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भोगना
भेद-सं० (पु०) 1 छेदना 2 अंतर, बिलगाव (जैसे-मत भेद) | मैंसाव-(पु०) मैंस और मैसे का जोड़ा खाना 3 छिपा हुआ, मर्म 4 रहस्य (जैसे-गुप्त भेद) 5 तरह, प्रकार मैंसोरी-(स्त्री०) मैंस का चमड़ा (जैसे-नायिका भेद)। ~कारी (वि०) भेद करनेवाला; | मैक्ष-सं० (पु०) भिक्षा। -वृत्ति (स्त्री०) भीख माँगना
नीति (स्त्री०) फूट डालने की नीति; ~पूर्ण (वि०) रहस्य भैक्षान्न-सं० (पु०) भिक्षा में प्राप्त अन्न से भरा हुआ, रहस्य पूर्ण प्रभेद (पु०) प्रकार और भैक्षाशी-I सं० (वि०) भिक्षान्न खानेवाला II (१०) प्रकारांतर; बुद्धि (स्त्री०) अंतर करनेवाली बुद्धि, द्वैतभाव; भिखमंगा ~भरा + हिं० (वि०) रहस्य से भरा, रहस्यमय; - भाव मैक्ष्य-सं० (पु०) भीख, भिक्षा (पु०) 1 मतैक्य का अभाव 2 अंतर, फर्क; ~भाव पूर्ण भैया-(पु०) 1 भाई, भ्राता 2 व्यवहार में किया जानेवाला एक (वि०) = भेदपूर्ण; ~भावमूलक (वि०) भेद भाव पैदा संबोधन (जैसे-रामू भैया जयराम)। चारा (पु०), करनेवाला; ~युक्त (वि०) = भेदमय; ~वाद (पु०) ~चारी (स्त्री०) = भाईचारा; दूज (स्त्री०) दिवाली के दैतवाद; ~वादी (वि०) द्वैतवादी; ~साक्षी (पु०) बाद दूज का त्योहार (जैसे-भैया दूज की मिठाई) इकबाली गवाह
भैरव-I सं० (वि०) 1 भयानक 2 घोर विनाश करनेवाला भेदक-सं० (वि०) 1 भेद करनेवाला 2 छेदन करनेवाला 3 नष्ट | 3 अत्यंत उग्र II (पु०) 1 महादेव, शिव 2 शिव के गण करनेवाला
भैरवी-सं० (स्त्री०) तांत्रिकों की एक देवी, चामुंडा भेदकातिश्योक्ति-सं० (स्त्री०) साहि० वह अतिशयोक्ति भैरो-(पु०) = भैरव
अलंकार जहाँ उपमेय और उपमान में भेद होने पर भी अभेद भैषज-सं० (पु०) दवा, 'औषध दिखाया जाए
भैषजिक-सं० (वि०) औषध संबंधी भेदड़ी-बो० (स्त्री०) रबड़ी
भैषजिकी-सं० (स्त्री०) औषध विद्या भेदन-(पु०) 1 छेदन 2 तोड़ना
भैषज्य-सं० (पु०) दवा भेदना-(स० क्रि०) छेदना, बेधना
भोंकना-I (स० क्रि०) घुसाना (जैसे-छुरा भोंकना) भेदित-सं० (वि०) भेदा हुआ
भोंकना-II (अ० क्रि०) मूंकना मेदिनी-सं० (स्त्री०) भेदने की शक्ति
भोंगाल-अं० (पु०) भोंपा भेदिया-सं० + हिं० (पु.) 1 गुप्तचर 2 भेद जाननेवाला मोचाल-(पु०) = भूकंप व्यक्ति
भोंडा-(वि०) 1कुरूप 2 अनगढ़, बेहदा 3 बेडौल 4 अशिष्ट पेदी-[सं० + हिं० (वि०) भेदन करनेवाला, भेदक II (पु०) भोतला-बो० (वि०) भोथरा-(वि०) = भोंथरा भेदिया (जैसे-घर का भेदी)
भोंदू-(वि०) अत्यंत सीधा-सादा और बेवकूफ़ भेदी-सं० (वि०) भेदक
भोपा, भोंपू-(पु०) 1 फूंककर बजाया जानेवाला एक तरह का भेद्य-I सं० (वि०) भेदे जाने योग्य II (पु०) चीर फाड़, शल्य बाज़ा 2 कल कारखानों में बजनेवाली ऊँची सीटी 3 मोटर, क्रिया
गाड़ी आदि में शब्द उत्पन्न करनेवाला यंत्र भेना-(स० क्रि०) तर करना, भिगोना
भों भों-(स्त्री०) भुंकने की आवाज़ भेरवा-(पु०) एक तरह का खजूर (वृक्ष और फल) | भोकार-(स्त्री०) ज़ोर-ज़ोर से रोना भेरी-सं० (स्त्री०) बड़ा ढोल (जैसे-रणभेरी)
भोक्तव्य-सं० (वि०) भोगा जाने योग्य भेलना-(स० क्रि०) 1 अस्त व्यस्त करना 2 तोड़ना फोड़ना भोक्ता-सं० (वि०) भोग करनेवाला (जैसे-सुख भोक्ता, 3 लूटना
कर्मफल भोक्ता) भेला-(पु०) 1 भेंट, मुलाक़ात 2 भिड़त, मुठभेड़ 3 बड़ा गोला, भोग-सं० (पु०) 1 भोगने का भाव 2 उपयोग में लाना
(जैसे-संपत्ति का भोग) 3 देवताओं को अर्पित खाद्य पदार्थ, भेली-(स्त्री०) 1 गुड़ का छोटा टुकड़ा 2 गुड़ 3 किसी वस्तु का नैवेद्य (जैसे-भोग लगाना) 4 कर्मफल (जैसे-भोग भोगना)
5 भोजन करना, खाना 6 संभोग, मैथुन (जैसे-स्त्री सुख भेषज-सं० (पु०) 1 निरोग करना 2 दवा, औषध । करण भोग)। काल (पु०) 1 भोगने का पूरा समय 2 घटना के (पु०) दवा बनाना; -विज्ञान (पु०) औषध शास्त्र घटित होने का समय; ~ग्रह (पु०) अंतःपुर, जनानखाना; ~संग्रह (पु०) ऐसा प्रकाशित प्रामाणिक ग्रंथ जिसमें मान्य तृष्णा (स्त्री०) भोग की प्रबल इच्छा; देह (पु०)
औषधों की सूची, उनके गुण, धर्म आदि का विवरण रहता है मरणोपरांत सुख दुःख भोगनेवाली देह; -पिशाचिका भेषजांग-सं० (पु०) दवा के साथ खाए जानेवाला पदार्थ (स्त्री०) भृग्न; ~बंधक (पु०) रेहन रखने का वह प्रकार भेषजागार-सं० (पु.) औषधालय
जिसमें रेहन रखी गई वस्तु के भोग का अधिकार भी महाजन भेषजीय-सं० (वि०) औषधि संबंधी, ओषधीय
को रहता है; -भृतक (पु०) केवल भोजन और वस्त्र लेकर भेषज्य-सं० (वि०) नीरोग करनेवाला
काम करनेवाला नौकर; ~लिप्सा (स्त्री०) भोग की तृष्णा; भेस-(पु०) 1 पहनावा 2 वेशभूषा (जैसे-भेस बदलना) वाद (पु.) खाओ-पीओ मौज़ उड़ाओ ऐसा मत; भैंस-(स्त्री०) प्रायः काले रंग की गाय की तरह का पालतू मादा -विलास (वि०) मौज मस्ती, ऐश; ~वेतन (पु०) धरोहर
रखने के बदले में दिया जानेवाला धन मैंसा-(पु.) 1 भैंस का नर 2 हट्टा कट्टा आदमी भोगना-(स० क्रि०) 1सुख-दुःख का अनुभव करना
तिंड
पिंड
पश