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रमा
मसुरी
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महफ़िल मसुरी-(स्त्री०) = मसूर
भी दे दी); ~ई भत्ता (पु०) चीज़ों के महंगे होने के कारण : मसूड़ा-(पु०) दाँतों के नीचे ऊपर का मांस
दिया गया अलाउंस मसूर-सं० (पु०) दाल के काम आनेवाला अन्न (जैसे-मसूर | महंगी-(स्त्री०) महंगाई की खेती)
महड़ा-बो० (पु०) भुना हुआ चना मसूरा-I (पु०) = मसूड़ा
महंत-(पु०) 1मठ का प्रधान 2 मुखिया मसूरा-II सं० (स्त्री०) = मसूर
महंती-(स्त्री०) महंत का काम मसूरिका-सं० (स्त्री०) 1 खसरा 2 कुटनी, दूती
महक-(स्त्री०) 1सुगंध (जैसे-इत्र की महक) 2 गंध मसूरी-सं० (स्त्री०) मसूरिका नामक रोग
(जैसे-तंबाकू की महक)। दार + फ़ा० (वि०) 1 गंध मसूला-(पु०) एक तरह की पतली लंबी नाव
युक्त 2 सुगंध युक्त (जैसे-महकदार फूल, महकदार पाउडर) मसण-सं० (वि०) 1चिकना 2 मुलायम
महकना-(अ० क्रि०) महक देना मसेवरा-बो० (पु०) मांस की बनी वस्तु
महकमा-अ० (पु०) विभाग (जैसे-पुलिस महकमा) मसोढ़ा-(पु०) बो० 1 मसूड़ा 2 सोना चाँदी आदि गलाने की महकान-बो० (स्त्री०) = महक घरिया
महकीला-(वि०) = महकदार मसोलियम-अं० (पु०) मकबरा
महकूम-I अ० (वि०) 1 हुक्म दिया हुआ 2 शासित II मसोसना-(अ० क्रि०) 1 मन ही मन कुढ़ना 2 मनोवेग को (पु०) प्रजा, रिआया दबाना, रोकना (जैसे-दिल का मसोसना)
महज़-अ० (क्रि० वि०) 1 केवल, निरा (जैसे-महज़ प्यार की मसोसा-(पु०) मानसिक दुःख 2 पश्चाताप बात करना) 2 सिर्फ़, मात्र (जैसे-महज़ पाँच रुपए का सवाल
पछतावा मसौदा-अ० (पु०) मसविदा, पांडुलिपि। गाँठना सोच | महत-सं० (वि०) 1 महान 2 सर्वश्रेष्ठ समझकर तरक़ीब निकालना
महता-(पु०) गाँव का मुखिया, महतो मस्का-फा० (पु०) मक्खन। लगाना खुशामद करना महताब-फ़ा० (पु०) चंद्रमा मस्त-फा० (वि.) 1 नशे में चूर (जैसे-शराब में मस्त) 2 नशे महताबी-फ़ा० (स्त्री०) एक आतिशबाज़ी, सुरसुरी से प्रभावित (जैसे-मस्त आँखें) 3 मद युक्त (जैसे-मस्त महतारी-बो० (स्त्री०) माता, माँ यौवन) 4 रीझा हुआ, अनुरक्त, लुब्ध (जैसे-नायिका के रूप महती-I सं० (स्त्री०) महिमा, बड़ाई II (वि०) बड़ी लावण्य को देखते ही नायक मस्त हो गया) 5 पूर्णतः तल्लीन (जैसे-महती कृपा)। द्वादशी (स्त्रा०) श्रवण की भाद्र (जैसे-काम में मस्त) 6 निश्चिंत और लापरवाह (जैसे-मस्त . शुक्ल द्वादशी आदमी)। ~मौला + अ० लापरवाह आदमी
महतो-(पु०) 1 मालिक, स्वामी 2 गाँव का प्रधान मस्तक-सं० (पु०) 1 माथा, ललाट 2 सिर (जैसे-मस्तक फोड महत्तम-सं० (वि०) सबसे बड़ा देना)
महत्तर-सं० (वि०) अधिक महत्त्ववाला मस्तरी-बो० (स्त्री०) धातु गलाने की भट्टी
महत्ता-सं० (स्त्री०) महत्व। -चर्चा (स्त्री०) काम की बात, मस्ताना-I फ़ा० हिं० (अ० क्रि०) मस्ती में आना || (स० । महत्वपूर्ण विषय क्रि०) मस्ती में लाना
महत्त्व-सं० (पु०) 1 बड़े होने का भाव 2 बड़ाई, श्रेष्ठता मस्ताना-I फ़ा० (वि०) 1 मस्तों का सा (जैसे-मस्ताना ढंग, 3 गुरुता 4 अधिक परिणाम जनक। ~पूर्ण (वि०) अधिक मस्तानी चाल) 2 मस्त, मत्त
महत्त्व का (जैसे- महत्त्वपूर्ण सवाल, महत्वपूर्ण आदमी); मस्तिष्क-I सं० (पु०) 1 दिमाग़ (जैसे-मस्तिष्क का प्रयोग) प्रिय (वि०) = महत्त्वाकांक्षी; प्रियता (स्त्री०) = 2 मस्तक का अंदरी गूदा। --स्तंभन (पु०) दिमाग़ का ठस महत्त्वकांक्षा; ~शाली (वि०) महत्त्ववाला; ~संपन्न हो जाना
(वि०) 1महत्वपूर्ण 2 जिसमें बड़ाई हो मस्ती-फा० (स्त्री०) 1 मतवालापन 2 संभोगेच्छा, काम वासना महत्वांकन-सं० (पु०) महत्त्व का लेखा-जोखा करना
की प्रबलता (जैसे-मस्ती छाना) 3 नशा (जैसे-शराब की महत्वाकांक्षा-सं० (स्त्री०) बड़ा बनने की आकांक्षा मस्ती) 4 जवानी का नशा 5 गर्व (जैसे-मस्ती की चाल)। महत्वाकांक्षी-सं० (वि०) बड़ा बनने की इच्छा रखनेवाला ~झड़ना अक्ल ठिकाने आना; ~झाड़ना गर्व दूर करना; महदंतर-सं० (पु०) बहुत बड़ा अंतर ~पर आना मस्त होना
महदाशय-सं० (वि०) उच्च विचारवाला यस्तूल-पुर्त० (पु०) नाव में पाल बाँधने का लट्ठा महदाशा-सं० (स्त्री०) उच्च कामना मस्सा -I (पु०) = मसा
महदूद-अ० (वि०) 1 सीमित 2 घिरा हुआ मस्सा -II (पु०) = मसा
महना-बो० (पु०) मथानी। ~मत्थन (पु०) 1 बार-बार तर्क महकना-(अ० क्रि०) = महकना
करना 2 तकरार, हुज़्ज़त महँगा-(वि०) अधिक दाम का (जैसे-महँगा सामान) | महनिया-(पु०) 1 मखनिया 2 मथनेवाला 2 बहमुल्य, अत्यधिक कीमती (जैसे-महँगा आभूषण)। ~ई महनीय-सं० (वि.) 1 पूज्यनीय, मान्य 2 महान् (स्त्री०) 1 महँगा होने का भाव (जैसे-महँगाई बढ़ती जा रही | पहफ़िल-अ० (स्त्री) 1 सभा, समाज 2 नाच-रंग का स्थान है) 2 महँगी का भत्ता (जैसे-सरकार ने वेतन के साथ महँगाई (जैसे-महफ़िल में जाना) 3 साधना, उपासना का स्थान