________________
बित्ती
595
बिल
वित्ती-I (स्त्री०) आय आदि से धर्म-कार्य हेत् निकाला गया | बिपता-बो० (स्त्री०) विपत्ति, मुसीबत धन
बिफरना-(अ० क्रि०) 1 नाराज़ होना 2 हठ करना 3 अभिमान बित्ती-II (स्त्री०) लड़कों का एक दौड़ का खेल
में फूलना 4 लड़ने को तैयार होना बिथकना-(अ० क्रि०) 1 थकना 2 चकित होना 3 मोहित होना | बिमौरा-(पु०) बाँबी बिथरना-(अ० क्रि०) बो० 1 छितराना 2 अलग-अलग होना बियत-सं० (पु०) 1 आकाश 2 एकांत स्थान 3 नष्ट-भ्रष्ट होना
बियर-अं० (स्त्री०) जौ के रस को सड़ाकर बनाया गया शीतल बिथारना-(स० क्रि०) 1 बिखेरना 2 बोना
पेय बिथुरना-(अ० क्रि०) = बिथरना
बियाज-बो० (पु०) ब्याज, सूद बिदकना- (अ० क्रि०) 1 भड़कना 2 फटना 3 घायल होना बियाजू-बो० (वि०) 1 सूद संबंधी 2 ब्याज पर दिया जानेवाला बिदकाना-(स० क्रि०) 1 भड़काना 2 फाड़ना 3 घायल करना बियाड़-(पु०) वह खेत जिसके पौधे उखाड़ कर अन्य खेतों में। बिदर-I (पु०) विदर्भ देश II (पु०) 1 ताँबे एवं जस्ते के मेल | रोपे जाने को हों ।
से बनी उपधातु 2 इस धातु से बना बर्तन। ~साज़ + फ़ा० बियाना- ब्याना, पशुओं का बच्चा देना (पु०) बिदर का काम करनेवाला
बियाबान-फ़ा० (पु०) जंगल, वन बिदरी-(स्त्री०) बिदर के बर्तन बनाने का काम
बियाबानी-फ़ा० (वि०) 1 जंगल संबंधी 2 जंगली बिदा-अ० (स्त्री०) 1 रवानगी, रुखसत 2 गौना (जैसे-लड़की बियालू-बो० (स्त्री०) = ब्यालू विदा हो गई)। ~ई - हिं० (स्त्री०) 1 रुखसती 2 विदा के | बियावर-(वि०)/(स्त्री०) शीघ्र ही बच्चा देनेवाली समय दिया जानेवाला रुपया आदि
__ (जैसे-बियावर गाय) बिदारना-(स० क्रि०) बो० 1 फाड़ना, विदीर्ण करना 2 नष्ट | बिरंग-(वि०) 1 अनेक रंगवाला 2 बिना रंग का करना
बिरंज-I फ़ा० (पु०) 1 चावल 2 भात बिदारी कंद-सं० (पु०) बिलाई कंद
बिरंज-II फ़ा० (पु०) पीतल बिदेस-(पु०) परदेस, विदेश
बिरंजारी-फा० + हिं० (पु०) गल्ले का व्यापारी बिदेसी-(वि०) = विदेशी
बिरंजी-I फ़ा० (स्त्री०) छोटी कील II (वि०) पीतल का बिदोरना-(स० क्रि०) बो० दीनतापूर्वक दाँत खोलकर दिखाना बिरगिड-अं० (पु०) = ब्रिगेड विध-I (स्त्री०) 1 तरह, प्रकार 2 जमा एवं खर्च की मदों को बिरजिस-अं० (पु०) शिकारी पतलून मिलाना
बिरता-(पु०) बूता, सामर्थ्य बिध-II (पु०) हाथी का चारा
बिरतिया-(पु०) वैवाहिक संबंध स्थिर करने एवं सामाजिक बिधना-I (पु०) ब्रह्मा, विधाता
तथा आर्थिक स्थिति की जानकारी हेतु किसी पक्ष से दूसरे पक्ष विधना-II (अ० क्रि०) = बिंधना
की ओर भेजा गया व्यक्ति बिन-(क्रि० वि०) बगैर, बिना। -ब्याहा (वि०) जिसका | बिरदैत-I (वि०) प्रसिद्ध, मशहर II (पु०) यशस्वी योद्धा विवाह न हुआ हो
बिरव, बिरवा-(पु०) 1 पौधा 2 पेड़, वृक्ष बिनकार-(पु०) जुलाहा, बुनकर
बिरवाही-(स्त्री०) पौधों का समूह बिनत-(वि०) नम्र, झुका हुआ
बिरहा-(पु०) दो पंक्तियोंवाला भोजपुरी एक प्रसिद्ध लोकछंद बिनती-(स्त्री०) प्रार्थना, अर्ज
बिरही-(वि०) = विरही बिनन-[ (स्त्री०) चुनना, बिनना 2 कूड़ा-कर्कट II बुनावट, बिराजना-(अ० क्रि०) 1 बैठना 2 शोभित होना 3 स्थित होना
बिराजमान-(वि०) = विराजमान बिनना-1 (स० क्रि०) छाँटना, चुनना II बुनना (जैसे-खटिया | बिरादर-फ़ा० (पु०) भाई, भ्राता। ~ज़ादा (पु०) भतीजा; बिनना)
ज़ादी (स्त्री०) भतीजी बिनवट-(स्त्री०) 1 बुनावट 2 बनेठी भाँजने की क्रिया बिरादरी-फ़ा० (स्त्री०) 1 भाई चारा, बंधुत्व 2 जाति (जैसे-हिंदु बिनवाना-I (स० क्रि०) चुनवाना (जैसे-फूल बिनवाना) बिरादरी) IIबुनवाना (जैसे-खटिया बिनवाना)
बिराना-I (स० क्रि०) बो० चिढ़ाना बिना-I (क्रि० वि०) 1 बगैर 2 अतिरिक्त, सिवा 3 न रहने की | बिराना-II (वि०) = बेगाना, पराया दशा में
बिरियाँ-I (स्त्री०) समय, वक्त, बेला बिना-II अ० (स्त्री०) 1 नींव, बुनियाद 2 कारण, सबब बिरियाँ-II (स्त्री०) 1 बार, दफा 2 पारी, बारी बिनाई-II (स्त्री०) 1 चुनने का काम 2 चुनने, बिनने का बिरिया-बो० (स्त्री०) छोटी कटोरी के आकार का कान का एक पारिश्रमिक II - बुनाई
गहना, ढार बिनावट-बो० (स्त्री०) = बुनावट
बिरोजा-(पु०) गंधा बिरोजा बिनौरिया-बो० (स्त्री०) खरीफ़ के खेतों में पैदा होनेवाली एक बिल-I सं० (पु०) दांवाल, ज़मीन में बना लंबा छेद तरह की घास
(जैसे-चूहे का बिल) बिनौरी-(स्त्री०) बिनौले के छोटे टुकड़े
बिल-II अं० (पु०) प्राप्यक (जैसे-बिल चुकाना, बिल अदा बिनौला- कपास का बीज
करना)
बुनाई