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बमकना
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(पु० ), वर्षा + सं० (स्त्री०) बमों की वर्षा करना, बहुत अधिक बम फेंकना वर्षी + सं० (वि०) = बमबाज़; ~ विस्फोट + सं० (पु०) बम फटना; -वृष्टि (स्त्री०) बम की वर्षा
सं०
+
बमकना - (अ० क्रि०) 1 ज़ोर से बोलना 2 डींग हाँकना बमपुलिस-अं० (स्त्री० ) पुलिस बमलाना - (स० क्रि०) बोलने के लिए बढ़ावा देना बमीठा - (पु० ) बाँबी
+
अ० ( क्रि० वि०) कठिनता से
अ० ( क्रि० वि०) अनुसार
+
बमुश्किल - फ़ा० बमूजिब - फ़ा० बयँहत्था - ( पु० ) बाएँ हाथ से काम करनेवाला बया - I ( पु० ) गौरैया से मिलती-जुलती एक चिड़िया ( जैस-बया का घोंसला)
बया - II ( पु० ) अनाज तौलनेवाला, तौलैया
बयाई - (स्त्री०) 1 बया का काम 2 तौलने की मज़दूरी, तौलाई बयान - अ० (पु० ) 1 चर्चा, ज़िक्र 2 हाल, वृत्तांत 3 अदालत में दिया गया वक्तव्य (जैसे- बयान देना) बयाना - अ० + फ़ा० (पु० ) पेशगी, अग्रिम धन बयाबान - फ़ा० ( पु० ) 1 सुनसान जगह 2 जंगल बयाबानी-फ़ा० (वि) 1 जंगली 2 वनवासी बयार - ( स्त्री०) हवा, पवन
बयारा - (पु० ) 1 हवा का झोंका 2 अंधड़, तूफान बयाला - (पु० ) 1 बाहरी दृश्य देखने के लिए दीवार में बनाया गया छेद 2 आला, ताखा 3 किले की दीवार पर तोप रखने का बना स्थान 4 पाटे हुए स्थान के नीचे की खाली जगह बयालीस - I (वि०) चालीस से दो अधिक II (पु० ) 42 की संख्या
बयासी - I (वि०) अस्सी से दो अधिक II (पु० ) 82 की
संख्या
बरंगा - बो० ( पु० ) 1 पत्थर की पटिया 2 धरन पर लगाई जानेवाली लकड़ी
बरधा
बर - II ( पु० ) बरगद, वट वक्ष
बर - III फ़ा० ( पु० ) वृक्ष का फल
बर - IV फ़ा० (वि०) 1 फल से युक्त 2 उत्तम श्रेष्ठ । ~ क़रार + अ० (वि०) 1 स्थिर, कायम 2 मौजूद, उपस्थित 3 जीवित 4 दृढ़; ~ ख़ास्त (वि०) 1 पदच्युत (जैसे-नौकरी से बरखास्त किया जाना) 2 समाप्त; ख़ास्तगी (स्त्री०) 1 समाप्ति 2 बरखास्त होने की अवस्था; खिलाफ + अ० I ( क्रि० वि०) उलटे, प्रतिकूल, विपरीत II ( वि० ) ख़िलाफ़ ज़बान (वि०) रटा हुआ, कंठस्थ; तर (वि०) अधिक अच्छा, श्रेष्ठतर; तरफ़ + अ० I (वि०) 1 अलग 2 पद से बरखास्त किया हुआ II ( क्रि० वि०) एक ओर, अलग, दूर; तरफ़ी + अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 पद च्युति 2 पद से हटाया जाना; ~तरी (स्त्री०) उच्चता, श्रेष्ठता ~दार (वि०) उठानेवाला; ~दारी (स्त्री०) ढोना, उठाना; ~दाश्त (स्त्री०) सहनशीलता, सहन बाद (वि०) 1 नष्ट 2 तबाह, चौपट नाश हुआ ~बादी (स्त्री०) विनाश, तबाही - वक़्त + अ० ( क्रि० वि०) समय पर मौक़े पर
बरई - बो० ( पु० ) तमोली बरकंदाज़- अ० + फ़ा० (पु० ) 1 चौकीदार 2 बंदूकधारी सिपाही
बरकत - अ० (स्त्री०) 1 बढ़ती, वृद्धि 2 लाभ 3 अनुग्रह, कृपा (जैसे- गुरु के क़दमों की बरकत) 4 बहुतायत बरकती - अ० + फ़ा० (वि०) 1 बरकतवाला 2 बरकत के रूप में माना जानेवाला (जैसे-बरकती रुपया ) बरकना - ( अ० क्रि०) 1 अलग रखा जाना 2 घटित न होना 3 बचाया जाना बरकरार - फ़ा बरकाना - (स० क्रि०) 1 बचाना, निवारण करना (जैसे-झगड़ा बरकाना) 2 अलग रखना 3 रोकना, मना करना बरकाव - (पु० ) बचाव (जैसे- वार का बरकाव कर देना) बरखा - (स्त्री०) 1 वर्षा, बारिश 2 बरसात (जैसे- बरखा होना, बरखा का मौसम )
(वि०) कायम, स्थिर
बरखाना - (स० क्रि०) बरसाना 'बरखुरदार- I फ़ा० (वि०) II ( पु० ) पुत्र
बरगद - (पु० ) बड़ का पेड़, बट-वृक्ष बरगा - (वि०) प्रकार का, तरह
1 आज्ञाकारी 2 संपत्र
बरगेल - ( पु० ) एक प्रकार का लवा पक्षी बरचर - (पु० ) देवदार की एक जाति बरच्छा - (पु० ) विवाह निश्चित करने की एक रस्म बरछा - ( पु० ) भाला नामक अस्त्र बरछी - (स्त्री०) छोटा बरछा
बरछेदार - हिं० + फ़ा० (पु०) बरछा धारण करनेवाला व्यक्ति बरछैत- (पु०) बरछा रखनेवाला
बरजना -बो० (स० क्रि०) 1 मना करना, रोकना 2 त्यागना 3 प्रयोग न करना
बरज़ोर - (वि०) 1 प्रबल 2 अत्याचारी 3 ज़बरदस्ती 4 बहुत कठिन
बर-I (पु०) 1 दूल्हा, वर 2 अभिलाषा, कामना की पूर्ति हेतु बरज़ोरी - ( स्त्री०) बल प्रयोग
कहा गया वचन, वरदान, आशीर्वाद
बरटना - बो० (अ० क्रि०) सड़ना बरत - I (स्त्री०) डोरी, रस्सी बरत - II ( पु० )
व्रत
बरतन - (पु० ) 1 धातु, मिट्टी आदि का बना पात्र (जैसे- थाली, लोटा, कुल्हड़ आदि को बरतन कहते हैं) । ~भाँड़ा (पु० ) बरतन आदि
बरतना - I (अ० क्रि०) बर्ताव किया जाना II (स० क्रि०) 1 व्यवहार में लाना 2 बर्ताव करना बरतनी - (स्त्री०) शब्द का वर्णक्रम बरताना - (स० क्रि०) बाँटना बरताव - ( पु० ) व्यवहार
बरदना, बरदाना - I (स० क्रि०) गाय, भैंस आदि पशुओं का संभोग कराना, जोड़ा खिलाना II जोड़ा खाना, गाभिन होना बरदाफ़रोश - फ़ा० (पु०) दासों, गुलामों का व्यापारी बरदाफ़रोशी-फ़ा० (स्त्री०) दास व्यापार, गुलाम- पेशा बरदौर - (पु० ) बरध-मुतान - (स्त्री०) गो-मूत्रिका बरधा - बो० (पु०) बैल
= बथान