________________
यति
(पु० ) 1 दोष युक्त छंद रचना 2 कविता के पढ़ने में विराम संबंधी काव्य दोष
यति - II सं० (पु० ) 1 जितेंद्रिय 2 संन्यासी 3 योगी । धर्म (पु० ) संन्यास
यतित्व-सं० (पु०) यति होने का भाव यतिनि-सं० (स्त्री०) 1 संन्यासिनी 2 विधवा
यती - I सं० (स्त्री०)
यति I
यति II
यती - II सं० ( पु० ) यतीम-अ० (पु० ) अनाथालय
अनाथ । खाना
यतीमी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) अनाथता यत्किंचित्-सं० ( क्रि० वि० ) थोड़ा सा कुछ
यत्न - सं० (पु० ) 1 कोशिश, प्रयत्न 2 उपाय, युक्ति 3 सुरक्षित रखना (जैसे-बड़े यत्न से पाला गया बच्चा, सामान को यत्न से रखना) 4 उपचार, चिकित्सा (जैसे- काफ़ी यत्न करने के बाद बच्चा बच पाया) 5 दिक़्क़त, कठिनता (जैसे-बड़े यत्न का काम है)। ~शील (वि०) = यत्नवान् यलवान् -सं० (वि०) प्रयत्नशील, सचेष्ट
यत्र - सं० ( क्रि० वि० ) 1 जहाँ 2 जब । तत्र ( क्रि० वि०) 1 जहाँ तहाँ, इधर उधर 2 ज़गह ज़गह
यत्रु - सं० (स्त्री०) छाती के ऊपर और गले के नीचे की मंडलाकार हड्डी, हँसली
यथांश - I सं० ( क्रि० वि०) 1 भाग के अनुकूल 2 यथायोग्य (जैसे - यथांश प्राप्त होना) II ( पु० ) निश्चित किया हुआ हिस्सा, कोटा
यथा-सं० ( क्रि० वि०) 1 जिस प्रकार 2 जैसे । कथित (वि०) जैसे पहले कहा गया हो; कर्तव्य ( क्रि० वि०) कर्तव्य के अनुसार; ~कर्म (क्रि० वि०) कर्म के अनुसार; ~ काम ( क्रि० वि०) मनमाने ढंग से कामी (पु०) मनमाना आचरण करनेवाला, स्वेच्छाचारी; ~कार्य ( क्रि० वि०) यथा कर्तव्य; ~ काल ( क्रि० वि०) समयानुसार; ~कृत (वि०) नियमानुसार किया हुआ; क्रम ( क्रि० वि०) क्रमानुसार जात (वि०) 1 मूर्ख 2 नीच; ज्ञान ( क्रि० वि०) ज्ञान के अनुसार; तथ + हिं० (वि०) ज्यों का त्यों, यथा तथ्य, हूबहू; ~ तथा ( क्रि० वि०) जैसे का तैसा ~ तथ्य ( वि०) ज्यों का त्यों; तथ्यवाद (पु० ) यह मत कि बात को ज्यों का त्यों वर्णित कर देना चाहिए: तथ्यवादी (वि०) बात को सच सच बतानेवाला; ~तथ्यात्मक (वि०) ज्यों का त्यों; तृप्ति ( क्रि० वि० ) जी भरकर ~ नियम ( क्रि० वि०) नियमानुसार न्याय I ( क्रि० वि०) न्यायानुसार II ( वि०) न्याय के अनुकूल (जैसे - यथान्याय सज़ा दी गई ); पूर्व ( क्रि० वि० ) पहले की तरह, हूबहू (जैसे-यथापूर्व करना); प्रयोग ( क्रि० वि०) प्रयोग के अनुसार, प्रीति ( क्रि० वि०) प्रेम के अनुरूप; ~ बल ( क्रि० वि०) शक्ति के अनुसार बुद्धि (क्रि० वि०) बुद्धि के अनुसार ~ भाग ( क्रि० वि० ) 1 हिस्से के मुताबिक़ 2 यथोचित; ~मति ( क्रि० वि० ) यथा बुद्धि; ~मूल्य ( क्रि० वि०) मूल्य के अनुरूप; ~यथ I ( क्रि० वि०) यथोचित रूप से II ( वि० ) यथोचित; योग्य I ( क्रि० वि०) यथोचित, मुनासिब II (पु०) पत्र
=
फ़ा० (पु० )
यथेच्छाचारी
व्यवहार में प्रयुक्त पात्रानुसार आशय सूचक शब्द - (वि०) प्रचलित प्रथा के अनुकूल (जैसे-यथारीति उत्सव ); ~ रुचि ( क्रि० वि०) रुचि के अनुसार रूप ( क्रि० वि०) = यथा कर्तव्य; ~लब्ध ( क्रि० वि०) प्राप्ति के अनुसार; ~लाभ ( क्रि० वि०) मिलने के अनुसार विधि (क्रि० वि०) विधिपूर्वक विहित ( क्रि० वि०) विधि विधान के अनुसार शक्ति ( क्रि० वि०) यथाबल; - शक्य ( क्रि० वि०) शक्ति के अनुरूप शीघ्र ( क्रि० वि०) जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी संभव ( क्रि० वि०) यथा शक्ति; ~समय ( क्रि० वि०) निश्चित समय पर ~साध्य ( क्रि० वि० ) यथा शक्ति स्थान ( क्रि० वि०) ठीक ज़गह पर स्थित (वि०) जिस रूप में अब तक चल रहा हो; स्थितिवाद (पु०) यह मंतव्य कि वस्तु को यथापूर्व स्थिति में रहने देना चाहिए; (वि०) यथा स्थितिवाद का समर्थक यथाख्यान - सं० ( पु० ) पहले जैसा कहना यथानुपूर्व-सं० ( क्रि० वि०) परंपरानुसार यथापराध-सं० (क्रि० वि०) अपराध के अनुसार
स्थितिवादी
679
-- (जैसे - यथापराध दंड भुगतना ) यथापेक्षित-सं० (वि०) जैसी अपेक्षा थी यथाभिलाषित - I सं० (वि०) इच्छा के अनुरूप II ( क्रि० वि०) इच्छानुसार
यथाभिष्ट - I (वि०) इच्छा के अनुरूप II ( क्रि० वि०) इच्छानुरूप
यथार्थ सं० ( क्रि० वि०) 1 जैसा होना चाहिए ठीक वैसा (जैसे- यथार्थ दर्शन) 2 वाज़िब, उचित (जैसे - यथार्थ चित्रण) 3 सत्यपूर्वक (जैसे- यथार्थ ज्ञान, यथार्थ दृष्टि ) । ता (स्त्री०) 1 यथार्थ होने का भाव 2 सत्यता, सचाई 3 वास्तविकता (जैसे-प्रेम की यथार्थता से मुख मोड़ना); दर्शिता (स्त्री०) यथार्थ रूप में देखना; परक ( क्रि० वि०) वास्तविकता पर आधारित; ~वाद (पु० ) यह सिद्धांत कि किसी चीज़ को उसके वास्तविक रूप में ही वर्णित किया जाए; ~वादिता (स्त्री०) यथार्थवादी होने का भाव; वादी I ( वि०) यथार्थवाद संबंधी II ( पु० ) यथार्थवाद का अनुयायी
यथार्थतः सं० ( क्रि० वि०) 1 वस्तुतः सचमुच 2 यथानुरूप यथार्थोन्मुख -सं० (वि०) = यथार्थपरक यथार्ह - सं० (वि०) यथायोग्य, उपयुक्त यथावकाश-सं० ( क्रि० वि०) अवसर के अनुसार यथावत्-सं० ( क्रि० वि०) 1 ज्यों का त्यों, जैसे का तैसा 2 अच्छी तरह से (जैसे- यथावत् संपन्न कार्य) यथावश्यकता-सं० (क्रि० वि०) आवश्यकता के अनुरूप यथावसर -सं० ( क्रि० वि०) अवसर के अनुसार यथावस्थित-सं० ( क्रि० वि०) 1 जैसा था वैसा ही 2 अचल, स्थिर
=
यथास्व-सं० (वि०) यथार्थ
यथेच्छ - सं० ( क्रि० वि०) इच्छा के अनुरूप, मनमाने ढंग से (जैसे-यथेच्छ कार्य करना)
=
यथेच्छाचार-सं० (पु० ) मनमाना काम करना यथेच्छाचारी-सं० (वि०) मनमौजी