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रंगीन
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की गई क्रीड़ा तथा उससे प्राप्त आनंद या मौज (जैसे-नृत्य । 4 अवस्था, दशा (जैसे-जवानी की रंगत) 5 प्रभाव, छाप कला में रंग प्राप्त करना) 7 यौवन, जवानी (जैसे-उसका रंग | (जैसे-शराब की रंगत, साक़ी की रंगत) देखने लायक है) 8 धाक, रोब, आतंक (जैसे-इस क्षेत्र में | रंगतरा-(पु०) बड़ी और मीठी नारंगी, संगतरा दारोगा का रंग है) 9 अद्भुत दृश्य (जैसे-आखिर तुमने एक रंगद-सं० (पु०) 1 सोहागा 2 खादिर सार रंग दिखा ही दिया) 10 नृत्य, संगीत आदि उत्सव (जैसे-नाच रंगदा-सं० (स्त्री०) फिटकरी रंग) 11 अभिनय स्थल, नाट्य स्थल (जैसे-रंगमंच) रँगना-I (अ० क्रि०) 1 रंग से युक्त होना 2 प्रेम में लिप्त होना, 12 दशा, हालत, अवस्था (जैसे-रंग-ढंग) 13 अनेक प्रकार आसक्त होना II (स० क्रि०) 1 रंग से युक्त करना (जैसे-रंग बिरंगा) 14 लड़ाई, युद्ध (जैसे-रंग भूमि)। (जैसे-आलमारी रंगना) 2 लीपा पोती करना (जैसे-कॉपी
~कर्मी (पु०) नाटक करनेवाला; ~ग्रह, -घर । हिं० किताब रँगना) 3 प्रेम में फँसाना, अनुरक्त करना (जैसे-प्यार (पु०) रंग शाला; चित्र (पु०) विशेष प्रकार के रंगों के में रँगना) 4 अनुकूल बनाना 5 भीषण आघात से रक्त बहाना घोल से तूलिका से बनाया गया चित्र; चित्रण (पु०) रंग (जैसे-उसने गंडे का सिर रंग दिया) 6 प्रभाव युक्त करना चित्र बनाना; ~जननी (स्त्री०) लाख, लाक्षा; ~ढंग - हिं० (जैसे-मित्रता के भावों में रंगना) (पु०) 1 गतिविधि आदि की प्रवृत्ति 2 तौर तरीक़ा 3 आसार, | रंग बिरंगा-फा० + हिं० (वि०) अनेक रंगों का, रंगीन लक्षण; -जीवी (वि०) रंगशाला में कार्य करके रंग महल-फ़ा० + अ० (पु०) 1 भोग विलास करने का महल जीवनोपार्जन करनेवाला; ~ढंग (पु०) 1 गतिविधि, | 2 अंतःपुर (जैसे-रंगमहल में शत्रु का प्रवेश) कार्यकलाप 2 तौर तरीक़ा 3 आसार, लक्षण; -दार + फ़ा० रंगरली-(स्त्री०) आमोद प्रमोद, आनंद (वि०) रंगवाला; दृढ़ा (स्त्री०) फिटकरी; नाटक रंगरेज़-फा० (पु०) कपड़ा रँगनेवाला (पु०) रंगमंच के उपयुक्त नाटक; ~पत्री (स्त्री०) नीली रंगरेज़ी-फ़ा (स्त्री०) कपड़े रँगना नाम का पेड़; ~पीठ (पु०) = रंगशाला; ~पुष्पी (स्त्री०) रंगरेली-बो० (स्त्री०) = रंगरली - रंगपत्री; ~प्रवेश (पु०) रंग मंच पर अभिनेता आदि पात्र रैंगवाई-(स्त्री०) = रंगाई का आना; ~बाज़ + फ़ा० (वि०) 1 आतंक जमानेवाला रँगवाना-(स० क्रि०) रँगने का काम कराना 2 मौज मस्ती करनेवाला; -बिरंगा + हिं० (वि०) 1 अनेक | रंगसाज़-फ़ा० (पु०) 1 रंग तैयार करनेवाला कारीगर 2 रंग रंगों का 2 कई तरह का; ~भरिया + हिं० (पु०) = रंग चढ़ानेवाला कारीगर साज़; ~भवन (पु०) रंगमहल; ~भूमि (स्त्री०) युद्धभूमिः | रंगसाज़ी-फा० (स्त्री०) रंगसाज़ का काम ~भेद (पु०) रंग के आधार पर जाति भेद का (जैसे-काले रंगागण-सं० (पु०) = रंगमंच गोरे का भेद); ~भेद नीति (स्त्री०) रंग के आधार पर रंगांगा-सं० (स्त्री०) = रंगदा जातिभेद सिद्धांत; ~भेदी (वि०) रंग भेद करनेवाला; रँगा-(वि०) जिसपर रंग चढ़ा हो (जैसे-रँगा कपड़ा)
~मंच (पु०) 1 नाटक आदि खेला जाने का ऊँचा स्थान रँगाई-(स्त्री०) 1 रंगने का काम 2 रँगने की मज़दूरी (जैसे-रंगमंच बनाना) 2 कार्य हेतु आधार तैयार करने का | (जैसे-कपड़े की रँगाई)। घर (पु०) कपड़े रँगने का स्थान भाव; ~मंचीय (वि०) रंग मंच संबंधी; ~मंडप (पु०) रंगाजीव-सं० (पु०) = रंगसाज़ रंगभूमि, नाट्यशाला; ~मल्ली (स्त्री०) वीणा, बीन; रँगाना-(स० क्रि०) रँगवाना ~महल (पु०) भोग विलास का भवन, ऐशभवन; ~माता रंगामेज़ी-फ़ा० (स्त्री०) 1 तरह तरह के रंग भरने का काम (स्त्री०) कुटनी; ~मातृका (स्त्री०) लाख; ~रली 2 तरह-तरह की वस्तुएँ बनाना 3 अपनी तरफ़ से कुछ बातें (स्त्री०) आमोद प्रमोद, क्रीड़ा; रस + हिं० (पु०) आमोद बढ़ाना प्रमोद; सिया + हिं० (पु०) विलासी पुरुष; ~रूप | रंगारंग-I (वि०) 1 अनेक रंगोंवाला 2 तरह-तरह का (पु०) सूरत, शक्ल, ~लेप (०) रंग चढ़ाना, रँगाई; | (जैसे-रंगारंग खिलौने) II (पु०) रंगारंग कार्यक्रम
विद्या (स्त्री०) अभिनयादि की कला; ~शाला (स्त्री०) | रंगा रँगाया-I (वि०) 1 अनेक रंगोंवाला 2 तरह-तरह की नाट्यशाला; --शिल्प (पु०) रंगमंच संबंधी कारीगरी; वस्तुएँ बनाना 3 अपनी तरफ़ से कुछ बातें बढ़ाना
स्थल (पु०) = रंगमंच; ~आना, चढ़ना अधिक (गा (गाया-(वि०) 1 रंगा हआ (जैसे-रँगा रँगाया कपड़ा) सुंदर लगना; उड़ना, उतरना रंग हलका पड़ना; ___ 2 बहुरूपिया, धूर्त (जैसे-रँगा रँगाया सियार)
~खेलना, ~डालना, ~फेंकना होली पर्व पर परस्पर रंग रंगारि-सं० (पु०) कनेर । डालना, होली खेलना; निखरना चेहरे पर रौनक़ आना रंगालय-सं० (पु०) 1 रंगभूमि 2 रंगशाला (जैसे-जवानी में एक बार सबका रंग निखरता है); ~फ्रीका (गावट-(स्त्री०) रंगाई पड़ना = रंग उतरना; बाँधना लंबी चौड़ी हाँकना; रंगावतरण-सं० (पु०) रंगमंच पर आना ~मचना भयंकर संग्राम छिड़ना, घमासान युद्ध होना; रंगावतारक-सं० (पु०) 1 रँगरेज़ 2 अभिनेता, नट ~मचाना 1 घमासान युद्ध करना 2 धूम मचाना; ~में भंग रंगावली-सं० (स्त्री०) फर्श पर अनेक रंगों से बनाया गया करना आनंद में बाधा डालना; ~में रंगना अनुकूल होना | चित्र, रंगौली, अल्पना रंग-II सं० (पु०) 1 राँगा नामक धातु 2 खदिर सार गिया-बो० (पु०) 1 रंगसाज़ 2 कपड़ा रंगनेवाला रंगत-(स्त्री०) 1रंग से युक्त होने का भाव 2 झलक रंगी-(वि०) 1 विनोदी स्वभाव का 2 मनमौजी (जैसे-हुस्न की रंगत) 3 मज़ा, आनंद (जैसे-प्यार की रंगत) | रंगीन-फा० (वि०) 1 रँगा हुआ (जैसे-रंगीन साड़ी) 2 आमोद