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मंगलमय
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(वि०) मंगलकारी देवता ( पु० ) शुभकारी देवता, इष्टदेव; ~द्वार (पु० ) प्रासाद का मुख्य द्वार पत्र (पु० ) तावीज़; पाठ (पु० ) मंगलाचरण -प्रद (वि०) मंगलकारक, शुभ; ~ प्रार्थना (स्त्री०) कल्याण कामना; ~भाषण (पु०) शुभ कथन; ~वाद (पु० ) आर्शीवाद, आशीष; ~वार (पु०) सोमवार के बाद का दिन सूचक (वि०) भाग्योदय का द्योतक; ~ सूत्र ( पु० ) कलाई पर बाँधा जानेवाला डोरा; स्नान (पु० ) शुभ अवसर पर किया
गया स्नान
मंगलमय - I सं० (वि०) कल्याणमय, मंगलरूप II ( पु० ) परमेश्वर
मंगला - सं० (पु० ) 1 पार्वती 2 पतिव्रता स्त्री मंगलाचरण - सं० (पु० ) 1 कार्यारम्भ के पूर्व की जानेवाली मंगल स्तुति, मांगलिक मंत्र 2 ग्रंथ के आरंभ में लिखा जानेवाला मांगलिक़ पद
मंगलाचार-सं० (पु० ) 1 कार्य के पूर्व होनेवाला मंगलगान 2 शुभानुष्ठान
मंगलाभोग-सं० (पु०) आरती के पहले देवता का भोग मंगलायतन -सं० ( पु० ) शुभ स्थान
मंगलाष्टक - सं० (पु० ) विवाह समय वर वधू की कल्याण कामना हेतु किया गया मंत्रोच्चारण
मंगली - सं० (वि०) मंगल ग्रह योग में उत्पन्न मंगलीय - सं० (वि०) 1 मंगलकारक 2 भाग्यवान मंगलेच्छु – सं० (वि०) शुभ की कामना करनेवाला मंगल्य - I सं० (वि०) मंगलकारक II ( पु० ) चंदन मँगवाना - (स० क्रि०) 1 मँगाने का काम कराना (जैसे- पार्सल से सामान मँगवाना) 2 दूसरे हाथ मँगाना (जैसे- नौकर से पत्र मँगवाना, लड़के से चाय मँगवाना) मँगाना - (स० क्रि०) मँगाने के कार्य में प्रवृत्त करना मँगियाना - (स० क्रि०) 1 सिर के बालों में कंघी से मांग निकालना 2 विभक्त करना
मँगेतर - (वि०) 1 जिसकी मँगनी हो चुकी हो 2 जिसका विवाह होना निश्चित हो
मंच-सं० ( पु० ) 1 रंगमच 2 ऊँचा बना हुआ स्थान (जैसेसभा मंच) 3 क्रिया कलापों के उपयुक्त क्षेत्र (जैसे-राजनीतिक मंच) | ~ मंडप (पु०) मचान
मंचन - सं० (पु० ) मंच पर अभिनय करना पंची- (स्त्री०) खड़े बल से लगाई हुई लकड़ियों, खंभो आदि की वह रचना जिसपर अन्य भारी वस्तु टिकाई गई हो मंचीय सं० (वि०) मंच संबंधी, मंच का
मंजन - (पु० ) दाँत साफ़ करने का चूर्ण (जैसे-दंत मंजन, मंजन करना)
मैजना - ( अ० क्रि०) 1 मंजन से साफ़ किया जाना 2 साफ़ किया (जैसे- बर्तन मँजना) 3 अच्छी तरह संपन्न होना (जैसे-मँजी हुई कविता पढ़ना) 4 अभ्यास होना (जैसे-लिखने में हाथ मँजना)
मंजर - सं० (पु० ) 1 फूलों का गुच्छा 2 मोती मंजरित सं० (वि०) 1 मंजरियों से युक्त 2 पुष्पित मंजरी - सं० (स्त्री०) 1 कल्ला, कोंपल 2 लता (जैसे- पुष्प "मंजरी) 3 तुलसी
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मंडल
मँजाई - (स्त्री०) 1 माँजने का काम 2 माँजने की मज़दूरी । ~ घिसाई (स्त्री०) माँजना और घिसना (जैसे- बर्तन की मँजाई घिसाई )
मैं जाना - (स० क्रि० ) 1 माँजने में प्रवृत्त करना 2 अच्छी तरह साफ़ कराना 3 अभ्यास कराना (जैसे-लिखने में हाथ मँजाना) मँजावट - (स्त्री०) माँजने का ढंग मँजार-बो० (स्त्री०) बिल्ली
मंजि -सं० (स्त्री०) मंजरी, लता मंजिमा-सं० (स्त्री०) सुंदरता, मनोहरता
मंज़िल - अ० (स्त्री०) 1 पड़ाव, मुक़ाम 2 मकान 3 पांथशाला 4 मकान का दरजा, छत 5 एक दिन का सफ़र मंज़िला - अ० + हिं० (वि०) तल्लेवाला
मंजीर - सं० ( पु० ) 1 नूपुर, घुँघरू 2 वह खंभा जिसमें मथानी का डंडा बँधा हो
मँजीरा - (पु० ) मजीरा
मंजु - सं० (वि०) सुंदर, मनोहर। ~गमन (वि०) सुंदर चाल चलनेवाला; ~ घोष (वि०) मनोहर बोलवाला; --भाषी (वि०) मृदुभाषी; ~वादी (वि०) मधुरभाषी; स्वर (fao) = मंजुघोष मंजुल - सं० (वि०)
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मंजु मंज़र - अ० (वि०) स्वीकृत (जैसे- दरख्वास्त मंजूर करना) । -शुदा + फ़ा० (वि०) स्वीकार किया हुआ
मंजूरी - अ० + फ़ा० (स्त्री०) स्वीकृति (जैसे- मंजूरी रद्द करना) मंजूषा - सं० (स्त्री०) 1 पिटारी 2 पिंजरा
मँझ - ( क्रि० वि०) मध्य, बीच में। ~धार I (स्त्री०) नदी के बीच की धारा II ( क्रि० वि०) धारा के बीच में मँझला - ( वि०) बीच का (जैसे-मँझला भाई) मंझा - (पु०) माँझा मँझियार - बो० (वि०) मध्य का मँझोला - (वि०) बीच (जैसे-मँझोला कद) मंठ-सं० ( पु० ) माठ
मंड-सं० ( पु० ) 1 सजावट 2 आभूषण मँड़ई - बो० (स्त्री०) झोपड़ी, कुटिया (जैसे- साधु की मड़ई) मंडन - I सं० (पु० ) सजाना II (वि०) सजानेवाला मंडप-सं० (पु० ) 1 छाया हुआ 2 मँड़वा (जैसे- शादी का मंडप, यज्ञ मंडप ) 3 चंदोआ, शामियाना (जैसे- मंडप की सजावट)
मंडपक-सं० (पु०) छोटा मंडप मंडपी -सं० (स्त्री०) 1 छोटा मंडप 2 मढ़ी
मँडरना - I (अ० क्रि०) चारों ओर से घिरना II (स० क्रि०) चारों ओर से घेरना
मँडराना - (अ० क्रि०) 1 घेरा बाँधकर छा जाना 2 चक्कर लगाते रहना (जैसे- किसी के पीछे मँडराना) मँडरी - ( स्त्री०) पयाल की चटाई
मंडल - सं० (पु० ) 1 गोलाई वृत्त (जैसे-रास मंडल) 2 गोलाकार आकृति (जैसे-भूमंडल) 3 घेरा (जैसे- सूर्य का प्रभा मंडल) 4 गोलाकार अंश (जैसे- सूर्य मंडल, मुख मंडल) 5 सैनिक व्यूह रचना (जैसे-सेना मंडल) 6 समिति, मंडली (जैसे- युवा मंडल, ज्ञान मंडल) । ~ नृत्य (पु० ) वृत्ताकर नाच