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पेटक
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पेराई
भोजन करना, खाना; वाली (वि०)/(स्त्री०) गर्भवती। | पेटेंट-अं० (वि०) जो किसी विशिष्ट नाम से प्रसिद्ध हो तथा
का गहरा भेद प्रकट न करनेवाला; काटना 1 कंजूसी | जिसे उक्त विशिष्ट नाम से बनाने एवं बेचने का एकाधिकार करना 2 कम पारिश्रमिक देना; ~ का धंधा जीविका; का | प्राप्त हो (जैसे-पेटेंट दवाएँ) पानी न पचना कोई बात पूछे बिना न रहा जाना; ~का पानी पेट्रोल-[ अं० (पु०) वाहन आदि के चलने हेतु प्रयोग किया न हिलना कुछ भी श्रम न करना; का हल्का जो गंभीर न | जानेवाला खनिज तेल (जैसे-मोटर में दस लीटर पेट्रोल डाल हो; का हाल तहे दिल की बात; की आग भूख, देना) क्षधा; की आग बुझाना भूख शांत करना, भूख मिटाना; | पेट्रोल-II अं० (१०) 1 घूम-घूम कर पहरा देना 2 पहरा
की बात रहस्य की बात; ~की मार मारना आहार न देनेवाला सैनिक देना, भूखा रखना; खलाना 1 भूखा होने का संकेत करना | पेट्रोलियम-अं० (पु०) पेट्रोल 2 अत्यधिक दीनता प्रकट करना; ~गदराना गर्भ का लक्षण पेठा-(पु०) 1 सफ़ेद कुम्हड़ा 2 सफ़ेद कुम्हड़े की मिठाई प्रकट होना; --गिरना गर्भपात होना; गिराना गर्भपात पेड़-(पु०) वृक्ष, दरख्त। -काट के पल्लव सींचना करना; चलना दस्त होना; छंटना पेट का मल रहित | अनुपयुक्त काम करना; बोये पेड़ बबूल का तो आम कहाँ होना; छूटना - पेट चलना; ~जलना भर पेट भोजन न | से खाय कर्म के अनुसार फल प्राप्त होना मिलना; दिखाना भूखे रहने का संकेत करना; देना भेद | पेडल-अं० (पु०) साइकिल आदि का वह अंग जिसपर पैर की बात बताना; पालना किसी तरह पेट का निर्वाह करना; | रखा जाता है ~पीठ एक हो जाना बहुत कमजोर हो जाना; ~पीठ से | पेड़ा-(पु०) खोए और चीनी के मिश्रण से बनी एक प्रसिद्ध लगना क्षीण हो जाना; फूलना ।बेचैन हो उठना 2 गर्भ गोलाकार चिपटी टिकिया के आकार की मिठाई रहना; ~मसोसकर रह जाना कुढ़कर रह जाना; | पेड़ी-(स्त्री०) 1 छोटा पेड़-पौधा 2 पान की पुरानी बेल 3 ऐसा
~मसोसना भूखा रहना; ~मारकर मरना आत्महत्या खेत जिसमें से ऊख की फसल कट चुकी हो और जिसे करना; ~में घुसना भेद जानने के लिए घनिष्ठ मित्र बनाना; | जोतकर गेहूँ आदि बोने के योग्य बनाया गया हो ~में चूहे कूदना, ~में चूहे दौड़ना भूख से व्याकुल होना, पेडू-(पु०) 1 मानव शरीर में नाभि के नीचे तथा मूत्रंद्रिय से बहुत ज़ोर से भूख लगना; ~डालना खा जाना, हड़प जाना; ऊपर का स्थान 2 गर्भाशय। -की आँच 1 स्त्री के मन में
में दाढ़ी होना अल्प आयु में अत्यधिक बुद्धिमान होना; होनेवाली काम वासना 2 केवल कामुकता के कारण पुरुष के
रखना गर्भवती कर देना; रहना गर्भ रहना; ~से पाँव साथ होनेवाली आसक्ति निकालना भले आदमी का मार्ग में प्रवृत्त होना पेदड़ी-बो० (स्त्री०) = पिद्दी पेटक-सं० (पु०) 1 पिटारा, मंजूषा 2 संदूक
पेन-अं० (पु०) धातु की निब लगी कलम पेटकैयाँ-(क्रि० वि०) पेट के बल
पेनल-अं० (पु०) = पैनल। ~कोड (पू०) दंड संहिता पेटल-(वि०) बहुत बड़े पेटवाला, तोंदल
पेनल्टी-अं० (स्त्री०) दंड। ~अंक + सं० दंड स्वरूप कटा पेटा-(पु०) 1 गहरी वस्तु का मध्य भाग, बीच का हिस्सा | अंक 2 वस्तु का भीतरी भाग 3 गर्भ 4 घेरा, वृत्त 5 फैलाव, विस्तार | पेनिसिलिन-अं० (पु.) एक प्रतिजैविक दवाई 6 शीर्षक के अंतर्गत होनेवाला अंश 7 शीर्षक के अंतर्गत | पेन्शन-अं० (स्त्री०) निवृत्ति वेतन। ~याफ्ता +फ़ा० (पु०) लिखा हुआ विवरण 8 वह गड्ढा जिसमें नदी बहती है 9 नदी पेंशन पाया हुआ, निवृत्त का पाट 10 उड़ती पतंग का वह भाग जो ढीला पड़कर नीचे पेन्शनर-अं० (पु०) निवृत्ति वेतन भोगी लटक जाता है। छोड़ना उड़ती हई पतंग का बीच में से | पेन्सिल-अं० (स्त्री०) मसाले की बत्ती भरी हुई लकड़ी का बना झूल जाना; ~तोड़ना अपनी पतंग की डोर से दूसरे की पतंग ___ पतला गोलाकार लंबा उपकरण (जैसे-काग़ज़-पेंसिल लाओ) की डोर- काट देना
पेपर-अं० (पु०) 1 काग़ज़ 2 समाचार पत्र, अखबार पेटारा-(पु०) = पिटारा
3 दस्तावेज आदि विधिक पत्र 4 प्रश्न पत्र । ~बोर्ड (प०) पेटारी-(स्त्री०) = पिटारी
दफ़्ती, गत्ता पेटिका-सं० (स्त्री०) 1 छोटी पेटी 2 छोटी पिटारी पेपरमाशी-फ्रैंच (पु०) काग़ज़ की लुगदी से बनाई गई पेटिया-(पु०) दैनिक भत्ता
कलाकृतियाँ पेटी-I (स्त्री०) 1 मानव शरीर में छाती एवं पेड़ के मध्य का | पेपरमिंट-अं० (स्त्री०) = पिपरमिंट उभार जो प्रायः कुछ आगे निकल आता है तथा जिसमें त्रिबली | पेमेंट-अं० चुकाया जाना, भुगतान की तरह दो-तीन बल पड़ जाते हैं 2 कमर में लपेटकर बाँधने | पेम्फलेट-अं० (पु०) = पम्फलेट का तस्मा, कमरबंद 3 चपरास लगा हुआ तस्मा 4 बुलबुल के | पेय-I सं० (वि०) जो पीने योग्य हो II (पु०) पीने योग्य तरल कमर में बाँधा जानेवाला तागा। ~दार + फ़ा० (वि०) पदार्थ। -जल (पु०) पीने का पानी पेटी-II (स्त्री०) 1 छोटा संदूक, संदूकची 2 छोटी पिटारी | पेयूष-सं० (पु०) 1 गाय के ब्याने के दिन से सात दिन तक का पेटी कोट-अं० (पु०) साड़ी के नीचे पहना जानेवाला छोटे | दूध, पेउस 2 ताजा घी 3 अमृत घेरेवाला घाघरा, साया
पेरना-I (स० क्रि०) कोल्हू आदि में दबाकर पदार्थ का रस पेटू-(वि०) 1 बहुत अधिक खानेवाला 2 जो हमेशा खाने के ही | निकालना II (स० क्रि०) प्रेरित करना चक्कर में पड़ा रहे, भुक्खड़
। पेराई-(स्त्री०) 1 पेरने की क्रिया 2 पेरने की मजदूरी