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बाला
3 निश्चल, निष्कपट । भोला (वि०) सीधासादा, सरल बाला - IV फ़ा० (वि०) 1 सबसे ऊपर (जैसे-बदमाशों का बोलबाला) 2 सबसे बढ़िया, श्रेष्ठ
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बाला-V सं० (स्त्री०) 1 बारह वर्ष से सत्रह वर्ष तक की उम्र वाली लड़की 2 जवान स्त्री, युवती 3 औरत, स्त्री 4 लड़की, बच्ची 5 कन्या, पुत्री 6 सुगंधवाला। नशीन (वि०) सबसे बड़ा
फ्रा०
बालाई - I फ़ा० (वि०) 1 ऊपर का, ऊपरी 2 ऊपरी (जैसे - बालाई आमदनी) II (स्त्री०) मलाई बालार्क -सं० (पु०) बालरवि, प्रातः कालीन सूर्य बालावस्था-सं० (स्त्री०) बचपन, बालपन बालि-सं० (पु० ) किष्किंधा का एक प्रसिद्ध राजा बालिका-सं० (स्त्री०) कन्या, लड़की बालिग़ - अ०
(वि०) वयस्क, जवान (जैसे- बालिग़
मताधिकार)
बालिश - I फा० (पु० ) तकिया, सिरहाना
बालिश - II सं० ( पु० ) 1 शिशु 2 मूर्ख व्यक्ति !II (वि०) अबोध, नासमझ
बालिश्त - फ़ा० (पु० ) बित्ता
बाली - 1 (स्त्री०) स्त्रियों का कान में पहनने का एक आभूषण बाली - II ( स्त्री०) अनाजों के डंठल का ऊपरी भाग बालिश्य-सं० (पु० ) 1 बाल्यावस्था 2 बचपना 3 बच्चों जैसी बेवकूफ़ी बालुका-सं० (स्त्री०) बालू रेत । ~ यंत्र (पु०) दवा फूँकने का एक यंत्र स्वेद (पु०) बालू से सेंकने पर होनेवाला
पसीना
बालू - (पु० ) रेत । ~ काग़ज़ फ़ा० (पु० ) सरेस काग़ज़; बुर्द • फ़ार 1 (वि०) बालू में दबा हुआ II ( पु०) बालू मिश्रित भूमि शाही (स्त्री०) मैदे की बनी एक प्रसिद्ध मिठाई
बालेंदु सं० (पु०) द्वितीया का चाँद बालोचित -सं० (वि०) बच्चे के लिए उचित (जैसे-बालोचित
ज्ञान)
बालोद्यान -सं० (पु०) बाल वाटिका बालोपचार -सं० (पु० ) बच्चों की चिकित्सा बालोपयोगी -सं० (वि०) बालकोपयोगी बाल्टी-पु० (स्त्री०) बालटी बाल्य - 1 सं० (वि०) 1 बालक का 2 बचपन का (जैसे - बाल्यकाल) 3 बालकों का सा (जैसे- बाल्य-स्वभाव) II (पु०) 1 बाल का भाव 2 लड़कपन। ~काल (पु० ) - बाल-काल; बंधु (पु० ) = बाल-मित्र; ~ विवाह (पु० ) बाल-विवाह, संखा + हिं० (५०) बाल-मित्र बाल्यावस्था-सं० (स्त्री०) लड़कपन, बचपन बाव - ( पु० ) 1 हवा, पवन 2 बाई 3 पाद। गोला, (पु० ) तिल्ली का दर्द
सूल
बावजूद - फ़ा० अ० ( क्रि० वि०) 1 यद्यपि 2 इतना होने पर भी बावड़ी - (स्त्री०) बावली, जलाशय बावन - I (वि०) पचास से दो अधिक II (पु० ) 52 की संख्या
=
C
बाहम
बावना-फ्रा० (वि०) वफादार बावरचिन-फ्रा० + तु० + हिं० (स्त्री०) रसोइया बावरचिनी - (स्त्री०) बावरची की स्त्री बावरची-फ़ा० + तु० (पु०) खाना पकानेवाला, रसोइया । खाना फ़ा० (पु०) रसोई, पाकशाला
बावरा - (वि०) 1 पागल 2 वातरोग उत्पन्न करनेवाला बावरी - ( स्त्री०) जलाशय, बावली बावला - (वि०) पागल, विक्षिप्त । पन (पु० ) पागलपन, झक
बावली - (स्त्री०) 1 सोपानयुक्त छोटा तालाब 2 पगली बाशिंदा - I फ़ा० (पु० ) निवासी II (वि०) रहनेवाला बासंतिक सं० (वि०) 1 बसंतऋतु-संबंधी 2 बसंत ऋतु में होनेवाला
बास - I सं० (पु० ) 1 निवास 2 वास स्थान 3 वस्त्र, कपड़ा बास - II सं० (स्त्री०) 1 गंध, महक (जैसे- फूल की बास) 2 बहुत थोड़ा अंश
बास - III सं० (पु० ) दिन
बासकसज्जा-सं० (स्त्री०) सजधज करके नायक से मिलने वाली नायिका
बासन - (पु०) बरतन
बासठ - I (वि०) साठ से दो अधिक II (पु० ) 62 की संख्या बासना - I (स्त्री०) = वासना
बासना - II ( स्त्री०) 1 गंध, महक 2 हल्की गंध बासना - III (स० क्रि०) सुगंधित करना बासर - (पु० ) 1 दिन, 2 प्रातः काल, सवेरा बाससी - (पु० ) कपड़ा, वस्त्र बासा - ( पु० ) भोजनालय
बासित - [सं० (वि०) कपड़े से ढका हुआ II (वि०) सुगंधित बासी - I (वि०) 1 एक या कई दिन पहले का बना हुआ
(जैसे- बासी रोटी ) 2 कई या एक दिन पहले पेड़ से तोड़ा गया (जैसे- बासी फल) 3 कुछ समय तक यों ही पड़ा रहनेवाला (जैसे- बासी पानी, बासी मुँह) 4 सूखा हुआ (जैसे- बासी फूल ) । ~ ऊसी (स्त्री०) देर का बचा हुआ भोजन; ~तिबासी (वि०) कई दिनों का; ईद ईद का दूसरा दिन; ~कढ़ी में उबाल आना 1 बुढ़ापे में जवानी का जोश आना 2 समय बीत जाने पर कुछ करने की इच्छा होना 3 अशक्त का सशक्त सा आचरण करना; बचे न कुत्ता खाय गुंजाइश न रहना, कुछ भी न शेष रहना; भात में खुदा का साझा कठिनाई से प्राप्त वस्तु में अचानक बँटवारा होना बासी - II सं० (वि०) निवासी
बासुकी - I (स्त्री०) सुगंधित पुष्पमाला बासुकी - II सं० (पु०) वासुकि नाग
बास्केटबाल - अं० (पु० ) टोकरेदार जाल में गेंद डालने का एक खेल
बाहड़ी - (स्त्री०) ममाला एवं कुम्हड़ौरी डाल कर पकाई गई खिचड़ी
बाहना - I (स० क्रि०) 1 वहन करना 2 ढोकर ले जाना 3 फेंकना 4 हाँकना 5 धारण करना 6 स्वीकार करना II (अ० क्रि०) इधर-उधर घूमना, भटकना बाहम-फ़ा० ( क्रि० वि०) आपस में, परस्पर