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यथेच्छित
यथेच्छित-सं० (वि०) मनचाहा यथेप्सित-सं० (वि०) = यथेच्छ यथेष्ट-सं० (वि०) जितना चाहिए उतना (जैस- यथेष्ट धन, यथेष्ट सम्मान)
यथेष्टाचरण, यथेष्टाचारसं० (पु०) मनमाना आचरण यथेष्टाचारी-सं० (वि०) मनमाना आचरण करनेवाला यथोक्त-सं० ( क्रि० वि०) कहे हुए के अनुसार । कारी (वि० ) 1 शास्त्रानुसार काम करनेवाला 2 आज्ञापालक यथोचित सं० (वि०) जैसा चाहिए वैसा (जैसे-यथोचित कर्म, यथोचित सम्मान)
यदा -सं० ( क्रि० वि०) 1 जिस समय, जब 2 जहाँ। ~ कदा ( क्रि० वि०) जब तब, कभी-कभी
यदि - सं० ( क्रि० वि०) अगर, जो
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यदुनंदन - सं० ( पु० ) कृष्ण कन्हैया यदुराज - सं० (पु०) यदुवंश के राजा श्रीकृष्ण यदुवंश -सं० (पु०) यदु का वंश
यदुवंशी - I सं० (वि०) यदु वंश का II ( पु०) श्रीकृष्ण यदृच्छया-सं० ( क्रि० वि०) 1 अकस्मात् अचानक 2 इत्तफ़ाक़ से 3 मनमाने ढंग से
यमक - सं० ( पु० ) साहि० शब्दालंकार का एक भेद जिसमें एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होने पर भी सबका विभिन्न अर्थ होता है
यमनी - I अ० (स्त्री०) एक क़ीमती पत्थर, रत्न II ( वि० ) यमन देश संबंधी III ( पु० ) 1 यमन देश का निवासी 2 यमन देश की कृति
यमल - I सं० (पु०) जुड़वाँ या युग्म संतान II (वि०) जुड़वाँ यमली -सं० (स्त्री०) 1 जोड़ी 2 घाघरा और चोली (जैसे-यमली पोशाक)
यदृच्छा-सं० (स्त्री०) 1 स्वेच्छानुसार किया गया व्यवहार, मनमानापन 2 आकस्मिक संयोग, इत्तफ़ाक़ यद्यपि सं० ( क्रि० वि०) अगर ऐसा है भी यद्वा तद्वा-सं० ( क्रि० वि०) 1 जब तब 2 कभी कभी 3 जैसे तैसे, किसी प्रकार
यम - सं० ( पु० ) 1 मृत्यु के देवता (जैसे-यमराज) 2 यमराज (जैसे-यम वाणी) । ~घंट (पु० ) 1 दीपावली का दूसरा दिन 2 एक दुष्ट योग; ज, जात (वि०) जुड़वाँ II (पु०) जुड़वाँ बच्चे दूत (पु० ) यम का दूत; दूतिका (स्त्री०) इमली ~ द्वितीया (स्त्री०) भैयादूज; ~ धार ( पु० ) दुधारी तलवार; पाश (पु०) यम की फाँस; ~पुर (पु०) यमलोक ~ राज (पु०) यमों के राजा; ~लोक (पु० ) 1 वह लोक जहाँ मृत्यु के बाद मनुष्य आदि प्राणी जाते हैं। 2 नरक; व्रत (पु० ) राजा का दंड विधान; यमपुर पहुँचाना मार डालना
यमारि-सं० ( पु० ) विष्णु
यमी - I सं० (स्त्री०) यमुना (नदी) (पु० ) संयमी यरक़ान - अ० (५०) चि० कमल (रोग) यरक्रानी - अ० (पु० ) कमल रोग से ग्रस्त व्यक्ति यव-सं० (पु० ) 1 जौ 2 जौ का पौधा 3 एक जौ की तौल । ~ चतुर्थी (स्त्री०) वैशाख शुक्ला चतुर्थी; दोष (पु० ) रत्नों को सदोष करनेवाली यवाकार रेखा; ~नाल (पु० )
यही
1 जौ के सूखे डंठल 2 जुआर का पौधा 3 जुआर का दाना; ~मंड (पु०) जौ का मॉंड; ~ मंथ (पु० ) जौ का सत्तू; ~ रस (पु०) जौ आदि अनाज के दानों को पानी में फुलाकर उसका निकाला गया सार भाग; शर्करा (स्त्री०) जौ से बनाई गई चीनी
यवक - सं० (पु० ) जौ
यवक्षार सं० (पु० ) जवाखर
यवन - I सं० (पु०) 1 तेज़ घोड़ा 2 वेग, तेज़ी II 1 यूनान का निवासी, मुसलमान 2 कालयवन नामक राजा यवनानी सं० (वि०)
=
यूनानी
यवनिका -सं० (स्त्री०) 1 परदा 2 रंगमंच का परदा । पट (पु० ) पर्दे का कपड़ा
यवनी - सं० (स्त्री०) 1 यूनान देश की स्त्री 2 यवन जाति की स्त्री 3 मुसलमान औरत
यवागू-सं० (पु० )
यवमंड
यविष्ठ - I सं० (पु० ) 1 छोटा भाई 2 अग्नि II (वि०) 1 सबसे छोटा, कनिष्ठ 2 युवा, नौजवान
मानना
यश-सं० (पु० ) 1 ख्याति, प्रसिद्धि (जैसे यश प्राप्त होना, यश मिलना ) 2 प्रशंसा, महिमा (जैसे यश कामना, यश गाना) । ~ गाना 1 प्रशंसा करना 2 कृतज्ञ होना; मानना उपकार यशदीकरण - सं० (पु० ) लोहे आदि धातुओं को जंग से बचाने हेतु उनपर विद्युत आदि की सहायता से जस्ते का पानी चढ़ाना यशम - अ० (पु० ) एक प्रकार का हरा पत्थर, संगे यशब यशस्कर -सं० (वि०) यशदायक यशस्काम -सं० (वि०) यश कामी
यशस्वान्सं० (वि०) यशवाला यशस्विनी -सं० (स्त्री०) ख्याति प्राप्त स्त्री यशस्वी -सं० (वि०) सुख्यात, कीर्तिमान् यशार्जन -सं० (पु०) यश प्राप्त करना यशी-सं० + हिं० (वि०) = यशस्वी यशोगाथा - सं० (स्त्री०) कीर्तिगान, गौरवकथा यशोगान - सं० ( पु० ) यश की कथा यशोघ्न सं० (वि०) यश का नाश करनेवाला यशोदा -सं० (स्त्री०) 1 नंद की पत्नी 2 दिलीप की माँ का नाम । नंदन (पु०) कृष्ण यशोलिप्सा-सं० (स्त्री०) कीर्ति पाने की लालसा यष्टि-सं० (स्त्री०) 1 लाठी, छड़ी 2 पताका का डंडा 3 डाल, शाखा 4 मोतियों का हार । यंत्र ( पु० ) समयं बतानेवाली ज़मीन में गाड़ी गई खूँटी
यष्टिका -सं० (स्त्री०) 1 छोटी छड़ी 2 छोटी माला यष्टी -सं० (स्त्री०) गले में पहनने का एक प्रकार का हार यसार - अ० (पु० ) अधिक
यह - I (सर्व०) निकटस्थ वस्तु का निर्देशक सर्वनाम (जैसे- यह तो मेरी क़लम II (वि०) 'यह' के साथ संज्ञा होने पर विशेषण (जैसे यह मकान )
यहाँ - ( क्रि० वि० ) इस स्थान पर, इस जगह । वहाँ ( क्रि० वि०) इधर-उधर
यहीं - ( क्रि० वि० ) इसी जगह
यही - ( क्रि० वि०) निश्चित रूप से, यह ही