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बचना
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बझना
वचन पालन करने हेतु प्रार्थना करना; हारना प्रतिज्ञा पालन आवाज़ निकलना (जैसे-शहनाई बजना) 4 प्रसिद्ध होना के हेतु विवश होना
(जैसे-किसी के नाम का डंका बजना) 5 घंटे की सूचना देना बचना-I (अ० क्रि०) 1 शेष रहना (जैसे-केवल दस रुपए (जैसे-दस बजते में पाँच मिनट बाकी हैं) II (वि०) बचे हैं) 2 सुरक्षित रहना (जैसे-वह नदी में डूबने से बच बजनेवाला गया) 3 प्रभाव आदि से अछूता रहना (जैसे-झूठ बोलने से बजना-II (पु.) 1 बाजा 2 बजनेवाली वस्तु बचना) 4 सामना न करना (जैसे-दुश्मन से बचना) बजनियाँ-(पु०) = बजंत्री II (स० क्रि०) कहना, बोलना
बजनी-I बो० (वि०) बजनेवाला बचपन-(पु०) लड़कपन, बाल्यावस्था
बजनी-II (स्त्री०) मार-पीट, उठा-पटक बचपना-(पु०) सयाने लोगों द्वारा किया गया शिशु-कार्य | बजनूं-(वि०) = बजनी | बचवा-बो० (पु०) बच्चा, बालक
बजबजाना-(अ० क्रि०) सड़ने आदि के कारण बुलबुले उठना बचवैया-(वि०) रक्षक
(जैसे-दही का बजबजाना) बचश्म-फा० (क्रि० वि०) आँखों से
बजमारा-बो० (वि.) 1 वज्र से आहत 2 बहुत अभागा बचा-खुचा-(वि०) अवशिष्ट, रहा-सहा
बजरंग-I (वि.) 1 अत्यंत शक्तिशाली एवं हृष्ट-पुष्ट 2 वज्र के बचाना-(स० क्रि०) 1 शेष रखना, बचा लेना (जैसे-खर्च समान कठोर अंगोंवाला II (पु०) हनुमान। बली (पु०) करते समय कुछ रुपए बचाना) 2 रक्षा करना 3 अलग रखना हनुमान 4 छिपाना 5 संपर्क में न आने देना (जैसे-आँख बचाना) बजर-I (वि०) 1 बहुत मज़बूत, पक्का 2 कठोर II (पु०) = बचा-बचाया-(वि०) जो कुछ बचा या बचाया हआ वज्र । बट्ट (पु०) एक प्रकार के वृक्ष के फूल का दाना; बचाव-(पु०) 1 बचने की अवस्था 2 रक्षा, त्राण 3 बचने हेतु हड्डी (स्त्रो०) घोड़े का एक रोग किया गया प्रयत्न । -घर (पु०) रक्षा-गृह; पक्ष + सं० - बजरा-I (पु०) कमरे के आकार की बड़ी नाव (पु०) सफ़ाई पेश करनेवाले लोग।
बजरा-II (स्त्री०) बाजरा बचून-(पु०) भालू का बच्चा, कलंदर
बज़रिया-फा० + अ० (अ०) के द्वारा बच्चा-I फ़ा० (पु०) 1 नवजात शिशु (जैसे-बिल्ली का बजरी-I (स्त्री) 1 कंकड़ी 2 ओला 3 छोटा कंगूरा । बच्चा) 2 मानव जाति का कम अवस्था का प्राणी (जैसे-तीन | बजरी-II बो० (स्त्री०) बाजरा वर्ष का बच्चा) II (वि०) 1कम उमरवाला 2 नादान। | बजवाई-(स्त्री०) 1 बाजा बजवाने का कार्य 2 बाजा बजवाने
कश (वि०) बहुत बच्चे जननेवाली; कशी (स्त्री०) का पारिश्रमिक बार-बार बच्चे देना; ~कुशी (स्त्री०) शिशु हत्याः खाना बजवाना-(स० क्रि०) 1 बाजा बजाने में प्रवृत्त करना 2 बजाने (पु०) बालघर; ~गाड़ी + हिं० (स्त्री०) बाबागाड़ी: ~घर का काम करवाना + हिं० (पु०) बच्चा-खाना; ~बाज़ (वि०) लौंडेबाज़; बजवैया-(पु०) = बजंत्री बाज़ी (स्त्री०) लौंडेबाज़ी
बजा-फा० (वि०) 1 उचित 2 दुरुस्त एवं शुद्ध बच्चू-(पु०) अरे बेटा
बज़ाज़-अ० (पु०) कपड़े का व्यापारी (जैसे-बज़ाज़ की बच्चे कच्चे-(पु०) छोटे-बड़े बच्चे
दुकान) बच्छ, बच्छा, बछड़ा-(पु०) गाय का बच्चा, बछवा बज़ाज़ा-अ० + फा० (पु०) कपड़ों का बाज़ार बछिया-(स्त्री०) गाय का मादा बच्चा। ~का ताऊ बज़ाज़ी-अ० + फ़ा० (स्त्री) 1 बज़ाज़ का काम 2 कपड़ा 1 सीधा-सादा 2 मूर्ख
बेचने का व्यवसाय बछेड़ा-(पु०) घोड़े का बच्चा
बजान-फा० (क्रि० वि०) जान से बछेड़ी-(स्त्री०) घोड़े का मादा बच्चा
बजाना-I (स० क्रि०) 1 आवाज़ निकालना (जैसे-सीटी बछौंटा-बो० (पु०) हिस्से के मुताबिक लगाया गया चंदा बजाना) 2 आघात से ध्वनि उत्पन्न करना (जैसे-घंटा बजाना) बजंत्री-(पु०) 1 बाजा बजानेवाला. बजनियाँ 2 बाजा 3 लड़ाई-झगड़ा करना (जैसे-लाठियाँ बजाना) बजानेवालों की मंडली
4 जाँचना-परखना (जैसे-ठोंकना-बजाना) बजकना-(अ० क्रि०) बो० बजबजाना
बजाना-II फ़ा० + हिं० (स० क्रि०) पालन करना बजका-बो० (पु०) = बचका
(जैसे-हुक्म बजाना) बजट-अं० (पु०) आय-व्यय का लेखा, आय-व्यय पत्रक। । बजाय-फ़ा० (क्रि० वि०) बदले में
~अधिवेशन + सं० (पु०) आय व्यय पर विचार करने हेतु बजिंस-फ़ा० + अ० (क्रि० वि०) हुबहू, ज्यों का त्यों बुलाई गई बैठक; ~प्रणाली + सं० (स्त्री०) आय-व्यय की बजूखा-(पु०) 1 बिजूखा 2 बिजूका व्यवस्था; ~ व्यवस्था + सं० (स्त्री०) आय-व्यय संबंधी बज़ोर-फ़ा० (क्रि० वि०) ज़बरदस्ती, बलपूर्वक (जैसे-बज़ोर प्रबंध
छीन लेना) बजड़ना-(स० क्रि०) बो० 1 टकराना 2 पहुँचना बज्जात-(वि०) 1 बदज़ात, दुष्ट 2 कमीना बजड़ा-(पु०) = बजरा I
बज्म-फा० (स्त्री०) 1सभा 2 गोष्ठी बजना-I (अ० क्रि०) 1 ध्वनि निकलना (जैसे-घंटा बजना) बझना-(अ० क्रि०) बो० 1 बँधना 2 उलझना, फँसना 3 ज़िद 2 आघात लगना (जैसे-सिर पर डंडा बजना) 3 बाजे से । करना, हठ करना