________________
राज्यत्व
अंग आदि; ~ यंत्र ( पु० ) राज्य के उद्योग धंधे आदि; ~ विस्तार (पु० ) राज्य का फैलाव; ~व्यवस्था (स्त्री०) राज्य का प्रबंध; ~ शक्ति (स्त्री०) राज सत्ता; शासन (पु० ) = राज प्रशासन; ~संगठन (पु० ) राज्यों का संघ ~ संघ (पु० ) राज्यों का समूह; संचालन (पु० ) = राज प्रशासन संपति (स्त्री०) राष्ट्र का धन; संरक्षक (पु० ) = राज संरक्षक; ~ संस्था (स्त्री०) राजकीय विद्यालय आदि; ~ सत्ता (स्त्री०) = राजसत्ता; ~ सरकार + फ़ा० (स्त्री०) राज्य की शासन व्यवस्था करनेवाला; ~सात्करण (पु० ) राज्य में मिला लेना; ~ सिंहासन (पु० ) = राजगद्दी; ~सीमा रेखा (स्त्री०) राज्य की हद; ~सूत्र ( पु० ) राज्य की बागडोर; ~ सेवा (स्त्री०) राज्य की सेवा, राज्य का काम; राज्यत्व-सं० ( पु० ) राजा होने का भाव राज्याधिकार-सं० (पु० ) 1 राजसत्ता 2 राजसेवा राज्याधिकारी-सं० (वि०) राज्य करनेवाला राज्याभरणसं० ( पु०) राज्य के भूषण राज्याभिषिक्त-सं० (वि०) राज्याभिषेक किया गया राज्याभिषेक-सं० (पु० ) 1 राज्यगद्दी पर बैठाने की एक रीति, राज्यारोहण 2 राज्यारोहण के समय होनेवाला उत्सव राज्यारूढ़ - सं० (वि०) राजसिंहासन पर बैठा हुआ राज्यारहण-सं० (पु०) गद्दी पर बैठना राज्याश्रय-सं० (पु० ) राज्य की शरण राज्याश्रित सं० (वि०) राज्य पर आश्रित राज्यीय सं० (वि०) राजकीय
राहुल - ( पु० ) बड़ा तराजू राठौर - (पु० ) क्षत्रिय
699
1 एक प्रसिद्ध राजवंश 2 राजवंश का
राड़ - (वि०) 1 निकम्मा 2 कायर 3 नीच
राडर-अं० (पु० ) = रडर
राड़ा - ( पु० ) 1 सरसों 2 एक तरह की घास, राढ़ी राडार-अं० (पु० ) राढ़ - (स्त्री०)
= रडार = रार
रात - (स्त्री०) 1 निशा, रजनी 2 निराशामयी स्थिति (जैसे- दुःख की रात) । ~ दिन ( क्रि० वि०) 1 हर समय (जैसे- रात दिन सोना) 2 सदा हमेशा (जैसे- रात दिन खेलना); + सं० (पु० ) उल्लू; ~वास सं० वासा (पु०) रैन बसेरा
~राजा
रातिब - अ० (पु० ) 1 एक दिन की खुराक 2 पशु का दैनिक
=
आहार रातुल - (पु० ) राहुल रात्रिचर - I सं० (पु० ) घूमनेवाला
+
रात्रि - सं० (स्त्री०) निशि । ~ आक्रमण कारक (वि०) रात में हमला करनेवाला (जैसे-रात्रि आक्रमण कारक यान); ~ उड़ान हिं० (स्त्री०) रात में उड़ान; ~ कार ( पु० ) चंद्रमा चर I (पु० ) राक्षस II ( वि०) रात में घूमने फिरनेवाला; जल (पु० ) ओस; ~ भोज, भोजन ( पु० ) रात का खाना
रात्रिक-सं० (वि०) रात का
रात्रयंत सं० (पु० ) रात का अंत, प्रभात
रामदाना
रात्रयंध-सं० (वि०) 1 रात को देखने में असमर्थ 2 रतौंधी का रोगी
राद्ध-सं० (वि०) 1 राँधा हुआ 2 पूरा किया हुआ 3 सिद्ध राधन-सं० ( पु० ) 1 साधन 2 मिलना 3 संतोष राधा - सं० (स्त्री० ) 1 श्रीकृष्ण की सर्वाधिक प्रिय सखी और प्रेयसी 2 कर्ण को पालनेवाली एक सूत महिला 3 प्रीति, प्रेम । ~ वल्लभी (पु० ) 1 राधा वल्लभ नाम का एक वैष्णव संप्रदाय 2 इस संप्रदाय का अनुयायी राध्य-सं० (वि०) आराधना के योग्य रान - फ़ा० (स्त्री०) जंघा, जाँघ राना - अ० (वि०) सुंदर, प्रिय
रानी - (स्त्री०) 1 राजा की पत्नी 2 स्त्रियों के नाम के आगे प्रयुक्त आदर सूचक शब्द (जैसे-देवकी रानी, राधिका रानी ) 3 प्रेयसी या पत्नी के लिए प्रेमपूर्ण संबोधन 4 ताश का एक पत्ता, बेगम (जैसे- हुक्म की रानी)। ~काजर (पु०) एक प्रकार का धान मक्खी, माँ (स्त्री०) मधुमक्खियों के छत्ते की केवल अंडा देनेवाली मक्खी, जननी मक्खी
= राक्षस, निशाचर II (वि०) रात में
राब - (स्त्री०) खाँड, गाढ़ा सीरा
राबड़ी - ( स्त्री०) रबड़ी
राबना - (स० क्रि०) विशेष ढंग से खाद डालना राम - (स० क्रि०) राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र । कहानी हिं० (स्त्री०) 1 घटनाओं का विस्तृत वर्णन 2 अपने जीवन का सुनाया जानेवाला वृत्तांत; काँटा • हिं० (पु० ) एक प्रकार का बबूल चंद्र (पु० ) = राम; जना हिं० (पु० ) 1 दोगला 2 वेश्यावृत्ति करनेवाली एक संकर जाति; जनी
+
+
+
हिं० (स्त्री० ) 1 राम जना जाति की स्त्री 2 वेश्या, रंडी 3 जिसका पिता अज्ञात हो वह स्त्री; जौ + हिं० (पु०) जौ के दाने के आकार के एक प्रकार की जई, झोल + हिंο (पु० ) पायल; ~तिल + हिं० (पु० ) एक प्रकार का तिल; ~ दल (पु० ) 1 राम की बानरी सेना 2 बड़ी और अजेय सेना; दूत (पु० ) हनुमान् धनुष (पु० ) इंद्रधनुष; ~नवमी + हिं० (स्त्री०) रामचंद्र का जन्म दिन, चैत्र शुक्ल नवमी; नामी + हिं० (स्त्री०) 1 कंठहार 2 राम नाम से छपी चादर; बँटाई हिं० (स्त्री०) आधे आध की बँटाई; बाँस सं०हिं० (पु०) 1 एक तरह का मोटा बाँस 2 केतकी की जाति का एक पौधा बाण (पु० ) रामवाण भक्त (वि०) राम का उपासक; ~रज (स्त्री०) पीली मिट्टी (जैसे-राम रज का तिलक लगाना); ~रस (पु० ) नमक; ~राज्य (पु० ) 1 राम का शासन 2 निश्चित, संपन्न और सुखी राज्य; ~राम + हिं० I ( पु० ) नमस्कार II (स्त्री०) भेंट मुलाकात III घृणा, आश्चर्य, दुःख आदि का सूचक अव्यय; ~रौला हिं० (पु० ) व्यर्थ का शोरगुल; ~लीला (स्त्री०) 1 राम के चरित्र का अभिनय 2 राम के चरित्र अभिनय हेतु होनेवाला समारोह; ~ वल्लभी (पु० ) एक वैष्णव संप्रदाय; ~ वाण I ( पु० ) अजीर्ण के लिए उपयोगी एक रसौषध II ( वि०) शीघ्र गुणकारी, उपयोगी, अमोघ (औषध); सनेही + हिं० I (पु०) एक वैष्णव संप्रदाय II ( वि०) राम से स्नेह रखनेवाला रामणीयक - I सं० ( पु० ) मनोहरता II ( वि०) रमणीय रामदाना - ( पु० ) मारसा के बीज
=