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प्रतिहिंसा
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प्रतिहिंसा-सं० (स्त्री०) हिंसा के बदले में की गई हिंसा । ~वाद (पु० ) यह मत कि हिंसा का जवाब हिंसा ही है; ~वादी (वि०) प्रतिहिसावाद का समर्थक प्रतिहिंसित-सं० (वि०) बदले में की गई हिंसा प्रतिहित-सं० (वि०) 1 रखा हुआ 2 जमाया हुआ, स्थापित किया हुआ
प्रतीक - I सं० किसी तरफ़ बढ़ाया हुआ 2 विपरीत रूप में लाया हुआ 3 प्रतिकूल, विरुद्ध 4 विलोम, प्रतिलोम II ( पु० ) 1 अंग, अवयव 2 भाग, अंश 3 आकृति, रूप 4 प्रतिमा, मूर्ति 5 प्रतिरूप ऐसा वाक्य, अक्षर आदि जो पूर्णता के द्योतक हों 7 सामने का हिस्सा, सामना ~ कथा (स्त्री०) अमूर्त तत्वों को पात्र मानकर एवं शरीरधारी मानव का रूप देकर आचरण कराए जाने की प्रवृत्ति (जैसे- कामायनी एक प्रतीक कथा है); ~वाद (पु० ) वह अभिव्यंजनात्मक प्रणाली जिसके अनुसार प्रतीकों के आधार पर भावों एवं विषयों आदि का ज्ञान कराया जा सके; ~वादी I ( वि०) प्रतीकवाद से संबंधित II (पु० ) जो प्रतीकवाद का समर्थक हो प्रतीकतः सं० (क्रि० वि०) प्रतीक रूप में
प्रतीकत्व - सं० (पु० ) प्रतीक भाव
प्रतीकात्मक-सं० (वि०) जो प्रतीक से संबद्ध हो, प्रतीक
संबंधी
प्रतीकार-सं० (पु० ) बदला, प्रतिकार प्रतीकार्थ-सं० (पु० ) प्रतीक में निहित अर्थ प्रतीकार्य-संग (वि०) प्रतिकार के योग्य प्रतीकोपासना-संघ (स्त्री०) 1 प्रतीक आधार पर ईश्वरीय आराधना 2 प्रतिमा पूजन
प्रतीक्षक-सं० (वि०) प्रतीक्षा करनेवाला
प्रतीक्षण-सं० (पु०) आसरा देखना, बाट जोहना प्रतीक्षणीय-सं० (वि०) प्रतीक्षा करने योग्य प्रतीक्षा-सं० (स्त्री०) आसरा इंतज़ार (जैसे-डाकिये की प्रतीक्षा करना) । ~ गृह (पु० ) प्रतीक्षालय प्रतीक्षाकुल- सं० (वि०) प्रतीक्षा में परेशान
प्रतीक्षालय - सं० (पु० ) वह स्थान जहाँ ठहरकर किसी का इंतजार किया जाय (जैसे- गाड़ी आने तक प्रतीक्षालय में बैठना)
=
प्रतीक्षित सं० (वि०) जिसकी प्रतीक्षा की गयी हो प्रतीक्ष्य-सं० (वि०) प्रतीक्षा के योग्य
प्रतीची-सं० (स्त्री०) पश्चिम
प्रतीच्य-सं० (वि०) 1 पश्चिम संबंधी 2 पश्चिम में होने वाला प्रतीत-सं० (वि०) 1 ज्ञान हुआ, ज्ञात 2 प्रसिद्ध, विख्यात 3 प्रसन्न एवं संतुष्ट
प्रतीति-सं० (स्त्री०) 1 प्रतीत होने की क्रिया 2 जानकारी, ज्ञान 2 दृढ़ निश्चय, यकीन 4 हर्ष, प्रसन्नता
प्रतीप - 1 सं० (वि०) 1 उलटा, विलोम 2 विरुद्ध, प्रतिकूल 3 पिछड़ा हुआ 4 पीछे की ओर होनेवाला (जैसे-प्रतीप गति ) 5 अप्रिय 6 बाधक 7 हठी II ( क्रि० वि०) उलटे 111 (पु० ) साहि एक अलंकार जिसमें प्रसिद्ध उपमान को उपमेय बना दिया जाता है। गमन (पु० ) पीछे जाना; -वचन (पु० ) प्रतिकूल कथन प्रतीपादन - सं० ( पु० ) 1 लौटकर पुनः पूर्व स्थान पर आना
प्रत्यब्द
2 कष्टप्रद मनोदशा से मुक्त होकर मन की स्वाभाविक स्थिति मे आनेवाली दशा प्रतीपोक्ति-सं० (स्त्री०) कथन के विरुद्ध कहा गया कथन, खंडन
प्रतीयमान् सं० (वि०) 1 जान पड़ता हुआ 2 जो समझ में आता हो 3 जो वास्तविक सा जान पड़े 4 जो व्यंजना द्वारा प्रकट हो (जैसे- प्रतीयमान् अर्थ )
प्रतीयमानतः सं० अ० ऊपर से देखने पर, बाह्य रूप में, प्रतीयमान रूप में
प्रतुष्टि सं० (स्त्री०) संतोष
प्रतोली -सं० (स्त्री०) 1 चौड़ी सड़क, राजमार्ग 2 गली-कूचा 3 किले के नीचे का रास्ता
प्रत्न - सं० (वि०) 1 प्राचीन, पुराना 2 पहले का 3 परंपरागत ।
~ जीव-विज्ञान (पु० ) ऐसा शास्त्र जिसमें पुराने जीव-जंतुओं के रूप आदि का विवेचन होता है; जीव-विज्ञानी (पु०) प्रत्न- जीव विज्ञान को जाननेवाला
प्रत्नतत्व-सं० ( पु० ) पुरातत्व प्रत्यंकन सं० (पु०) अनुरेखन प्रत्यंकित - सं० (वि०) अनुरेखित
प्रत्यंग - सं० ( पु० ) 1 शरीर का कोई छोटा अंग 2 वस्तु आदि का गौण अंश 3 ग्रंथ का अध्याय
प्रत्यंचा -सं० (स्त्री०) धनुष की डोरी, चिल्ला प्रत्यक्ष - I सं० (वि०) 1 स्पष्ट दिखाई पड़नेवाला 2 जिसका ज्ञान इंद्रिय द्वारा स्पष्ट हो (जैसे- प्रत्यक्ष बात) 3 जिसमें घुमाव फिराव न हो, साफ़, स्पष्ट (जैसे- प्रत्यक्ष कर ) II ( क्रि० वि०) आँखों के सामने। ~ज्ञान (पु० ) इंद्रिय एवं विषय के सन्निकर्ष से उत्पन्न ज्ञान; ~ता (स्त्री० ) प्रत्यक्ष होने की स्थिति; दर्शी (वि०) साक्षात देखनेवाला; ~दर्शी- विवरण (पु०) साक्षात देखा हुआ बयान वाद (पु० ) इंद्रिय द्वारा प्राप्त ज्ञान ही केवल सत्य हैं शेष मिथ्या ऐसा मत एम्परिसिज्म वादी I ( वि०) प्रत्यक्षवाद संबंधी, प्रत्यक्षवाद का II (पु० ) प्रत्यक्षवाद को माननेवाला प्रत्यक्षतः, प्रत्यक्षतया सं० ( क्रि० वि०) प्रत्यक्ष रूप से प्रत्यक्षर-सं० (क्रि० वि०) प्रत्येक अक्षर में प्रत्यक्षरीकरण-सं० ( पु० ) 1 प्रत्यक्ष रूप देना 2 इंद्रिय द्वारा ज्ञान कराना
प्रत्यक्षी - सं० (वि०) 1 प्रत्यक्ष दर्शी । ~करण (पु० ) 1 स्वयं आँखों से देखना 2 इंद्रिय द्वारा ग्रहण करना; कृत (वि०) 1 आँखो से देखा हुआ 2 इंद्रिय द्वारा ग्रहण किया हुआ; ~ भूत (वि०) जो प्रत्यक्ष हो चुका हो प्रत्यग्र - सं० (वि०) बढ़ा हुआ वय (वि०) जो चढ़ती जवानी में हो
प्रत्यधिकार - सं० (पु०) एक के जवाब में दूसरे का जताया गया अधिकार
प्रत्यनंतर - I सं० ( पु० ) उत्तराधिकारी II (वि०) सन्निकट,
प्रत्यासन्न
प्रत्यनुयोग-सं० (पु०) प्रतिप्रश्न
प्रत्यपकार-सं० (पु०) अहित के बदले किया गया अहित प्रत्यब्द-सं० ( क्रि० वि०) प्रतिवर्ष, हर साल