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फलार
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फाँटा
निचोड़, वाला लंबाबी
फलार-बो० (पु०) फलाहार
फसद-अ० (स्त्री०) फ़स्द फलारिष्ट-सं० (पु०) फल का काढ़ा या अर्क
फसल-अ० (स्त्री०) 1 अनाज आदि की पैदावार (जैसे-रबी फलार्थी-सं० (वि०) फल की कामना करनेवाला
की फ़सल) 2 खड़े अनाज के पौधे (जैसे-फसल पक गई) फ्रलालीन, फलालेन-अं० (स्त्री०) एक तरह का मुलायम 3 मौसम, ऋतु। ~क्षेत्र + सं० (पु०) फ़सलवाला खेत; ऊनी कपड़ा
बंधक + सं० (पु०) फ़सल गिरवी रखना फलावरण-सं० (पु०) = फल-भित्ती
फ़सली-[ अ० + फ़ा० (वि०) 1 फ़सल संबंधी, फ़सल का फलाशन-I सं० (वि०) फलभोजी II (पु०) तोता 2 विशेष ऋतु में होनेवाला II (स्त्री०) हैजा नामक रोग फलाशी-सं० (वि०) फलाहारी
फ़साद-अ० (पु०) 1लड़ाई-झगड़ा 2 उत्पात, उपद्रव फलासंग-सं० (पु०) फल के प्रति आसक्ति
3 बिगाड़, खराबी। ~का घर झगड़े की जड़ फलासक्त-सं० (वि०) फलार्थी
फ़सादी-अ० + फ़ा० (वि०) फ़साद करनेवाला, झगड़ाल, फलाहार-I सं० (पु०) फल का आहार II (वि०) फल |
. उपद्रवी खाकर रहनेवाला
फ़सादे-खून-अ० + फा० (पु०) खून की खराबी,खून खराबी फलाहारी-सं० (वि०) 1 फलाहार करनेवाला 2 दूध आदि से फ़साना-फ़ा० (पु०) 1 कल्पित साहित्यिक रचना 2 उपन्यास निर्मित, अनरहित
3 कहानी। वीसू, निगार (पु०) 1कहानीकार फलिक-सं० (वि०) फल का उपभोग करनेवाला । 2 उपन्यासकार फलित-[ सं० (वि०) 1 फला हआ 2 फलीभूत II (प०) | फ़साहत-अ० (स्त्री०) भाषा का सरल एवं स्वाभाविक गुण फल - वृक्ष। ज्योतिष (पु०) ग्रह-नक्षत्रों की गति से | फ़सील-अ० (स्त्री०) चहारदीवारी
शुभाशुभ अदृष्ट बतानेवाला ज्योतिष का एक अंग फ़सीह-अ० (वि०) स्वाभाविक बोलचाल के शब्दों तथा फलितव्य-सं० (वि०) फलने योग्य
. प्रयोगों की बहुलता से युक्त फलिता-सं० (स्त्री०) रजस्वला स्त्री
फ़स्द-अ० (स्त्री०) रगों से विकारग्रस्त, गंदा रक्त निकालने की फलितार्थ-सं० (पु०) 1 निचोड़, सारांश 2 तात्पर्य
क्रिया। ल्खुलवाना 1 शरीर का गंदा खुन निकलवाना फली-(स्त्री०) 1 फल के रूप में होनेवाला लंबोतरा अंग | 2 पागलपन का इलाज़ करवाना 2 फल के आकार का लंबोतरा एवं चिपटा फल, छींबी फ़स्लेइस्तादा-अ० + फा० (स्त्री०) खड़ी फ़सल (जैसे-सेम की फली) । ~दार + फ़ा० (वि०) फलियों से | फ़स्लेखरीफ-अ० + फ़ा० + अ० (स्त्री०) सावनी फ़सल युक्त
फ़स्लेबहार-अ० + फ़ा० (स्त्री०) बसंत ऋतु फली-सं० (वि०) 1 फलयुक्त, फलवाला 2 लाभदायक। फ़स्लेरबी-अ० + फ़ा० + अ० (स्त्री०) असाढ़ी फ़सल
~करण (पु०) फटकना, माँड़ना; कृत (वि०)फटका हुआ फ़हम-अ० (स्त्री०) 1 ज्ञान 2 बुद्धि, समझ 3 तमीज़ फ़लीता-अ० (पु०) 1 पलीता 2 गोटे के साथ टाँकी जानेवाली फ़हमाइश-अ० + फा० (स्त्री०) 1 शिक्षा, सीख 2 आज्ञा, डोरी 3 बत्ती 4 ताबीज
हकम 3 चेतावनी फलीभूत-सं० (वि०) फल रूप में परिणत, फलित फहरना-(अ० क्रि०) फर-फर करके उड़ना (जैसे-फलीभूत कार्य)
फहरान-(स्त्री०) फहराना, उड़ान, उड़ना फलोत्यत्ति-सं० (स्त्री०) फल की उत्पत्ति 2 आर्थिक लाभ | फहराना-I (स० क्रि०) इस तरह फैलाना कि फर-फर करते फलोदय-सं० (पु०) 1 फल होना 2 हर्ष
हए लहराए (जैसे-धोती फहराना) II (अ० क्रि०) फलोद्भव-[सं० (वि०) फल से उत्पन्न || (पु०) फल की इधर-उधर हिलना (जैसे-हवा में झंडा फहराना) उत्पत्ति
फ़हश-फा० (वि०) फूहड़, अश्लील फलोपजीवी-सं० (वि०) फल-व्यवसाय से जीविका | फ़ॉक-(स्त्री०) 1 फल आदि का लंबोतरा टुकड़ा (जैसे-आम चलानेवाला
की फाँक) 2 नारंगी, चकोतरे आदि का प्राकृतिक रूप में फल्क-सं० (वि०) फैला हुआ
विभाजित अंश फला-सं० (वि०) 1 निस्सार 2 निरर्थक, व्यर्थ 3 क्षुद्र, तुच्छ | फाँकड़ा-(वि०) 1 बाँका, तिरछा 2 तगड़ा फल्गुन-सं० (पु०) फाल्कुन
फाँकना-(स० क्रि०) 1 चूर्ण पदार्थ को झटके से मुँह में डालना फलानी-सं० (स्त्री०) फाल्कुनी। ~भव (पु०) वृहस्पति (जैसे-सत्तू फाँकना) 2 भुने दाने खाना फल्प-सं० (पु०) 1 फूल 2 कली
फ़ॉका-(पु०) 1 = फंका। -कशी + फ़ा० (स्त्री०) भूखों, फल्ला -(पु०) एक प्रकार का रेशम
रहना फ़व्वारा-अ० (पु०) 1 अनेक छिद्रोंवाली टोंटी 2 इस टोंटी से फाँकी-I बो० (स्त्री०) 1 फंका 2 = फाँक निकलनेवाली अनेक धाराएँ
फाँकी-II (स्त्री०) छल, धोखा फसकड़ा-बो० (पु०) पैर फैलाकर बैठने का ढंग फाँट-I (स्त्री०) कई भागों में बाँटना 2 बाँटे गए भाग। बंदी फसकना-I (अ० क्रि०) 1 फट जाना, मसकना 2 फँसना II _+ फ़ा० (स्त्री०) कई भागों में बांटने की क्रिया (वि०) 1 मसकनेवाला 2 धंसनेवाला
फ़ॉट-II (वि०) आसानी से तैयार किया जानेवाला फसकाना-(स० क्रि०) 1 कपड़े का मसकना, दबाकर फाड़ना | फाँटना-I (स० क्रि०) कई भागों में बाँटना II उबालना 2 धंसाना
| फाँटा-(पु०) कोनिया