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पुलटिस
पुस्तक
पुलटिस-अं० (स्त्री०) फोड़े आदि पर लगाया जानेवाला __ (वि०) 1 बहुत, प्रचुर 2 परिपूर्ण, पर्याप्त 3 श्रेष्ठ, उत्तम अलसी, रेंडी आदि का लेप
पुष्ट-सं० (वि०) 1 मोटा ताजा एवं बलवान, बलिष्ठ पुलपुला-(वि०) 1 ढीला और मुलायम 2 दे० पोला (जैसे-हष्ट-पुष्ट शरीरवाला) 2 जिसमें कोई कोर-कसर न हो, पुलपुलाना-I (स० क्रि०) हाथ से दबाकर पुलपुला करना II पक्का 4 सब तरह से पूरा, परिपूर्ण (अ० क्रि०) पुलपुला होना
पुष्टई-सं० +हिं० (स्त्री०) पुष्टता पुलपुलाहट-(स्त्री०) 1 पुलपुलापन 2 पोलापन
पुष्टांग-सं० (वि०) पुष्ट अंगवाला पुलाक-सं० (पु.) 1 भात 2 माँड 3 पुलाव 4 कदन्न पुष्टि-सं० (स्त्री०) 1 दृढ़ता, मजबूती 2 पोषण 3 बढ़ती 4 पुष्ट पुलाव-(पु०) 1 मांस एवं चावल के मिश्रण से बना व्यंजन. किया गया तर्क 5 कही हुई बात का अनुमोदन, समर्थन मांसोदन 2 पकाया हुआ मीठा चावल
(जैसे-आपकी बात से संदेह की पुष्टि हो गई)। कर पुलिंदा-(पु०) काग़ज़, कपड़े आदि की बंधी बड़ी गठरी (वि०) 1 पुष्ट करनेवाला 2 पुष्टि करनेवाला 3 बलवर्द्धक पुलिन-सं० (पु०) 1 गीली भूमि 2 रेतीला किनारा, तट 3 नदी ~कारक (वि.) 1 पोषण करनेवाला 2 शक्ति बढानेवाला: में पड़ी रेत का दूह
~मार्ग (पु०) शुद्धाद्वैत मत की साधना व्यवस्था पुलिनमय-सं० (वि०) जो बहते हुये पानी से तर हो (जैसे-बल्लभाचार्य ने पुष्टि-मार्ग चलाया था) पुलिया-फ़ा० +हिं० (स्त्री०) छोटा पुल
पुष्टीकरण-सं० (पु०) कही गई बात, काम आदि का समर्थन पुलिस-अं० (स्त्री०) 1 अपराधियों को पकड़ने के लिए बनाया करते हुए पुष्टि करना, कन्फर्मेशन
गया राजकीय विभाग 2 अपराधियों को पकड़ने हेतु राजकीय | पुष्टीकृत-सं० (वि०) जिसकी पुष्टि की गई हो विभाग के लोगों का दल 3 सिपाही (जैसे-चोर को पुलिस ने | पुष्प-सं० (पु०) फूल, कुसुम। ~कीट (पु०) 1 फूल का पकड़ा)। अधीक्षक सं० (पु०) पुलिस सुपरिनटेंडेंट; | कीड़ा 2 भौरा, भ्रमर; ~गृह (पु०); ~धन्वा (पु०)
चौकी +हिं० (स्त्री०) वह स्थान जहाँ निगरानी हेतु पुलिस कामदेव; पूर्ण (वि०) फूलों से भरा हुआ, पुष्प पूरित, के कुछ आदमी रहते हों; निरीक्षक +सं० (पु०) पुलिस पुष्पमय; ~माला (स्त्री०) फूलों की माला, फूलों का हार; इंस्पेक्टर; ~पदाधिकारी सं० (पु०) पुलिस अफसर ~रज, रस (पु०) पराग; राग (पु०) पुखराज नाम ~महानिरीक्षक सं० (१०) इंस्पेक्टर जनरल पुलिस; का रत्न; रेणु (पु०) पुष्परज, पराग; ~वाटिका (स्त्री०) ~मैन (पु०) पुलिस का कर्मचारी, सिपाही; राज +हिं० फुलवारी; ~वृष्टि (स्त्री०) पुष्पवर्षा; ~शय्या (स्त्री०) (पु०) पुलिस द्वारा अत्याचारी शासन; ~स्टेशन (पु०) थाना फूलों की सेज; ~सार (पु०) 1 पुष्प का मधु, पुष्परस पुली-फ़ा० +हिं० (स्त्री०) छोटा पुल
2 फूलों का इत्र; हार (पु०) = पुष्पमाला; ~हास (पु०) पुली-अं० (स्त्री०) 1 वह पहिया जिस पर रस्सा रखकर भार | फूलों का खिलना खींचा जाता है 2 वह पहिया जिस पर यंत्र आदि का पट्टा रखा | पुष्पक-सं० (पु०) 1 कुबेर का विमान 2 फूल, पुष्प जाता है (जैसे-चक्की की पली पर से पट्टा गिर गया) 3 पहियों पुष्पांजलि-सं० (स्त्री०) फूलों से भरी अंजलि (जैसे-देव का सामूहिक यांत्रिक रूप
प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करना) पुलोवर-अं० (पु०) स्वेटर
पुष्पागम-सं० (पु०) बसंत ऋतु पुवाल-बो० (पु०) = पयाल
पुष्पान्वित-सं० (वि०) पुष्पित पुश्त-फ़ा० (स्त्री०) 1 पीढ़ी (जैसे-पुश्त-दर पुश्त शत्रुता बढ़ती पुष्पाभरण-सं० (पु०) फूलों के गहने, गजरा
गई) 2 पिछला भाग, पीछा। ~ नामा (प्०) वंशावली पुष्पायुध-सं० (पु०) फूल ही जिसका अस्त्र हो ऐसा व्यक्ति, पश्तक-फ़ा० (स्त्री०) पिछले दोनों पैरों से किया गया आघात. कामदेव दोलती
पुष्पिका-सं० (स्त्री०) ग्रंथ के अध्याय का समापक वाक्य पुश्ता-फा० (पु०) 1 ईंट, पत्थर आदि की ढालुई वास्तु रचना | पुष्पित-सं० (वि०) 1 पुष्पों से युक्त 2 उन्नत एवं समृद्ध 2 किताब की जिल्द के पीछे लगा हआ मोटा चमड़ा आदि । पुष्पोद्यान-सं० (पु०) फुलकारी, पुष्पवाटिका
पुश्त (अ०) 1 कई पीढ़ियों से 2 कई पीढ़ियों तक; | पुष्योहार-सं० (पु०) फूलों की बनाई हुई माला, पुष्पहार, बंदी (स्त्री०) पुश्ता बाँधने का काम
पुष्पमाला पुश्ती-फ़ा० (स्त्री०) 1 टेक, सहारा 2 सहायता, मदद पुसाना-(अ० क्रि०) 1 पोषण होना, पोसा जाना 2 पूरा पड़ना
3 पक्षपात, तरफदारी 4 तकिया, मसनद । -बान तख्ने आदि | 3 उचित जान पड़ना, भला लगना में पीछे की ओर लगाई जानेवाली लकड़ी, थूनी पुस्त-सं० (पु०) 1 मिट्टी, लकड़ी, लोहे आदि से बनाई गई पुश्तैनी-फ़ा०+हिं० (वि०) 1 जो कई पीढ़ियों से चला आ रहा वस्तु 2 कारीगरी, शिल्पकारी 3 किताब, पुस्तक। डाक हो (जैसे-हमारा पुश्तैनी मकान बिक गया) 2 जो कई पीढ़ियों (स्त्री०) डाक द्वारा पुस्तक भेजने की विधि; पाल (पु०) : तक चला जाय (जैसे-क्षय पुश्तैनी रोग है)
पुस्ताकाध्यक्ष पुषित-सं० (वि०) जिसका पोषण किया गया हो, पुष्ट | पुस्तक-सं० (स्त्री०) 1 किताब, ग्रंथ 2 हाथ की लिखी हुई पुष्कर-सं० (पु०) 1 जलाशय, पोखरा 2 जल 3 कमल 4 नील पोथी। डाक +हिं० (स्त्री०) = पुस्तडाक; ~प्रकाशक कमल
(पु०) पुस्तक छपवाकर प्रकट करनेवाला, पब्लिशर; पुष्करिणी-सं० (स्त्री०) छोटा जलाशय
~प्रणयन (पु०) पुस्तक निर्माण; -प्रदर्शनी (स्त्री०) पुस्तकों पुष्कल-I सं० (पु०) 1 भिक्षा 2 एक प्रकार की वीणा II की नुमाइश, पुस्तकों का मेला; ~प्रेमी (पु०) पुस्तकों से प्रेम