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भारती
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भावयिता
हुआ
तत्त्व (पु०) = भारत विद्या; तत्त्व विशारद (पु०) : में उत्पत्र होनेवाला विकार, हर्ष, शोक, ईर्ष्या आदि मनोविकार भारत विद्याविद्; दफ़्तर + अं० (पु०) स्वतंत्र भारत देश 4 भावना (जैसे-प्रेम का भाव) 5 ख़याल, विचार 6 शब्द, के सभी कार्यालय; ~यूरोपीय + अं० + सं० (पु०) भारत वाक्य आदि का अर्थ, आशय (जैसे-पद्य का भाव) 7 भाव और यूरोप की भाषाओं का समूह; रत्न (१०) भारत के सूचक अंग चेष्टा, भंगी (जैसे-शारीरिक भाव) 8 अवस्था, महान् आदर्श पुरुष; एक उपाधि जो स्वतंत्र भारत की सर्वोच्च दशा (जैसे-करुण भाव, प्रेम भाव) 9 स्वभाव (जैसे-भाव उपाधि है; ~वर्षीय (वि०) भारतवर्ष का; ~वासी (पु०) पसंद आना) 10 वस्तु का गुणात्मक तत्त्व जो वस्तु की मूल भारत का निवासी; ~विद्या (स्त्री०) भारतीय इतिहास, प्रकृति का सूचक हो (जैसे-शीतल की भाववाचक संज्ञा . संस्कृति और साहित्य; विद्याविद् (पु०) भारत विद्या का शीतलता होगी)। गत (वि०) विचारात्मक; ~गति ज्ञाता; विभाग (पु०) = भारत दफ़्तर; ~विभाजन (स्त्री०) 1 इच्छा, इरादा 2 विचार; ~गम्य (वि०) सद्भाव (पु०) भारत वर्ष का बँटवारा होना; ~व्यापी (वि०) भारत से जानने योग्य; ~गीत (पु०) भाव प्रधान गीत; -चित्र में फैला हुआ; सरकार + फ़ा० (स्त्री०) भारतीय शासन (पु०) कल्पना को व्यक्त करनेवाला चित्र; ~ज्ञ (वि०) भारती-I सं० + हिं० (पु.) - भारतीय
मनोभाव समझनेवाला; ~ता I (वि०) अच्छा लगनेवाला, भारती-II सं० (स्त्री०) 1 वचन, वाणी 2 सरस्वती
मोहक, लुभावना II (पु०) प्रियतम, ·-दशा (स्त्री०) मनः भारतीय-[सं० (वि०) भारत संबंधी II (पु०) भारतवासी। स्थिति, मूड; ~धारा (स्त्री०) भावना का प्रवाह; ~पक्ष
~करण (पु०) 1 भारतीय बनाना 2 भारतीयों को प्रधानता (पु०) साहि० काव्यगत भावनाओं, कल्पनाओं तथा विचारों देना; ~ता (स्त्री०) भारतीय होने का भाव
से युक्त पक्ष; ~परिग्रह (पु०) धन संचय की अभिलाषा; भारथी-I (पु०) सैनिक, योद्धा II (स्त्री०) भारती
पूर्ण, प्रद, प्रधान (वि०) 1 भाव की प्रधानता से भाराकुल-सं० (वि०) बोझ से परेशान
युक्त (जैसे-भावपूर्ण कविता, भाव प्रधान काव्य) ? डील भाराक्रांत-सं० (वि०) भार से व्यथित, पीडित, बोझ से दबा भावानुभूतिवाला; -प्रवण (वि०) भावुक; बाधक
(वि०) भाव प्रकट करनेवाला; ~भंगी (स्त्री०) मनोभावों भारावतारण-सं० (पु०) बोझ उतारना
को प्रकट करनेवाला अंग संचालन, अंग विक्षेप; ~भरा + भारावनत-सं० (वि०) बोझ से झुका हुआ
हिं० (वि०) भावमय; ~मुग्ध (वि०) भावना में खोया भारित-सं० (वि०) 1 बोझ युक्त 2 ऋणयुक्त
हुआ; ~मैथुन (पु०) मन में मैथुनिक विचार होना; भारी-[ सं० (वि०) 1 कठिन (जैसे-भारी काम) 2 गहरा ~वाचक (वि०) वस्तु, व्यक्ति और स्थान का भाव, धर्म, (जैसे-भारी गड्ढा) 3 अधिक भारवाला (जैसे-भारी शरीर) गण आदि बतानेवाला (जैसे-भाववाचक संज्ञा); ~वाची 4 कष्टकर (जैसे-भारी बर्तन, भारी आवाज़) 5 बड़ा (वि०) भाव का अर्थ देनेवाला; ~वाच्य (१०) व्या० क्रिया (जैसे-भारी बर्तन, भारी बक्सा) II (क्रि० वि०) अधिक, का वह रूप जिसमें वाक्य का उद्देश्य क्रिया व्यापार का ही बोध बहुत ज्यादा (जैसे-बोझ भारी करना. होना); ~पन + हिं० कराए (जैसे-हाथ से क़लम उठने लगी); ~वाहक, (पु०) भारी होने की अवस्था; ~भरकम (वि०) बड़े डील ~वाही (वि०) भावना में बहनेवाला, भावना से ओत-प्रोत; डौलवाला (जैसे-भारी भरकम शरीर); ~पड़ना ज़बर्दस्त विह्वल (वि०) भाव से आतुर, भावातुर; व्यंजक पड़ना; -पैर, होना गर्भवती होना
(वि०) स्पष्ट भाव प्रकट करनेवाला; व्यंजन (पु०) स्पष्ट भारु-(वि०) = भारी
भाव प्रकट करना; ~शबलता (स्त्री०) अनेक भावों का एक भारोत्तोलक-सं० (पु०) भार उठानेवाला यंत्र
साथ वर्णन; ~स्थ (वि०) भाव में लीन; ~शील, भारोत्तोलन-सं० (पु०) भार उठाना
~ संपन्न (वि०) भावनाओं से युक्त; हरण (पु०) भारोपीय-सं० + अं० • सं० (वि०) - भारत-यूरोपीय साहित्यिक चोरी. भार्गवी-सं० (स्त्री०) पार्वती
भावक-(वि०) 1 भाव उत्पन्न करनेवाला 2 भावना करनेवाला भार्य-सं० (वि०) भरण पोषण के योग्य
3 भक्त, प्रेमी भार्या सं० (स्त्री०) पत्नी, जोरू । जित (वि०) पत्नीभक्त भावज-(स्त्री०) भाभी भाल-I (पु०) 1 भाला 2 गाँसी
भावना-1 सं० (स्त्री०) 1 मन की कल्पना, ख़याल, विचार भाल-II सं० (पु०) 1 माथा, ललाट, मस्तक 2 तेज। 2 चिंतन, ध्यान 3 कामना, चाह (जैसे-प्रेम की भावना) चंद्र, नेत्र (पु०) शिव
4चिंता, फ़िक्र (जैसे-भावनाओं में ड्रबना-उतराना) भालना-(स० क्रि०) 1 ध्यानपूर्वक देखना II (वि०) अच्छा लगनेवाला, भावन (जैसे-भावनामय, (जैसे-देखना-भालना) 2 तलाश करना, ढूंढ़ना
भावनापूर्ण हृदय) III (अ० क्रि०) अच्छा लगना, भाना भाला-(पु०) बरछा, नेजा। बरदार + फ़ा० (पु०) भाला (जैसे-मन भावना) धारण करनेवाला, बरछैत
भावनात्मक-सं० (वि०) भावमय, भावपूर्ण भालिया-बो० (पु०) भाता
(जैसे-भावनात्मक एकता)। ~ता (स्त्री०) भावनात्मक होने भालू-(पु०) मोटे लंबे काले बालोंवाला एक हिंसक पशु की अवस्था, भावनात्मक स्थिति भाव-I (पु०) दर, मूल्य (जैसे-अनाज का भाव, दूध का | भावनीय-सं० (वि०) विचार करने योग्य
भाव) 2 कीमत (जैसे-कपड़े का भाव, सोने का भाव) भावमय-सं० (वि०) भावनाओं में निमग्न भाव-II सं० (पु०) 1 सत्ता, अस्तित्त्व 2 जन्म, उत्पत्ति 3 चित्त. भावयिता-सं० (पु०) पालन पोषण करनेवाला