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लेंगे)
भीतरिया 620
भुन्नासी भीतरिया-I बो० (पु०) मंदिर में रहनेवाला पजारी | 2 उत्तरदायित्व निभाना (जैसे-शादी का सारा खर्च हम भुगत
II (वि०) भीतरी भीतरी-(वि०) 1 अंदर का (जैसे-भीतरी बरामदा, भीतरी भुगतान-(पु०) 1 भुगतने का भाव 2 चुकाने की अवस्था
कमरा) 2 छिपा हुआ (जैसे-भीतरी सामान, भीतरी बात) (जैसे-ऋण का भुगतान) भीति-(स्त्री०) डर, भय । ~कर, ~कारी (वि०) भयंकर, भुगताना-(स० क्रि०) 1 भोगने में प्रवृत्त करना 2 भुगतान भयावना
करना, चुकाना 3 समाप्त करना भीनना-(अ० क्रि०) 1 एकरस होना (जैसे-कपड़े में रंग | भुगाना-(स० क्रि०) = भोगाना
भीनना) 2 सम्मिलित होना (जैसे-हवा में सुगंध भिनना) भुग्गा-I (वि०) मूर्ख, बेवकूफ 3 भीगना
भुग्गा -II (पु०) चूर्ण भीना-(वि०) बहुत मंद (जैसे-भीनी सुगंध)
भुग्न-सं० (वि०) 1 टेढ़ा, वक्र 2 बीमार, रोगी भीम-I सं० (वि०) 1 बहुत बड़ा 2 भयंकर, भीषण 3 बहादुर, भुच्च, भुच्चड़-(वि०) गँवार और मूर्ख वीर II (पु०) कुंती पुत्र भीमसेन । ~ता (स्त्री०) भयंकरता; भुजंग, भुजंगी-सं० (स्त्री०) सर्पिणी तिथि (स्त्री०) भीमसेनी एकादशी
भुजंगम सं० (पु०) साँप, सर्प। पति (पु०) वासुकि; भीमाकार-सं० (वि०) अति विशाल
~भुज, ~भोजी (पु०) 1 गरुड़ 2 मोर, मयूर; ~लता भीरु-सं० (वि.) 1 डरा हुआ 2 कायर, डरपोक। ~ता (स्त्री०) पान की बेल (स्त्री०) 1 कायरता 2 डर, भय; ~सत्व (वि०) स्वभावतः भुजंगा-(पु०) काले रंग की एक चिड़िया, भुजैटा डरपोक
भुज-सं० (पु०) बाहु, बाँह, भुजा (जैसे-भुजबंध)। दंड भील-(पु०) 1 एक जंगली जाति 2 इस जंगली जाति का पुरुष (पु०) लंबी बाँह; पाश (पु०) आलिंगन; बंध (पु०) भीलनी-(स्त्री०) भील की स्त्री
भुजाओं में बाँधने का एक गहना; बल (पु०) बाहुबल, भीली-I (वि०) भील संबंधी II (स्त्री०) भीलों की बोली भुजा की ताक़त; ~मूल (पु०) कंधा; ~लता (स्त्री०) भीषण-सं० (वि०) 1 भयानक, डरावना 2 विकट, बहुत बुरा
लता जैसी लंबी पतली बाँह; ~स्तम्भ (पु०) बाँह अकड़ (जैसे-भीषण परिणाम)
जाना भीषणाकार-सं० (वि०) भीमाकार
भुजगांतक-सं० (पु०) 1 गरुड़ 2 मोर 3 नेवला भीषिका-सं० (स्त्री०) विकट विपत्ति की आशंका भुजगेश-सं० (पु०) वासुकि भीष्म-I सं० (वि०) डरावना, भयंकर II (पु०) राजा शांतनु भुजच्छाया-सं० (स्त्री०) निर्भय आश्रय
का पुत्र । पितामह (पु०) भीष्म; ~प्रतिज्ञा (स्त्री०) भुजवा-(पु०) = भड़ जा कठोर प्रतिज्ञा
भुजा-सं० (स्त्री०) बाँह, बाहु। ~उठाना प्रतिज्ञा करना भीष्माष्टमी-सं० (स्त्री०) माघ शुक्ल की अष्टमी, भीष्म के प्राण भुजाली-(स्त्री०) छोटी कटार, खुखरी त्यागने का दिन
भुजिया-I (वि०) भूनकर बनाया हुआ (जैसे-भुजिया आलू) भंडहरा-बो० (पु०) 1 भूमि के नीचे बनाया गया स्थान ___II (पु०) सूखी सब्जी (जैसे-आलू की भुजिया) 2 तहख़ाना
भुजेना-बो० (पु०) भूना हुआ दाना, चबैना भुंटा-बो० (पु०) भुट्टा
भुजैल-(पु०) = भुजंगा भुडली-(स्त्री०) कँटीले और ज़हरीले बालोंवाला एक कीड़ा, | भुट्टा-(पु०) मक्के की हरी बाल। ~सा उड़ना साधारण पिल्ला
झटके से ही कटकर दूर गिरना भुंडा-I (वि०) बिना सींग का II (वि०) भद्दा, भोंडा | भुतनी-(स्त्री०) = भूतनी । भुकड़ी-बो० (स्त्री०) 1 बिना मूंछ की छोटी मछली 2 सड़ी भुनगी-(स्त्री०) ईख के पौधों में लगनेवाला एक कीड़ा
चीज़ों पर जमनेवाली सफ़ेद रंग की काई, फफूंदी भुनना- (अ० क्रि०) 1 भूना जाना (जैसे-भुट्टा भुनना, सब्ज़ी भुकरौद-(स्त्री०) सड़ायँध
भुनना) 2 नोट आदि का सिक्कों में बदलना भुक्खड़-(वि०) 1 अत्यंत भूखा 2 लालची 3 कंगाल, दरिद्र । भुनभुन-(स्त्री०) कुढ़ने की ध्वनि भुक्त-सं० (वि०) 1 खाया हुआ 2 भोग किया हुआ। | भुनभुनाना-I (अ० क्रि०) भुन भुन शब्द होना II (स०
~भोगी (वि०) दुष्परिणाम भोगनेवाला; ~शेष (वि०) | क्रि०) 1भुन भुन शब्द करना 2 कुढ़कर धीरे-धीरे बातें करना खाने के बाद बचा (भोजन)
भुनवाई-I (स्त्री०) 1 भूनने का काम 2 भूनने की उज़रत भुक्ति-सं० (स्त्री०) 1 भोजन, आहार 2 भोग 3 लोकिक सुख (जैसे-दाना भुनवाई) भुखमरा-(वि०) भूख से मरनेवाला
भुनवाई-II (स्त्री०) भुनाने के बदले दी गई रकम, भाँज भुखमरी-(स्त्री०) भूख से मरने की अवस्था
भुनवाना- (स० क्रि०) 1 भूनना 2 भुनाना भुखमुआ-बो० (वि०) = भुखमरा
भुनाई-I(स्त्री०) = भुनवाई II भुनाई भुखाना-I बो० (अ० क्रि०) भूखा होना II (स० क्रि०) भुनाना- (स० क्रि०) 1 भूनने का काम कराना 2 भूनने में प्रवृत्त भूखा रखना
करना 3 सिक्कों में बदलवाना भुखालू-बो० (वि०) भूखा
भुनुगा-(पु०) = भुनगा भुगतना-(स० क्रि०) 1 भोगना (जैसे-सज़ा भुगतना) | भुनासी-(पु०) एक तरह का बड़ा देशी ताला