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मुस्तनद
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मूका
दृष्टि
मुस्तानद-अ० (वि०) 1 प्रमाण रूप में माना गया 2 विश्वस्त | मुहार-अ० (स्त्री०) ऊँट आदि पश की नकेल मुस्तहक-अ० (वि०) 1 अधिकारी, हक़दार 2 योग्य, उपयुक्त मुहारा-बो० (पु०) 1 आगे की ओर का भाग 2 प्रवेश द्वार 3 ज़रूरतमंद
मुहाल-अ० (वि०) 1कठिन, दुष्कर 2 असंभव मुस्तेद-अ० (वि०) 1कटिबद्ध, सन्नद्ध 2 तेज़, स्फूर्तिवान मुहाला-(पु०) हाथी के दाँत पर चढ़ाई गई पीतल की चूड़ी मुस्तैदी-अ० (स्त्री०) 1 कटिबद्धता 2 तेज़ी
मुहावरा-अ० (पु०) रूढ़ वाक्यांश मुहकम-अ० (वि०) 1 पक्का, दृढ़, मज़बूत 2 अटल मुहावरेदार-अं० + फ्रा० (वि०) मुहावरे से युक्त मुहतमिम-I अ०(पु०) प्रबंधक II (वि०) प्रबंध करनेवाला, (जैसे-मुहावरेदार भाषा, मुहावरेदार शैली) इंतज़ामकार
मुहासा-(पु०) = मुँहासा मुहतरम-अ० (वि०) 1 सम्मानित 2 आदरणीय
मुहासिरा-अ० (पु०) 1 चारों तरफ से घेरना 2 हदबंदी मुहताज-अ० (वि०) 1 अभाववाला, ज़रूरतमंद 2 इच्छा मुहिब्ब-अ० (पु०) 1 दोस्त 2 प्रियतम रखनेवाला 3 दूसरों पर आश्रित 4 गरीब (जैसे-हर तरह से मुहिम-अ० (स्त्री०) 1 कठिन काम 2 युद्ध, समर मुहताज)
मुहर्त-सं० (पु०) 1 कार्य हेतु निश्चित किया गया विशिष्ट समय मुहताजी-अ० + फ्रा० (स्त्री०) मुहताज होना
2 काल गणना के अनुसार कार्य हेतु निश्चित किया गया समय मुहनाल-(स्त्री०) = मुँहनाल
मुहैया-अ० (वि०) इकट्ठा किया हुआ, प्रस्तुत (जैसे-शादी मुहब्बत-अ० (स्त्री०) 1 प्रेम, इश्क 2 चाह, प्रीति, प्यार | का सामान मुहैया करना) 3 स्नेह, मित्रता (जैसे-मुहब्बत में सब कुछ सहना, दिली | मूह्यमान-सं० (वि०) 1 मूर्च्छित 2 मोहयुक्त मुहब्बत)। नामा + फ़ा० (पु०) प्रेम पत्र, प्रियजन का | मूंग-(पु०) एक प्रसिद्ध अन्न (जैसे-मूंग की दाल) पत्र; परस्त + फ़ा० (वि०) प्रेम पुजारी; ~उछलना प्रेम | मूंगफली-(स्त्री०) 1 चिनिया बादाम 2 एक प्रकार का क्षुप और का आवेश होना; ~की नज़र, ~की निग़ाह प्रेम सूचक उसका फल
मूंगा-(पु०) समुद्र से प्राप्त एक प्रकार का रत्न, पुखराज मुहब्बती-अ० + फ़ा० (वि०) 1 प्रेमी 2 स्नेहशील मुंगिया-(वि०) मूंग के दानों के रंग का मुहम्मदी-[ अ०(वि०) मुहम्मद का II (पु०) मुहम्मद साहब मछ-(स्त्री०) 1 मनुष्य तथा अन्य प्राणियों के ऊपर के ओंठ का अनुयायी, मुसलमान
और नासिका के बीच के भाग पर जमे बाल 2 कुछ विशिष्ट मुहय्या-अ० (वि०) = मुहैया
जंतुओं के ओठों पर जमेबाल। ~का बाल बहुत करीबी मुहर-फ़ा० (स्त्री०) 1 मुद्रा (जैसे-मुहर लगाना) 2 छाप आदमी; नीची होना लज्जित होना; ~छे उखड़वाना (जैसे-नाम की मुहर) 3 अंगूठी (जैसे-प्यार की मुहर)। ज़लील करना; ~मछे उखाड़ना गर्व नष्ट करना
दार (वि०) मुहरवाला; बंद (वि०) मुहर लगी हुई, | मूंछी-(स्त्री०) एक प्रकार की कढ़ी मुद्रित; बरदार (वि०) मुद्रा रक्षक
मूंज-(स्त्री०) सरकंडों के ऊपरी भाग का छिलका (जैसे-मुंज मुहरकन-फा० (पु०) मुहर खोदनेवाला, मुहरदार
की रस्सी) मुहरा-I (पु०) = मोहरा
मैंड-बो० (पु०) सिर, कपाल। -कटा (वि०) सिर कटा मुहरा-IIफ़ा० (पु०) - मोहरा [आगे का भाग मुंडन-(पु०) = मुंडन। छेदन + सं० (पु०) मुंडन और मुहरी-I (स्त्री०) = मोहरा II
कनछेदन मुहरी-II (स्त्री०) = मोरी |
मुंडना-(स० क्रि०) 1 मुंडन करना 2 ठगना 3 शिष्य बनाना मुहर्रम-I अ० (वि०) हराम ठहराया हुआ, निषिद्ध II (पु०) मुंडा-(वि०) जिसे मूड़ा गया हो (गाली) 1 इस्लामी वर्ष का पहला महीना, इमाम हसेन के शहीद होने मुंडी-(स्त्री०) सिर, मुंड। -काटा (वि०) सिर कटा का महीना 2 शोककाल। -की पैदायश होना सदा चिंतित मूंदना-(स० क्रि०) 1 छिपाना 2 ढक देना, ढकना (जैसे-सब्ज़ी और दुःखी रहना
मूंद देना, दाल मूंदना) 3 बंद करना (जैसे-सुराख मूंदना) मुहर्रमी-अ० + फा० (वि०) 1 मुहर्रम संबंधी, मुहर्रम का | 4 बंद कर लेना (जैसे-आँखें मँदना) 2 शोक सूचक 3 दुःखी और मनहूस
मुंदर-बो० (स्त्री०) = मुंदरी मुहरिर-अ० (पु०) 1 लिपिक 2 वकील का मुंशी। ~थाना मू-फ़ा० (पु०) 1 बाल 2 केश 3 रोआँ + हिं० (पु०) थाने का मुंशी
मूआ-(वि०) मुआ मुहलत-अ० (स्त्री०) = मोहलत
मूक-सं० (वि०) 1 गूंगा 2 लाचार (जैसे-मूक वाणी) 3 चुप मुहल्ला-अ० (पु०) = महल्ला
(जैसे-मूक रहना, मूक होना)। ~अभिनय (पु०) बिना मुहसिन-अ० (पु०) भलाई करनेवाला व्यक्ति, परोपकारी | संवाद का अभिनय; ~ता (स्त्री०) 1 गूंगापन 2 लाचारी 2 सहायक
3 मूक होने की अवस्था; ~वधिर (वि०) गूंगा और बहरा; मुहाना-(पु०) नदी मुख
~भाव (पु०) = मूकता; विद्यालय (पु०) गूगों की मुहाफ़िज़-अ० I (वि०) हिफ़ाज़त करनेवाला, रक्षक पाठशाला
II (पु०) 1 अभिभावक 2 संरक्षक। खाना + फा० मूकवत्-सं० (क्रि० वि०) गूंगे की तरह (जैसे-मकवत् (पु०) कचहरी में निर्णीत मामलों की मिसलें रखने की जगह; | आचरण करना)
दफ्तर (पु०) मुहाफ़िज़ ख़ाने का निरीक्षक | मूका-I बो० (पु०) = मोखा