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युगंकर 683
युद्ध पुगेकर-सं० (वि०) युग प्रवर्तक
2 जोड़े हाँकनेवाला युग-I सं० (पु०) 1काल, समय (जैसे-ऐतिहासिक युग, | युज्य-I सं० (पु०) संयोग, मिलाप II (वि०) 1 मिला हआ प्राचीन युग) 2 काल गणना के अनुसार कल्प के चार उप | 2 मिलाने योग्य 3 उचित विभागों में से हर एक (जैसे-सत्य युग, कलि युग आदि)। युत-सं० (वि०) मिला या मिलाया हुआ, युक्त
~क्षय (पु०) युग का अंत; चेतना (स्त्री०) काल विशेष युतक-सं० (पु०) 1 जोड़ा, युग्म 2 आँचल 3 संदेह, संशय की विशिष्ट प्रवृत्ति; ~धर्म (पु०) समयानुकूल आचरण; | युति-० (स्त्री०) 1 मिलना, सटना 2 योग 3 नाधा'
द्ध (वि०) 1 स्त्री पुरुष रूप 2 आलिंगन बद्ध; (जैसे-जूआ और हरिस को जोड़ने की युति) परिवर्तनकारी (वि०) = युग प्रवर्तक; पुरुष (पु०) | युद्ध-सं० (पु०) 1 रण, संग्राम (जैसे-दो देशों का युद्ध, कौरव युग का महान् व्यक्ति; प्रतीक (पु०) युग का प्रतिनिधि, और पांडव का युद्ध) 2 आपस में होनेवाली लड़ाई (जैसे-गदा श्रेष्ठतम व्यक्ति; प्रवर्तक (वि०) युग को आरंभ युद्ध, वाक् युद्ध)। ~अपराधी (पु०) युद्ध का दोषी, करनेवाला (जैसे-भारतेंदु को आधुनिक हिंदी का युगप्रवर्तक मुज़रिम; ~अभ्यास (पु०) युद्ध का अभ्यास, युद्ध सीखना; कहा जाता है); बाहु (वि०) लंबी भुजावाला; युगांतर कला (स्त्री०) = युद्ध कौशल; ~काररवाई + फ़ा० (पु०) अनेक युग (जैसे-युग युगांतर तक जीना); (स्त्री०) = युद्ध कार्रवाई; ~कारी (वि०) युद्ध करनेवाला,
विधायक (वि०) = युग प्रवर्तक; -विभाजन (पु०) युद्धरत; ~कार्य (पु०) युद्ध का काम; ~कार्रवाई + फ़ा० काल का वर्गीकरण
(स्त्री०) युद्ध में किया गया काम; ~कारी (वि०) युद्धरत; युग-II सं० (पु०) जोड़ा, युग्म
काल (पु०) युद्ध का समय; ~कालीन (वि०) युद्ध युगपत्-I सं० (अ०) एक ही समय में, साथ-साथ II | काल का (जैसे-युद्ध कालीन घटना); ~कौशल (पु०)
(वि०) एक ही समय में और एक साथ होनेवाला युद्ध की कुशलता, निपुणता; ~क्षमता (स्त्री०) युद्ध की युगल-सं० (पु०) एक साथ और एक ही गर्भ से उत्पन्न दो सामर्थ्य, शक्ति; ~क्षेत्र (पु०) रण भूमि; ~क्षेत्रीय (वि०) जीव, युग्म। गान (पु०) दो से एक साथ गाया जानेवाला रणभूमि से संबद्ध; ~खर्च + फ़ा० (पु०) युद्ध व्यय; गीत; बंदी (विशेषतः संगीत में) जोड़ा बनाना; शब्द खोर + फ़ा० (पु०) योद्धा; ~घोषणा (स्त्री०) युद्ध का (पु०) जोड़ा शब्द
एलान; जर्जर (वि०) युद्ध से पीड़ित, क्षत; ज्वर युगलक-सं० (पु०) 1 जोड़ा 2 साहि० पद्यों का वह जोड़ा (पु०) युद्ध की गर्मी, लड़ाई का जोश; तत्पर (वि०) = जिसका अन्वय एक साथ हो
युद्धशाली; तैयारी + अ० + फ़ा० (स्त्री०) युद्ध के लिए युगांत-सं० (पु०) 1 युग का अंत 2 युग का अंतिम समय तैयार होना; नीति (स्त्री०) युद्ध संचालन के आधारभूत 3 प्रलय
सिद्धांत; परिषद् (स्त्री०) = युद्ध समिति; ~पीड़ित युगांतक-सं० (पु०) 1 प्रलय 2 प्रलयकाल
(वि०) युद्ध ग्रस्त (जैसे-युद्ध पीड़ित क्षेत्र); पोत (पु०) युगांतर-सं० (पु०) 1 दूसरा युग 2 दूसरा समय । -कारिणी युद्ध का जहाज़; ~पोषक (वि०); ~प्रचार (पु०) युद्ध (स्त्री०) दूसरा युग लानेवाली; ~कारी (वि०) दूसरा युग फैलाना, युद्ध बढ़ाना; प्रदेश (पु०) युद्ध क्षेत्र प्रवण लानेवाला
(वि०) युद्ध में लगा हुआ; प्रवीण (वि०) युद्ध में दक्ष, युगांशक-[ सं० (पु०) वर्ष, साल II (वि०) युग का कुशल; ~प्राप्त I (वि०) युद्ध में पकड़ा गया, पाया गया विभाजक
(जैसे-युद्ध प्राप्त सामग्री) II (पु०) युद्धबंदी; प्रिय युगादि-I सं० (पु०) 1 सृष्टि का आरंभ 2 युग का आरंभ II (वि०) युद्ध का प्रेमी, युद्धक; ~प्रेमी (पु०) - युद्ध लिप्सु; (वि०) 1 युग के आरंभ का 2 अत्यंत प्रचीन
~बंदी (पु०) युद्ध में शत्रुपक्ष का पकड़ा गया व्यक्ति, युगाद्या-सं० (स्त्री०) युगारंभ की तिथि (जैसे-वैशाख शुक्ल सैनिक; ~बंदी + फ़ा० (स्त्री०) युद्ध बंद होना; ~बल तृतीया, कार्तिक शुक्ल नवमी, भाद्र कृष्णा त्रयोदशी और पौष (पु०) = युद्ध शक्ति; ~भूमि (स्त्री०) युद्ध क्षेत्र; अमावस्या क्रमशः सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापर युग और कलियुग ~मंत्रालय (पु०) युद्ध क्षेत्र संबंधी परामर्श करने का एक के आरंभ की तिथि है)
विभाग; ~मैदान + अ० (१०) युद्ध का क्षेत्र; ~मोर्चा + युगानुरूप-सं० (क्रि० वि०) युग के अनुसार
फ़ा० (पु०) वह स्थान जहाँ से शत्रु से लड़ाई की जाती है; युगारंभ-सं० (पु०) युग की शुरुआत, युग का आरंभ योग्य (वि०) लड़ाई के योग्य; रंग (पु०) रणभूमि; युगावतार-सं० (पु०) युग का अवतारी महान् पुरुष
रेखा (स्त्री०) युद्ध की सीमा; लिप्स (वि०) युद्धरत; युग्म, युग्मक-सं० (पु०) 1 जोड़ा 2 अन्योन्याश्रय संबद्ध युक्त -लिप्सा (स्त्री०) युद्ध करने की इच्छा; लिप्सु (पु०) वस्तुएँ 3 युगलक
युद्ध का इच्छुक व्यक्ति; ~लोलुप (वि०) - युद्ध शाली; युग्मज-I सं० (पु.) एक ही समय में एक ही गर्भ से उत्पन्न दो -विद्या (स्त्री०) रणशास्त्र; विनष्ट (वि०) युद्ध में जीव II (वि०) जोड़े के रूप में उत्पन्न
बर्बाद; विरति (स्त्री०) युद्ध से अलग होना; विराम युग्मन-सं० (पु०) 1 दो वस्तुओं को मिलाकर रखना 2 युग्म (पु०) युद्ध रोकना (जैसे-युद्ध विराम की घोषणा); बनाना
-विराम संधि (स्त्री०) युद्ध बंद करने का समझौता; युग्मेच्छा-सं० (स्त्री०) संभोग की इच्छा
-विरोधी (वि०) युद्ध का विरोध करनेवाला; विशेषज्ञ यग्य-[ सं० (पु.) 1 दो बैल या घोड़ों से जुती गाड़ी 2 जोड़ी | (वि०) युद्ध का अच्छा जानकार; ~वीर (पु०) रणयोद्धा; II (वि०) जोते जाने योग्य। ~वाह (पु०) 1 गाड़ीवान | वीरता (स्त्री०) लड़ाई करने में बहादुरी; ~व्यय (पु०)
प्रलय