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रसन
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रहँट
ना (जैसे-जाते
(स्त्री०)
रसनेंद्रिय
गीत
रसन-सं० (पु०) स्वाद लेना, आस्वादन, चखना
रसिक-I सं० (पु०) प्रेमी II (वि०) 1 रस पान करनेवाला रसना-I (अ० क्रि०) 1 रस मग्न होना 2 खुश होना, हर्षित 2 काव्य मर्मज्ञ 3 सहदय 4 काव्य रस से आनंदित होनेवाला।
होना 3 टपकना 4धीरे-धीरे बहना (जैसे-घड़े से पानी रसना) ता (स्त्री०) 1 रसिक होने का भाव 2 हँसी मज़ाक करने की रसना-II सं० (स्त्री०) जीभ, ज़बान
प्रवृत्ति रसनेंद्रिय-सं० (स्त्री०) रस ग्रहण करने की इंद्रिय, जीभ, रसना रसिका सं० (स्त्री०) 1 दही का शरबत 2 ईख का रस रसम-अ० (स्त्री०) = रस्म
रसित-I सं० (वि०) रस से बना हुआ, रसयुक्त II (पु.) रसमय-सं० (वि०) रस में डूबा। ~मयता (स्त्री०) रसमय ___ अंगूर की शराब होने का भाव
रसिया-(पु.) 1 रस लेने का शौक़ीन व्यक्ति (जैसे-गाने बजाने रसरा-(पु०) = रस्सा
का रसिया) 2 कामुक और व्यसनी व्यक्ति (जैसे-रसिया के रसक्त्ता-सं० (स्त्री०) 1 रसीलापन 2 माधुर्य, मिठास 3 सुंदरता फेर में पड़ना) 3 प्रेमी (जैसे-सबका रसिया, तेरा रसिया कहाँ रसा-I (पु०) 1 शोरबा (जैसे-तरकारी का रसा) 2 जूस, रस । गया) 4 होली में गाया जानेवाला हास-परिहास मूलक एक
~दार + फ़ा० (वि०) रसवाला रसा-II सं० (स्त्री०) भूमि, पृथ्वी। तल (पु०) पृथ्वी के रसियाव-(पु०) = रसौर नीचे के सात लोकों में से छठा
रसीद-फा० (स्त्री०) 1 प्राप्ति, पहुँच (जैसे-पार्सल की रसीद, रसाई-फा० (स्त्री०) 1 पहँच 2 दाखिला 3 शक्ति
कपड़े की रसीद) 2 वस्तु आदि के मिलने का प्रमाण पत्र रसाकर्षण-सं० (पु०) रस खींचना
(जैसे-शुल्क की रसीद, चुंगी की रसीद)। बही + फ़ा० रसात्मक-सं० (वि०) 1 रसयुक्त 2 सुंदर। ~ता (स्त्री०) (स्त्री०) रसीद की किताब 1 रसात्मक होने का भाव 2 सुंदरता
रसीला-(वि०) 1 रस से भरा, रसयुक्त 2 स्वादिष्ट रसाधिका-सं० (स्त्री०) किशमिश
(जैसे-रसीला भोजन) 3 रसिया, रसिक 4 बाँका निराला रसानुभूति-सं० (स्त्री०) रस की अनुभूति
(जैसे-रसीला जवान, रसीली आँखें) रसाभास-सं० (पु०) साहि० साहित्यिक रचना में रस की पूर्ण | रसूख-अ० (पु०) 1प्रभाव 2 पहुँच
निष्पत्ति न होकर केवल आभास मात्र प्रतीत होना रसूम-अ० (पु०) 1 रस्म 2 नियम, कानून 3 नेग 4 नज़राना। रसायन-सं० (पु०) 1 पदार्थ का तत्वगतज्ञान, रसायन शास्त्र ~अदालत (पु०) सरकारी न्याय के लिए मुक़दमा दायर 2 जरा व्याधिनाशक औषधि 3 ताँबे से सोना बनाने का कल्पित करते समय दिया जानेवाला धन, कोर्टफीस, स्टांप योग 4 धातुओं को भस्म करने की विद्या। ज्ञ (पु०) | रसूल-अ० (पु०) ईश्वर का दूत, पैगंबर रसायन विद्या को जाननेवाला; -विज्ञान (पू०) रसायन रसोइया-(पु०) रसोई बनानेवाला शास्त्र विद्या (स्त्री०) = रसायन; ~शास्त्र (पु०) विज्ञान रसोई-(स्त्री०) भोजन। खाना + फ़ा०, घर (पु०) की वह शाखा जिसके अंतर्गत पदार्थों के गुण और उनकी अन्य भोजनालय, चौका; ~दार + फ़ा० (पु०) = रसोइया; प्रतिक्रियाओं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, कैमिस्ट्री; ~शास्त्री दारी + फ़ा० (स्त्री०) भोजन बनाने का पद और काम; (पु०) रसायन शास्त्र का ज्ञाता
बरदार + फ़ा० (पु०) भोजन ले जानेवाला रसायनिक-सं० (वि०) रसायन संबंधी (जैसे-पदार्थ का । रसोद्रेक-सं० (पु०) रसनिष्पत्ति, आनंद की प्राप्ति रासायनिक गुण)
रसोल्लास-सं० (पु०) आनंद की उमंग रसायनिकी-सं० (स्त्री०) रसायन संबंधी
रसौर-बो० (पु०) ईख के रस में पका चावल रसायनी-सं० (स्त्री०) 1 बुढ़ापे को दूर करनेवाली औषधि रसौली-(स्त्री०) चि० भौहों के पास आँख के ऊपर गिल्टी 2 अमृत संजीवनी (जैसे-रसायनी बूटी)
निकलने का रोग रसाल-I सं० (वि०) 1 रसपूर्ण 2 मीठा, मधुर 3 रसिक, रस्ता-फा० (पु०) = रास्ता सहृदय II (पु०) आम ~शर्करा (स्त्री०) गन्ने के रस से रस्म-अ० (स्त्री०) 1 परिपाटी, प्रथा (जैसे-शादी-ब्याह की बनी चीनी
रस्म) 2 बर्ताव, बात व्यवहार । ~अदायगी + फ़ा० (स्त्री०) रसालय-सं० (पु०) 1 रसशाला 2 आमोद प्रमोद का स्थान रस्म निभाना; रिवाज (पु०) 1 बात व्यवहार 2 परंपरा, 3 आम का पेड़
प्रथा (जैसे-धार्मिक और सामाजिक रस्म रिवाज) रसाला-सं० (स्त्री०) 1 सिखरन 2 श्रीखंड 3 दही में मिला सत्त | रस्मी-अ० (वि०) 1 रस्म संबंधी 2 साधारण 4 एक तरह की चटनी
रस्सा-(पु०) 1मूंज, सन आदि का बटा हआ मोटा रूप रसाव-(पु०) 1 रसने की क्रिया 2 रसकर निकला पदार्थ 2 ज़मीन की एक नाप जो 75 हाथ लंबी और 75 हाथ चौड़ी (जैसे-फोड़े का रसाव)
होती है, एक बीघा (जैसे-खेत का चार रस्सा अलग करना)। रसावर, रसावल-(पु०) = रसौर
~कशी + फ़ा० (स्त्री०) 1 एक प्रकार का व्यायाम मूलक रसावा-बो० (पु०) ऊख का रस भरा मटका
खेल 2 आपस की खींचातानी (जैसे-रस्साकशी करना) रसास्वादन-सं० (पु०) 1 रस चखना 2 सुख लेना रस्सी-(स्त्री०) डोरी, रज्जु (जैसे-रस्सी से बाँधना, रस्सी टूट रसास्वादी-सं० (वि०) 1 स्वाद लेनेवाला 2 मज़ा लेनेवाला गई)। बाट (पु०) रस्सी बनानेवाला 3 रस लेनेवाला
रहँट-(पु०) कुएँ से पानी निकालने का यंत्र विशेष (जैसे-रहँट रसिआउर-बो० (पु०) रस में पका चावल
चलाना)