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त
1 कलरव 2 ध्वनि, शब्द
रुत - II सं० ( पु० ) रुतबा - अ० (पु० ) 1 ओहदा, दरजा 2 बड़ाई, महत्ता 3 इज़्ज़त । दार + फ़ा० (वि०) प्रतिष्ठित, श्रेष्ठ रुदन - ( पु० ) रोना, विलाप
रुदित-सं० (वि०) 1 रोआ हुआ 2 रोता हुआ रुद्ध-सं० (वि०) 1 रोका हुआ 2 रुका हुआ 3 आवृत्त, बंद 4 मुँदा हुआ 5 जिसकी गति रुकी हुई हो। कंठ (वि०) जिसका गला भर आया हो। मूत्र (पु०) मूत्रकृच्छ (रोग) रुद्र - I सं० (वि०) डरावना, भयंकर II ( पु० ) 1 शिव का एक रूप 2 साहि रौद्र रस। भूमि (स्त्री०) 1 श्मशान, मरघट 2 एक विशेष प्रकार की भूमि रुद्राक्ष -सं० ( पु० ) 1 एक
प्रकार का वृक्ष 2 इस वृक्ष का फल (जैसे- रुद्राक्ष की माला) -माला (स्त्री०) रुद्राक्ष की बनी
माला
रुद्राणी-सं० (स्त्री०) शिव की पत्नी रुद्रारि-सं० ( पु० ) कामदेव रुधिर - सं० ( पु० ) रक्त, लहू, खून (जैसे-अंग से रुधिर बहना) । ~ न्यूनता (स्त्री०) रक्त क्षीणता; पान (पु० ) रक्त पीना पायी I ( वि०) रक्त पीनेवाला II ( पु० ) राक्षस वाहक (वि०) रक्त ले जानेवाली (जैसे- रक्त वाहक धमनियाँ); विज्ञान (पु०) रुधिर में रहनेवाले तत्त्वों और उनमें उत्पन्न होनेवाले कीटाणुओं या विकारों के ज्ञान से संबंधित शास्त्र; स्राव (पु० ) रक्त बहना रुधिराक्त-सं० (वि०) 1 खून से भरा हुआ 2 खून की तरह लाल 3 खून से तर
रुधिराभिसरण -सं० (पु० ) = रक्त परिभ्रमण
रुधिरामय-सं० ( पु० ) रक्तपित्त
रुधिराशि - सं० (वि० / पु० ) रुधिर का आहार करनेवाला रुन झुन - (स्त्री०) 1 नूपुर की ध्वनि 2 झनकार रुपना - (अ० क्रि०) 1 रोपा जाना 2 लगाया जाना रुपया - (पु० ) 1 सौ नए पैसे के मूल्य का नोट या सिक्का 2 चाँदी का सिक्का 3 संपत्ति, धन दौलत (जैसे- हज़ारों रुपया बर्बाद करना)
रुपहरा बो० (वि०), रुपहला - (वि०) चाँदी का सा, उज्वल तथा चमकीला (जैसे- रुपहरा तार)
रुपैया-बो० (पु०) = रुपया
रुबाई - (स्त्री०) चार पंक्तियों की एक कविता
रुमाल - फ़ा० (पु० ) = रूमाल
रुमाली - फ़ा० + हिं० (स्त्री०) 1 तिकोना लँगोट 2 मुगदर घुमाने
का एक ढंग
रुराई - (स्त्री०) सुंदरता
रुरुआ - ( पु० ) एक तरह का उल्लू
रुलना - (अ० क्रि०) 1 भटकना 2 इधर-उधर मारा-मारा फिरना 3 उठाई पटक
रुलाई - (स्त्री०) 1 रोने का भाव 2 रोने की प्रवृत्ति रुलाना - (स० क्रि०) रोने में प्रवृत्त करना (जैसे- बच्चे को रुलाना)
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रुल्ल, रुल्ला - (स्त्री०) वह भूमि जिसकी उर्वरा शक्ति कम हो गई हो रुवाई - (स्त्री०)
=
रुलाई
रोब
रुवाब - अ० (पु० ) रुष (पु०), रुषा - सं० (स्त्री०) क्रोध, गुस्सा रुषित-सं० (वि०) 1 क्रुद्ध, नाराज़ 2 दुःखित रुष्ट - सं० (वि०) 1 क्रुद्ध 2 अप्रसन्न। ~ता (स्त्री०) रुष्ट होने का भाव पुष्ट (वि०) हृष्ट-पुष्ट, हट्टा कट्टा रुष्टि-सं० (स्त्री०) 1 रुष्टता 2 रोष रुसवा-फ़ा० (वि०) बदनाम, बेइज़्ज़त रुसवाई-फ़ा० (स्त्री०) बदनामी, बेइज़्ज़ती रुसूख - अ० ( पु० ) 1 प्रेम व्यवहार 2 प्रभाव रुसूम - अ० (पु० ) = रसूम रुस्तम - फ़ा० ( पु० ) शूर-वीर
रुस्तमे हिंद - फ़ा० ( पु० ) भारत का श्रेष्ठ पहलवान रूँखड़- (पु०) 'अलख अलख' कहकर भीख माँगनेवाला साधु
रूँगा - ( पु० ) खरीददार को अतिरिक्त दिया गया सामान रूँदना - (स० क्रि०) 1 रौंदना 2 रूँधना रुँध - (स्त्री०) रुँधने का भाव
रुँधना - (स० क्रि० ) 1 विघ्न डालना 2 घेरना
रूढ़ि
=
रू - फ़ा० ( पु० ) चेहरा, मुँह । ~ रिआयत अ० (स्त्री०) तरफ़दारी, लिहाज़
रूई - (स्त्री०) 1 कपास के कोश के अंदर का घूआ, तूल 2 बीजों आदि के ऊपर का रोआँ। ~दार + 10 (fão) रूई से युक्त
रूक्ष सं० = रूखा
रूख - I (पु०) पेड़
रूख - II ( वि०) जो चिकना न हो, खुरदरा रूखड़ा - I ( वि०) रूखा II ( पु० ) पेड़, वृक्ष रूखरा - I ( पु० ) रूखड़ा II ( वि०) रूखा रूखा - (वि०) 1 नीरस, शुष्क 2 खुरदरा 3 कठोर 4 प्रेम शून्य 5 विरक्त, उदासीन । पन (पु० ) 1 रूखा होना 2 नीरसता 3 उदासीनता 4 कड़ाई, कठोरता; ~ सूखा (वि०) बिना घी मसाले का बना हुआ
रूज - अं० (पु० ) 1 एक तरह का विशेष पाउडर 2 सोने-चाँदी पर कलई करने की विशेष बुकनी रूट - अं० ( पु० ) रास्ता, मार्ग
रूटीन - अं० (पु० ) नित्यक्रम, नित्यचर्या
=
रूठ - (स्त्री०) 1 क्रोध, गुस्सा 2 रूठने की क्रिया रूठन - (स्त्री०) रूठने की क्रिया
रूठना- (अ० क्रि०) अप्रसन्न होना (जैसे- बच्चे का रूठना) रूढ़ -सं० (वि०) 1 आरूढ़ 2 प्रसिद्ध 3 प्रचलित 4 यौगिक से भिन्न अन्य अर्थ में प्रयुक्त (जैसे- शब्द का रूढ़ अर्थ ) 5 कठोर, कड़ा
रूढ़ि -सं० (स्त्री०) 1 चढ़ाई चढ़ाव 2 उठान, उभार 3 आविर्भाव, उत्पत्ति 4 प्रसिद्धि 5 प्रथा (जैसे- रूढ़िवाद) 6 रूढ़ अर्थ का ज्ञान करानेवाली शब्द शक्ति । गत (वि०) - ग्रस्त, प्रिय (वि०) = रूढ़िवादी; ~प्रियता (स्त्री०), बद्ध (वि०) रूढ़ि में फँसा हुआ; ~वाद (पु० ), वादिता (स्त्री०) परंपरागत बातों को मानते चले आने का सिद्धांत; ~वादी (वि०) रूढ़िवाद का अनुयायी