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बोल
बोल-बाला है) 2 सर्वोपरि महत्त्व की बात मारना व्यंग्य करना, ताना कसना
बोल - II बो० (पु० ) एक प्रकार का कडुआ सुगंधित गोंद बोलता - I (पु० ) 1 ज्ञान करानेवाला और बोलनेवाला तत्त्व, आत्मा (जैसे-बोलते को पहचान, बोलता कहे सो मान) 2 जीवन शक्ति, प्राण 3 सार्थक बातें कहनेवाला प्राणी II (वि०) 1 बोलनेवाला (जैसे- बोलता सिनेमा) 2 वाक्पटु 3 बकवादी
बोलती - (स्त्री०) 1 वाणी 2 बोलने में पटु, जीभ (जैसे- अपनी बोलती बंद करो)। बंद होना 1 बोल न सकना 2 लज्जा के कारण बोल न निकलना; ~मारी जाना बकवाद बंद
करना
बोलना - I (अ० क्रि०) 1 उच्चारित करना (जैसे-जय जयकार बोलना ) 2 विचार प्रकट करना (जैसे-झूठ बोलना ) 3 संबंध बनाए रखना (जैसे क्षमा माँगने पर ही मैं उनसे बोलूंगा) 4 रोक-टोक करना, बाधक होना (जैसे-काम के वक़्त व्यर्थ का बोलना ) II (स० क्रि०) 1 जवाब देना 2 पुकारना 3 बुलवाना । बोल जाना 1 ख़तम हो जाना 2 जवाब देना 3 हिम्मत हार जाना; बोलि पठाना बुला भेजना बोलवाना - I क्रि०) 1 उच्चारण कराना 2 कहवाना II (स० क्रि०) बुलवाना बोलशेविक रू० (पु०) समर्थक बोलाचाली - (स्त्री०) 1 बातचीत 2 बातचीत का संबंध 'बोली- (स्त्री०) 1 बोल, वचन 2 भाषा, बोलचाल 3 नीलाम की आवाज़ 4 व्यंग्य, कटाक्ष । ठोली (स्त्री०) कटाक्ष, व्यंग्य, दार + फ़ा० (पु० ) ऐसा असामी जिसे बिना लिखा-पढ़ी किए खेत जोतने को दिया गया हो; ~ कसना आवाजें कसना, ताने देना; बोलना 1 व्यंग्य करना, फबती कसना 2 नीलाम में वस्तुओं के दाम लगाना; मारना = बोली
श्रमिक वर्ग के अधिनायक का
(स०
कसना
बोल्ट - अं० (स्त्री०) 1 सिटकनी 2 काबला बोवाई - (स्त्री०) बोआई
बोवाना - (स० क्रि०) बोने का काम कराना
=
बोसा - फ़ा० (पु०) चुम्मा, चुंबन बोह - (स्त्री०) गोता, डुबकी बोहड़-बो० (पु०) बरगद, बड़
बोहतान- अ० (पु०) झूठा अभियोग
बोहनी - (स्त्री०) पहली बिक्री
बोहरा - (पु० ) 1 व्यापार करनेवाली मुस्लिम जाति 2 रोज़गारी, व्यापारी
बोहित - (पु० ) नाव, जहाज़
बोड़ी - (स्त्री०) 1 कच्चा और छोटा फल, डोडा 2 फली, छीमी बोआना - (अ० क्रि०) 1 स्वप्नावस्था में प्रलाप करना
2 बड़बड़ाना
बोखल - (वि०) 1 बौखलाया हुआ 2 पागल, सनकी बौखलाना - (अ० क्रि०) 1 अंड बंड बकना 2 पागलों सा
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आचरण करना
बौखलाहट - (स्त्री०) 1 बदहवासी, पागलपन कांधावेश बोखा - (स्त्री०) हवा का तेज़ झोंका
ब्योंची
बौछाड़, बोछार - ( स्त्री०) 1 हवा के झोंके से वर्षा की तिरछी आती हुई बूँदों का समूह (जैसे-बौछार पड़ना) 2 भरमार बौछारी - (वि०) बौछाड़वाला बौड़म - (पु० ) पागल, सनकी बौहड़ा - (वि०) बावला, पागल बौता - ( पु० ) समुद्र में तैरता हुआ निशान बौद्ध-सं० (वि०) 1 बुद्ध संबंधी 2 बुद्ध द्वारा प्रचारित (जैसे- बौद्ध मत) 3 गौतम बुद्ध के धर्म के अनुयायी। धर्म (पु०) बुद्ध द्वारा चलाया गया धर्म; ~ भिक्षु (पु० ) बौद्ध साधुः ~मत (पु० ) बौद्ध धर्म; ~ मतावलंबी (पु० ) बौद्ध धर्म का अनुयायी; संघ (पु० ) बौद्ध धर्म के अनुयायियों का समूह, संगठन बौद्धिक - सं० (वि०) 1 बुद्धि संबंधी 2 बुद्धि के योग्य बौना - (पु० ) बहुत ही छोटे क़द का आदमी बौर - (पु० ) आम की मंजरी
=
बौरना - (अ० क्रि०) आम का फूलना
बौरा - I (वि०) 1 बावला, पागल 2 भोला-भाला, सीधा-सादा 3 गूँगा
बौरा - II अं० (पु० ) बैरा
=
बौराना - ( अ० क्रि०) 1 पागल हो जाना 2 उन्मत्त होना (जैसे- नशे में बौराना)
बौहरगत - बो० (स्त्री०) सूद पर रुपए उधार देने का व्यवसाय, सूदखोरी बौहरा - (पु० )
=
ब्याज़खोर ब्याज -सं० (पु० ) मूलधन के अतिरिक्त दिया जानेवाला धन, सूदखोर + फ़ा० ब्याज की कमाई खानेवाला; खौरी + फ़ा० (स्त्री०) ब्याज की कमाई; ~दर + हिं० (स्त्री०) सूद की दर; बट्टा + हिं० (पु० ) नफ़ा नुक़सान मुक्त (वि०) सूद से बरी
ब्याजू -सं० + हिं० (वि०) 1 ब्याज संबंधी 2 सूद पर दिया गया (रुपया)
ब्यान - I (पु०) मादा पशु का प्रसव करना II (पु० ) बयान, वर्णन
ब्याना - I (अ० क्रि०) मादा पशु में संतान का प्रसव होना II (स० क्रि०) मादा पशु का बच्चा जनना ब्यापना- (स० क्रि०) फैलना, व्याप्त होना ब्यारी- (स्त्री०)
ब्यालू ब्यालीस - (वि० / पु० ) बयालीस
ब्यालू - (पु० ) संध्या समय किया जानेवाला भोजन ब्याह - ( पु० ) विवाह, शादी कराई (स्त्री०) 1 शादी कराना 2 शादी कराने का पारिश्रमिक; ~ता I (वि०) ब्याह कर लाई गई II (पु० ) पति III (स्त्री०) पत्नी ब्याहना - (स० क्रि०) ब्याह करना (जैसे-लड़की ब्याहना) ब्यूरो- अं० ( पु० ) 1 केंद्र 2 कार्यालय व्यूरोक्रेसी-अं० (स्त्री०) 1 नौकरशाही 2 दफ़्तरशाही व्योंगा - पु० ) चमड़ा रगड़कर साफ़ करने का चमारों का लकड़ी का बना राँपी की तरह का एक औज़ार व्योंच - (स्त्री०) नस आदि का अपने स्थान से हट जाना, मोच ब्योंचरा - (अ० क्रि०) मोच आना ब्योंची- (स्त्री०) उलटी, कै