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रजतमय
उज्जवल 2 चाँदी का बना। जयंती (स्त्री०) 25वीं वर्षगाँठ; ~पट (पु०) चलचित्र का पर्दा; पदक (पु०) चाँदी का तमग्रा (मेडल ); पात्र (पु०) चाँदी का बर्तन रजतमय-सं० (वि०) चाँदी का बना रजताचल-सं० (पु०) चाँदी का पहाड़ रजन-अं० (स्त्री०) राल नामक गोंद
रजना - ( अ० क्रि०) 1 रँगा जाना 2 रंग में डुबाया जाना II (स० क्रि०) 1 रंग से युक्त करना, रँगना 2 रंग में डुबाना रजनी - सं० ( स्त्री०) रात। ~कर (पु०) चंद्रमा; गंधा (स्त्री०) 1 रात में खुशबू देनेवाला एक पुष्पवृक्ष 2 रातरानी; चर I (वि०) रात में चलनेवाला II (पु० ) 1 राक्षस 2 चंद्रमा; जल (पु० ) 1 ओस 2 कोहरा; ~मुख (पु० ) संध्या
राजबहा
रजपूती - बो० (स्त्री०) 1 वीरता 2 राजपूत होने का भाव रजबहा - ( पु० ) रजवंती, रजवती - (वि०) = रजस्वला रजवाड़ा - ( पु० ) 1 देशी रियासत 2 राजा
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रजस्, रजस् गुण-सं० (पु० ) भोग विलास की वृत्ति रजस्वला -सं० (वि० / स्त्री०) 1 प्रवाहित रजवाली, ऋतुमती 2 गेंदला और मटमैला
रज़ा - अ० (स्त्री०) 1 इच्छा, मरज़ी 2 आज्ञा, अनुमति 3 छुट्टी, रुख़सत 4 प्रसन्नता । ~कार + फ़ा० (पु०) स्वंय सेवक; ~मंद + फ़ा० (वि०) राज़ी, सहमत, मंदी + फ़ा० (स्त्री०) सहमति
रज़ाई-फ़ा० (स्त्री०) छोटा लिहाफ़, दुलाई रजायस - (स्त्री०) 3 अनुमति
रजिया - I (स्त्री०) 1 डेढ़ सेर का बाँट 2 डेढ़ सेर मान, नापने का डेढ़ सेर का मान
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1 राजा की आज्ञा 2 आदेश, आज्ञा
रजिया - II ( स्त्री०) दूध शरीक बहन रजिस्टर - अं० ( पु० ) 1 आय व्यय आदि लिखने की बही, पंजीयन 2 उपस्थिति बही (जैसे-हाज़िरी का रजिस्टर ) । रजिस्टर्ड ~शुदा + फ़ा० (वि०) रजिस्टरी - I अं० + हिं० (स्त्री०) 1 पंजीकृत करना 2 रजिस्टर
पर चढ़वाना II (स्त्री०) डाक से पत्र भेजने का एक ढंग रजिस्टर्ड - अं० (वि०) पंजीकृत रजिस्ट्रार - अं० ( पु० ) 1 विधिक लेख्यों को राजकीय पंजियों में निबंधित करनेवाला अधिकारी 2 विश्वविद्यालय कार्यालय का प्रधान अधिकारी
रजिस्ट्री - II अं० + हिं० (स्त्री०) रजिस्टरी I रजिस्ट्री - II अं० (स्त्री०) = रजिस्टरी II शुदा + फ़ा०
(वि०) रजिस्टर्ड
रजिस्ट्रेशन - अं० (पु० ) रजिस्ट्री II
रज़ील - अ० (वि०) अधम, कमीना, नीच
रजोगुण - सं० ( पु० ) = रजस् गुण, भोग विलास और राजसी
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691
=
ठाठ बाठ
रजोदर्शन - सं० (पु० ) पहली बार स्त्री का रजस्वला होना रजोधर्म -सं० (पु० ) स्त्रियों का मासिक धर्म रजोनिवृत्ति - सं० (स्त्री०) सदा के लिए मासिक धर्म का बंद हो
जाना
रत
रजोविरति-सं० (स्त्री०) चि० मासिक धर्म का बंद होना रज्जु-सं० (स्त्री०) डोरी, रस्सी। ~ मार्ग (पु०) रस्सी से बनाया
गया रास्ता
रज्जाक - I अ० (वि०) रोज़ी देनेवाला, अन्नदाता II ( पु० ) ईश्वर, अल्लाह
रज्जु-सं० (स्त्री०) रस्सी
रज़्म - फ़ा० (स्त्री०) लड़ाई, युद्ध
रटंत, रट - (स्त्री०) बार-बार पढ़ना, रटाई
रटन - I (स्त्री०) रट लगाना II ( पु० ) ज़ोर-ज़ोर से बोलना,
कहना
रटना - (स० क्रि०) बार-बार ज़ोर-ज़ोर से जल्दी-जल्दी उच्चारण करना (जैसे-अंग्रेज़ी का माने रटना)
रटाना - (स० क्रि०) रटने में प्रवृत्त करना
रटा रटाया - (वि०) कंठस्थ
रटित- (वि०) 1 रटा हुआ 2 जो रटा जा रहा हो रट्टू - (वि०) रटनेवाला (जैसे-रट्टू तोता ) रठ-बो० (वि०) रूखा, शुष्क
रड़क - (स्त्री०) 1 चुभने और पीड़ा देने का भाव 2 हलका दर्द,
कसक
रड़कना - (अ० क्रि०) 1 हलका दर्द होना 2 चुभनेवाली वस्तु कष्टदायक अनुभूति होना
रड़काना - (स० क्रि०) धक्का देकर निकालना रडार - अं० (पु० ) किसी वस्तु की स्थिति जानने का एक यंत्र रढ़िया - I बो० (स्त्री०) साधारण देशी कपास रढ़िया - II ( वि०) हठी, ज़िद्दी
रण-सं० (पु० ) युद्ध, संग्राम (जैसे- घमासान रण होना) । ~कामी (वि०) = रण प्रिय; ~कारी (वि०) युद्ध करनेवाला; ~ कौशल (पु०) युद्ध की चतुराई; क्षेत्र (पु० ) युद्धभूमि ~ क्षेत्री, ~ क्षेत्रीय (वि०) युद्ध भूमि का (जैसे-रण क्षेत्रीय तोप); चंडी (स्त्री०) मारकाट करानेवाली देवी; नीति (स्त्री०) युद्ध के नीति नियम; ~नीतिक (वि०) रणनीति का; पोत (पु०) लड़ाई का जहाज़; ~ प्रशिक्षण (पु० ) युद्ध की शिक्षा देना; प्रिय (वि०) युद्ध का प्रेमी, युद्ध करनेवाला; बाँकुरा + हिं० (पु० ) योद्धा ~ भूमि (स्त्री०) रण क्षेत्र; ~मत्त (वि०) युद्ध में मस्त ~ मद (पु० ) युद्ध का नशा; रंग (पु० ) युद्ध का मज़ा; ~लक्ष्मी (स्त्री०) विजय लक्ष्मी; ~लोलुप (वि०) रण की इच्छा करनेवाला; ~ वाद्य (पु) युद्ध का बाजा; ~संकुल (पु०) घमासान युद्ध; सज्जा (स्त्री०) युद्ध की तैयारी; ~सहाय (पु०) युद्ध में सहायक, मित्र; ~सामग्री (स्त्री०) युद्ध के सामान (जैसे-बंदूक, तोप, भाला आदि); ~सिंघा + हिं० (पु०) तुरही नामक बाजा; ~ स्तंभ (पु० ) विजय का स्मारक; ~ स्थल (पु० ) = रण क्षेत्र; हुंकार (पु०) युद्ध की ललकार रणत्कार-सं० (पु०) झनझनाहट रणन-सं० (पु०) बजाना रणांगण - सं० (पु० ) = रण क्षेत्र रणाभिलाषी-सं० (वि०) = रण प्रिय
=
रत - I सं० ( पु० ) 1 मैथुन, प्रसंग 2 प्रीति, प्रेम II (वि०) मनोयोग से लगा हुआ, आसक्त (जैसे कार्य रत, प्रेम रत)