला
करना) II (वि०) चुप (जैसे-मौन व्यक्ति)। पठन मौक़ा-अ० (पु०) 1 अवसर, सुयोग (जैसे-शादी ब्याह का (पु०) मन ही मन पढ़ना; ~भंग (पु०) ख़ामोशी तोड़ना, मौक़ा) 2 अवधि, मोहलत 3 अवकाश, फुरसत 4 घटना बोलना; ~भंजक (वि०) ख़ामोशी तोड़नेवाला, स्थल (जैसे-दारोगा मौके पर तुरंत पहुँच गया)। परस्त + बोलनेवाला; ~भाव (पु०) चुप रहने की स्थिति, न बोलना; फ़ा० (पु०) अवसरवादी; परस्ती + फ़ा० (स्त्री०) ~मुद्रा (स्त्री०) चुप्पी; व्रत (पु०) न बोलने का संकल्प; अवसरवादिता; बाज़ + फ़ा० (पु०) = मौकापरस्त; ~व्रतधारी व्रती (वि०) = मौनी
बाज़ी + फ़ा० (स्त्री०) = मौकापरस्ती तकना, मौनत्व-सं० (पु०). = मौन भाव ~देखना घात में रहना; देना अवकाश देना, मोहलत मौनावलंबन-सं० (पु०) चुप्पी साधना देना; मौके पर ऐन वक़्त पर; मौके से यथावसर, उचित मौनी-सं० (वि०) 1 चुप रहनेवाला 2 मौन व्रतधारी समय से
मौर-(पु०) विवाह के समय वर को पहनाया जानेवाला ताड़पत्र मौकूफ़-अ० (वि०) 1 स्थगित 2 पदच्युत, बर्खास्त 3 रद्द का बना मुकुट, शिरोभूषण। छोराई (स्त्री०) 1 विवाह के (जैसे-मौकूफ़ होना) 4 आश्रित
उपरांत मौर खोलने की रस्म 2 इस अवसर पर प्राप्त धन मौकूफ़ी-अ० • फ़ा० (स्त्री०) मौकूफ़ होने का भाव मौरना-(अ० क्रि०) बौर लगना मौके बेमौने-अ० + फ़ा० + अ० (क्रि० वि०) समय मौरी-(स्त्री०) विवाह में वधु के सिर पर बाँधा जानेवाला छोटा कुसमय (जैसे-मौके बेमौके चले आना)
मौर मौक्तिक-[ सं० (पु०) मोती II (वि०) मोती का मौरूसी-अ० + फ़ा० (वि०) पैतृक (जैसे-मौरूसी ज़ायदाद, मौक्य-सं० (पु०) = मूकता
मौरूसी बीमारी) मौख-सं० (वि०) 1 मुख का 2 मुख से निकलनेवाला मौर्य-सं० (पु०) मगध का एक प्रसिद्ध भारतीय राजवंश (जैसे-गालियाँ बकना मौख पाप है)
मौर्वी-सं० (स्त्री०) धनुष की डोरी, प्रत्यंचा मौखर्य-सं० (पु०) मुखरता, वाचालता
मौल-I सं० (वि०) 1 मूल संबंधी 2 मौरूसी II (पु०) बड़ा मौखिक-सं० (वि०) 1मुख संबंधी 2 बोला जानेवाला, ज़मींदार
ज़बानी (जैसे-मौखिक कविता, मौखिक संगीत) मौलना-(अ० क्रि०) फूलना मौखिकी-सं० (स्त्री०) मौखिक परीक्षा
मौलवी-अ० (पु०) 1 अरबी भाषा का पंडित 2 इस्लाम धर्म मौगा-बो० (वि०) मूर्ख
का आचार्य 3 मुसलमान शिक्षक। गिरी + फ़ा० (स्त्री०) मौघ्य-सं० (पु०) मोघता, निरर्थकता
मौलवी का काम मौज़-अ० (स्त्री०) 1 तरंग, हिलोर (जैसे-दरिया ए मौज) | मौला-अ० (पु०) 1 स्वामी 2 ईश्वर 3 आज़ाद किया हुआ 2 उमंग (जैसे-मन की मौज़) सुख, आनंद (जैसे-मौज़ प्राप्त गुलाम। ~ई + हिं० (स्त्री) 1 स्वामित्व, सरदारी 2 मौला होना, मौज़ का समय)
होने का भाव; ~दौला + हिं० (वि०) 1 भोलाभाला मौज़ी-अ० + फ़ा० (वि०) 1 मनमाना करनेवाला 2 सुख 2 बेपरवाह 3 बड़ा दानी __ भोगनेवाला
मौलाना-अ० (पु०) 1 इस्लाम के सिद्धांतों का पंडित 2 अरबी मोनूँ-1 अ० (वि०) 1 तौला हआ 2 ठीक, उपयुक्त II (क्रि० भाषा का पंडित वि) ठीक ठाक
मौलि-सं० (पु०) 1 चोटी, सिरा 2 मस्तक, सिर 3 मुकुट, मौजूद-अ० (वि०) 1 हाज़िर, उपस्थित 2 प्रस्तुत 3 विद्यमान । किरीट। ~मणि (स्त्री०) मुकुट में जड़ित मणि; ~मुकुट
~णी + फ़ा० (स्त्री०) 1 उपस्थिति 2 मौजूद होने की (पु०) ताज़ अवस्था
मौलिक-सं० (वि०) 1 मूल संबंधी 2 असली, वास्तविक मौजूदा-अ० (वि०) 1 वर्तमान काल का (जैसे-मौजूदा | 3 मूलभूत (जैसे-मानव के मौलिक सिद्धांत)। ता हालत) 2 विद्यमान (जैसे-मौजूदा सामान)
__ (स्त्री०) मौलिक होने का भाव मौत-अ० (स्त्री०) 1 मृत्यु (जैसे-मौत होना) 2 मृत्यु का समय | मौली-I (स्त्री०) लाल रंग में रंगा मांगलिक डोरा