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पुराण
~कल्प (पु०) प्राचीन समय, पुराना युग; (वि०) 1 बहुत पुराना 2 अत्यधिक प्राचीन युग का; (वि०) पूर्व काल में किया हुआ II ( पु० ) जन्म में किये गये कर्म; कोश (पु० ) ऐसा शब्दकोश जिसमें प्राचीन भाषाओं के अत्यधिक पुराने शब्दों की व्याख्या हो; गत (वि०) पूर्वगामी जीव (पु० ) = दे० जीवाश्म; ~जीव-कल्प (पु० ) = पुरा कल्प; जीव- शास्त्र (पु० ) = पुरा जैविकी; जीव-शास्त्रज्ञ (पु० ) जीवाश्म विज्ञान को जाननेवाला वैज्ञानिक; जीव संग्रहालय (पु०) पुराने ज़माने के जीव जंतुओं का अजायबघर जैविकी (स्त्री०) जीवाश्म विज्ञान; तत्व (पु० ) प्राचीन अनुसंधान एवं अध्ययन से संबंधित ज्ञान; तत्वज्ञ (पु० ) पुरातत्व विद्या को जाननेवाला व्यक्ति; तत्ववेत्ता (वि०) प्राचीन संबंधी खोजों एवं विद्याओं को जाननेवाला; तत्व- शास्त्र (पु० ) = पुरातत्व; तत्व शास्त्रीय (वि०) पुरातात्विक; ~तात्विक (वि०) पुरातत्व संबंधी पाषाण (वि०) पत्थर युग से पहले का; भूगोल (पु०) भूगोल से पहले का ज्ञान ~ लिपि (स्त्री०) प्राचीन लिपि; ~लेख (पु० ) प्राचीन स्मृति चिह्न पर अंकित किया हुआ लेख; वनस्पति विज्ञान (पु० ) प्राचीनकाल के वनस्पतियों से संबंधित विज्ञान; ~विद् (वि०) प्राचीन इतिहास आदि विषयों को जाननेवाला; ~वृत्त (पु० ) प्राचीन युग का वृत्तांत
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कालीन
कृत I
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पुराण - I सं० (वि०) 1 पुराना, प्राचीन 2 जीर्ण-शीर्ण II (पु० ) हिन्दुओं के अनेक धार्मिक ग्रंथ (जैसे- विष्णु पुराण, गरुण पुराण आदि) ~ता (स्त्री०) प्राचीनता, पुरानापन; पंथी + हिं० (वि०) जो पुराण आदि धर्म ग्रंथों का अनुयायी हो; पाषाणयुग (पु० ) अति प्राचीन पत्थर का समय; ~~बाद (पु० ) = पुरातनमतवाद; ~वादी (वि०) पुरातन पंथी; विज्ञान (पु० ) पुरा कथा शास्त्र पुरातन सं० (वि०) 1 पुराना, प्राचीन 2 सबसे पहले का, आद्य पंथी + हिं० (वि०) प्राचीन धर्म एवं संस्कृति को माननेवाला; ~मतवाद (पु०) यह सिद्धांत कि प्राचीन मत ही श्रेष्ठ हैं; मतवादी (वि०) पुरातन पंथी पुराना - I ( वि०) 1 प्राचीन काल का बहुत पहले का (जैसे-यह सभ्यता अब पुरानी है) 2 दीर्घ काल का (जैसे-यह बहुत पुराना काव्य है) 3 जीर्ण शीर्ण (जैसे यह पुराना कपड़ा है) 4 यथेष्ट रूप में परिपक्व, पूर्ण अनुभव प्राप्त (जैसे- यह कारीगर अब पुराना हो गया है) 5 जिसका प्रचलन समाप्त हो गया हो (जैसे यह पुराना पहनावा है) II (स० क्रि०) 1 पूरा करना 2 निर्वाह करना, पालन करना। ~चिराना, घिराना (वि०) जीर्ण-शीर्ण, बेकार, पन (पु० ) पुराना होने की अवस्था, खुर्राट बहुत बड़ा अनुभवी; ~ घाघ बहुत बड़ा
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चालाक
पुरी-सं० (स्त्री०) छोट. नुर, नगरी पुरीष-सं० (पु०) मल, विष्ठा
पुरु-I सं० (वि०) बहुत अधिक, विपुल II (पु० ) देवलोक, स्वर्ग
पुरुष - सं० (पु० ) 1 नर, मर्द 2 मानव जाति 3 स्त्री का पति 4 व्या o वक्ता की दृष्टि से सर्वनामों का वर्गीकरण (जैसे- प्रथम पुरुष में 'मैं' हम ) । -कार ( पु० ) 1 पुरुषार्थ, पौरुष
पुलकी
2 उद्योग; पुंगव (पु०) श्रेष्ठ व्यक्ति; युगल (पु० ) पुरुषों का जोड़ा; ~वाचक (वि०) पुरुष का बोध करानेवाला पुरुषत्व - सं० ( पु० ) पुरुष होने की अवस्था (जैसे-उसमें पुरुषत्व के लक्षण हैं)
पुरुषानुक्रम-सं० (पु० ) वंशधरों की परंपरा पुरुषानुक्रमिक-सं० (वि०) पुरुषों के क्रम से होनेवाला पुरुषायित-सं० ( क्रि० वि०) 1 पुरुष जैसा आचरण 2 स्त्री का काम संबंधों में पुरुष जैसा आचरण पुरुषार्थ सं० ( पु० ) 1 पुरुष के उद्देश्य एवं लक्ष्य का विषय 2 मनुष्योचित बल, पौरुष
पुरुषार्थी - सं० (वि०) 1 पुरुषार्थ करनेवाला 2 उद्योगी 3 बी पुरुषोचित-सं० (वि०) जो पुरुषों के लिए उचित हो पुरुषोत्तम - I सं० (वि०) जो पुरुषों में सबसे उत्तम हो, जो सर्वश्रेष्ठ हो II ( पु० ) सर्वश्रेष्ठ पुरुष पुरोगत-सं० (वि०) 1 जो पहले गया हो 2 जो सामने हो पुरोगमन - सं० ( पु० ) 1 आगे बढ़ना 2 उन्नति की ओर प्रवृत्त होना
पुरोगामी - I सं० (वि०) 1 अगुआ, अग्रगामी 2 बराबर उन्नति
करता हुआ II ( पु० ) 1 नायक 2 अग्रदूत पुरोदर्शन सं० ( पु० ) 1 सामने की ओर से दिखाई देनेवाला रूप 2 वास्तु रचना में वह चित्र जो उसके सामनेवाले भाग को दिखाता हो
पुरोधा - सं० (पु० ) पुरोहित
पुरोभाग-सं० ( पु० ) अगला हिस्सा, अग्रभाग पुरोभागी - सं० (वि०) आगे की ओर होनेवाला, अग्रभाग का पुरोवर्ती - सं० (वि०) पहले आनेवाला
पुरोहित - I सं० (वि०) धार्मिक कृत्य करनेवाला II ( पु० ) धार्मिक कर्म संपन्न करानेवाला याजक। तंत्र (पु०) वह शासन प्रणाली जिसमें पुरोहित की प्रधानता हो पुरोहिताई -सं० + हिं० (स्त्री०) पुरोहित का काम एवं पद पुरोहितानी -सं० + हिं० (स्त्री०) पुरोहित की पत्नी पुरोहिती - I सं० (वि०) पुरोहित का II (स्त्री०) = पुरोहिताई पुर्ज़ा - फ़ा० ( पु० ) = पुरज़ा पुर्ज़ा - फ़ा० (स्त्री०) छोटा पुर्ज़ा
पुर्तगाली - अं० + हिं० I (वि०) पुर्तगाल देश का II (पु० ) पुर्तगाल देश का निवासी III (स्त्री०) पुर्तगाल देश की भाषा पुर्तगीज़ - अं० (वि०) पुर्तगाली पुल - फ़ा० 1 (पु० ) खाइयों, नदी-नालों, रेललाइनों आदि के ऊपर आर-पार जाने के लिए बनाई गई वास्तु रचना, सेतु (जैसे- पुल के नीचे नदी बहती है) 2 बात आदि का बहुत लंबा क्रम, झड़ी, ताँता (जैसे- तारीफ के पुल बाँधना ) II (वि०) 1 बहुत अधिक 2 अतिविशाल, विस्तृत । प्रशंसा के पुल बाँधना प्रशंसा की झड़ी लगा देना; हवाई पुल बाँधना अलभ्य एवं असंभाव्य कल्पनाएँ करना पुलक-सं० (पु० ) 1 हर्ष, भय आदि मनोविकारों की प्रबलता में रोंगटे खड़े होना, रोमांच 2 कामना, वासना । प्रकंपित (वि०) रोमांच के कारण काँपता हुआ; प्रद (वि०) रोमांचकारी
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पुलकित-सं० (वि०) प्रेम, हर्ष आदि से गद्गद् रोमांचित पुलकी-सं० (वि०) जिसे रोमांच हुआ हो