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बीडिया 598
बुगदा के पास बंधी डोरी। -उठाना काम की ज़िम्मेदारी लेना; | बील-II (पु०) पानी इकट्ठा होने की नीचे की जमीन देना भार सौंपना, ज़िम्मेदारी सौपना
बीवर-अं० (पु०) ऊदबिलाव बीडिया-(वि०) बीड़ा उठानेवाला, अगुआ
बीवी-फा० (स्त्री०) बीबी, पत्नी बीड़ी-(स्त्री०) 1 पत्ती लपेटकर बनाई हुई सिगरेट जैसी वस्तु बीस-I (वि०) दस का दूना, उन्नीस से एक अधिक II (पु०) 2 छोटा बीड़ा 3 तंबाकू 4 मिस्सी
___20 की संख्या बीतना-(अ० क्रि०) 1 घटना, कम होना (जैसे-समय बीतना, | बीस-III (वि०) तुलना में बढ़कर, अच्छा (जैसे-वीरता में दिन बीतना) 2 फल भोग सहन किया जाना (जैसे-उस गरीब | वह तुमसे बीस है) पर क्या बीतेगी) 3 समाप्त होना, अंत होना
बीसना-(स० क्रि०) शतरंज आदि के खेल में बिसात बिछाना, बीती-(स्त्री०) 1 घटित घटना 2 वृत्तांत (जैसे-अपनी बीती फैलाना सुनाना)
बीसी-(स्त्री०) 1 एक प्रकार की बीस वस्तुओं का समूह 2 मि बीदर-(पु०) = बिदर
की एक नाप 3 पूरे बीघे के हिसाब से लगनेवाला लगान बीदरी-(वि०) = बिदरी
बीहड़-(वि०) 1ऊबड़ खाबड़, विषम (जै-बीहड़-भूमि) बीधा-(पु०) मालगुजारी निश्चित करना
2 बहुत विकट (जैसे-बीहड़ काम) . बीन-I (स्त्री०) 1 वीणा 2 तूमड़ी 3 तूमड़ी से निकलनेवाला | बुंदकी-(स्त्री०) 1 छोटी गोल बिंदी 2 छोटा गोल निशान शब्द 4 बाँसुरी II (वि०) देखनेवाला (जैसे-तमाशबीन)। | 3 छोटा बुंदा। दार + फा० (वि०) बँदकीवाला कार + फ़ा० (पु०) वीणावादक
बुंदा-(पु०) 1 कान में पहनने का एक गहना, लोलक 2 बड़ी बीनना-(स० क्रि०) 1चुनना (जैसे-फूल बीनना) 2 बुनना | टिकली के आकार का गोदना (जैसे-खटोला बीनना)
मुंदिया-(स्त्री०) एक प्रकार की मिठाई बीफै-(पु०) वृहस्पतिवार
बंदी-(स्त्री०) छोटा बंदा। दार + फ़ा० (वि०) बिंदिया बीभत्स-I सं० (वि०) घृण्य, गंदा II (पु०) रस जिसमें घणा | लगी हुई जाग्रत हो
बंदेलखंडी-1 (वि०) बुंदेलखंड का II (पु०) बुंदेलखंड का बीभत्सा-सं० (स्त्री०) घृणा
निवासी III (स्त्री०) बुंदेलखंड की बोली बीबी-फ़ा० (स्त्री०) 1 पत्नी 2 महिला 3 स्त्रियों का आदर | बुंदेला-(पु०) 1 बुंदेलखंड में रहनेवाले एक तरह के राजपूत सूचक शब्द
2 बुंदेलखंड के निवासी बीम-1 फ़ा० (पु०) डर, भय
बुंदेली-(स्त्री०) बुंदेलखंड की बोली बीम-II अं० (पु०) मस्तूल, शहतीर
बुआ-(स्त्री०) = बूआ बीमा-फा० (पु०) 1 ज़मानत 2 ठेका 3 ज़िम्मेदारी, इंश्योरेंस | बुआई-(स्त्री०) = बोआई (जैसे-जीवन बीमा)। ~एजेंट + अं० (पु०) बीमा कंपनी बुक-अं० (स्त्री०) किताब। डिपो (पु०) किताबघर; का दलाल, ~कंपनी + अं० (स्त्री०) जीवन बीमा पोस्ट (पु०) पुस्तक डाक; सेलर (पु०) पुस्तक करनेवाली संस्था; ~कर्ता + सं० (पु०) बीमा करनेवाला; विक्रेता; ~स्टाल (पु०) किताब की छोटी दुकान; स्टोर
क़िस्त + अ० (स्त्री०) बीमा की धनराशि का एक अंश; (पु०) पुस्तक भंडार -कत + सं० (वि०) बीमा किया गया; दार (पु०)। बुकचा-फा० (पु०) कपड़े की गठरी बीमा करानेवाला, पालिसी होल्डर; ~पत्र + सं० (पु०) = बुकची-फा० (स्त्री०) 1 छोटा बुक़चा 2 दर्जी की सूई, धागा बीमा पालिसी; ~पत्रक + सं० (पु०) बीमा करनेवाली आदि रखने की थैली संस्था एवं बीमा करानेवाले व्यक्ति के बीच हए समझौते का बुकटा-(पु०) बकोट लिखित पत्र; पालिसी + अं० (स्त्री०) बीमा करने का | बुकनी-(स्त्री०) महीन पीसा हुआ चूर्ण इकरारनामा; ~शुदा (वि०) बीमावाला
बुकवा-बो० (पु०) 1 उबटन 2 बुक्का बीमार-I फा० (पु०) मरीज II (वि०) रोगी। खाना बुकस-(पु०) भंगी, मेहतर (पु०) रोगीघर, रुग्णालय; दार (वि०) रोगी की सेवा बुकार-बो० (पु०) बरसात के बाद नदी के तट पर जमा हई करनेवाला; ~दारी (स्त्री०) रोगी की सेवा
बालू, भाट बीमारी-फा० (स्त्री०) 1 रोग, मर्ज 2 लत, दुर्व्यसन 3 झंझट बुक्का -(पु०) 1 पीसा हुआ चूर्ण 2 अबरक का चूर्ण बीया-[ (पु०) बीज II (वि०) दूसरा
बुखार-अ० (पु०) 1 ज्वर (जैसे-बुखार आना) 2 दिल का बीर-I सं० (वि०) बहादुर, वीर II (पु०) वीर पुरुष | गुबार, भड़ास बीर-III (स्त्री०) 1 स्त्रियों में प्रचलित सखी का संबोधन | बुखारी-1 अ० + फा० (स्त्री०) 1 बखार 2 दीवार में बनाई गई 2 बिरिया नामक कान का गहना
अँगीठी बीर-IV (स्त्री०) = 1 चारागाह 2 चराने का कर बुखारी-II फा० (वि०) बुखारा का रहनेवाला बीर-V अं० (स्त्री०) = बियर
बुग-I (पु०) मच्छर || (स्त्री०) कपड़ा, बुक बीर-बहटी-(स्त्री०) किलनी की जाति का गहरे लाल रंग का । | बुराचा-फा० (पु०) = बुकचा एक बरसाती कीड़ा
बुगदर-बो० (पु०) = बुग बील-I (वि०) खोखला, पोला
बुग़दा-फा० (पु०) कसाई का छुरा