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प्रकरण
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प्रकृतत्व
3 खिला हुआ फूल 4 अधिकार 5 सहायता, मदद 6 दोस्ती, विश्लेषण एवं विवेचन होता है; वर्ष (पु०) एक वर्ष में मित्रता 7 गुलदस्ता
प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी, लाइट ईयर; ~वान् (वि०) = प्रकरण-सं० (पु०) 1 प्रसंग, संदर्भ 2 ग्रंथ पुस्तक का वह भाग प्रकाशमान; ~व्यवस्था (स्त्री०) रोशनी का प्रबंध जिसमें एक विषय का प्रतिपादन हो, परिच्छेद 3 निर्माण, रचना -शिखा (स्त्री०) प्रकाश की लौ; स्तंभ (१०) रोशनी 4 वर्णन, प्रतिपादन 5 उत्पन्न करना, अस्तित्व में लाना 6 ऐसा का मीनार ग्रंथ जिसमें शास्त्र के सिद्धांत का प्रतिपादन हो
प्रकाशक-[ सं० (वि०) 1 प्रकाश उत्पन्न करनेवाला प्रकरणी-सं० (स्त्री०) नाटिका
2 प्रकाशित करनेवाला II (पु०) 1 सूर्य 2 समाचार पत्र, प्रकरी सं० (स्त्री०) 1 नाटक में अवांतर कथा की सहायता से | पुस्तकों आदि को प्रकाशित करनेवाला कथा-वस्तु का प्रयोजन सिद्ध करना 2 नाटक में वह प्रकाशकीय-सं० (पु०) प्रकाशक संबंधी छोटी-छोटी प्रासंगिक कथाओं में से एक जो समय-समय पर प्रकाशन-I सं० (पु०) 1 प्रकाश करने की क्रिया 2 प्रकट बीच में आकर मुख्य कथा की सहायक बनकर समाप्त हो करने की क्रिया 3 ग्रंथ आदि छपवाकर बेचने एवं प्रचारित जाती हैं, प्रासंगिक कथा वस्तु 3 एक तरह का गान करने का व्यवसाय II (वि.) 1 प्रकाश करनेवाला प्रकर्ष-सं० (पु०) 1 उत्कर्ष, उत्तमता 2 अतिरेक, अधिकता 2 दीप्तिमान्। प्रतिबंध (पु०) प्रकाशन पर रोक; प्रकर्षण-सं० (पु०) 1 पीछे ढकेलना 2 अशांत करना, क्षुब्ध प्रतिबंधक (पु०) प्रकाशन पर रोक लगानेवाला; करना 3 बहुतायत
~व्यवसाय (पु०) प्रकाशन का कार्य, धंधा; शाला प्रकर्षित-सं० (वि०) 1 खींचा हुआ 2 क्षुब्ध किया हुआ (स्त्री०) जहाँ प्रकाश कार्य होता हो, प्रेस; स्वामित्व (पु०) प्रकर्षी-सं० (वि०) 1 उत्कृष्ट, श्रेष्ठ 2 नेतृत्व करनेवाला प्रकाशन की मिल्कियत प्रकलना-सं० (स्त्री०) निश्चयन
प्रकाशनार्थ-सं० (वि०) प्रकाशन के निमित्त प्रकल्पित-सं० (वि०) 1जिसकी प्रकल्पना हई हो 2 निश्चित प्रकाशनालय-सं० (पु०) - प्रकाशनशाला एवं स्थिर किया हुआ
प्रकाशिकी-सं० (स्त्री०) प्रकाश विज्ञान प्रकल्प्य-सं० (वि०) 1 जो प्रकल्पना किए जाने योग्य हो | प्रकाशित-सं० (वि०) 1 प्रकाशयुक्त, प्रकाशवान् 2 जो छापा 2 निश्चित किए जाने योग्य
एवं प्रचारित किया गया हो 3 चमकता हुआ प्रकांड-सं० (वि०) 1विशाल 2 बहुत अधिक, विस्तृत | प्रकाशी-सं० (वि०) 1 चमकता हुआ 2 प्रकाश करनेवाला 3 उत्तम, श्रेष्ठ (जैसे-प्रकांड विद्वान)
प्रकाशीय-सं० (वि०) रोशनी का प्रकाम-[सं० (वि०) 1 जितना आवश्यक हो, उतना 2 यथेष्ठ प्रकाश्य-[ सं० (वि०) 1 प्रकाश में लाए जाने योग्य 2 प्रकट 3 जिसमें अत्यधिक काम वासना हो II (पु०) 1 इच्छा, करने योग्य II (अ०) प्रकट रूप से, स्पष्ट रूप से कामना 2 तृषित
प्रकिरण-सं० (पु०) 1 फैलाना, बिखेरना 2 मिश्रण, मिलाना प्रकार-[ सं० (पु०) 1 भेद, किस्म 2 रीति, ढंग (जैसे-किस प्रकीर्ण-[ सं० (वि०) फैला हुआ, विस्तृत 2 छितराया हुआ, प्रकार करना होगा) 3 सादृश्य 4 विशेषता II (स्त्री०) प्राकार बिखरा हुआ 3 मिला हुआ, मिश्रित 4 अस्त-व्यस्त किया हुआ (प्राचीर)
II (पु०) 1 पुस्तक का अध्याय 2 अनेक प्रकार की वस्तुओं प्रकारांतर-सं० (पु०) दूसरी तरह
का मिश्रण 3 बिखेरना प्रकालन-1 सं० (वि०) 1 पीछा करनेवाला 2 हिंसक प्रकीर्णन-सं० (पु०) छितराना. बिखेरना II (पु०) हिंसा करना, मार डालना
प्रकीर्तन-सं० (पु०) 1 घोषणा 2 ज़ोर-ज़ोर से कीर्तन करना प्रकाश-[ सं० (पु०) 1 रोशनी (जैसे-सूर्य का प्रकाश) ___ 3 यश का गान, प्रशंसा 2 ज्योति, रोशनी (जैसे-आँखों का प्रकाश मंद पड़ गया) प्रकीर्तना-सं० (स्त्री०) उल्लेख करना, नाम लेना 3 वह स्रोत जिससे हमारी दृष्टि शक्ति वस्तु को देखने में सफल प्रकीर्ति-सं० (स्त्री०) 1 ख्याति, यश 2 घोषणा होती है (जैसे-दीपक का प्रकाश) 4 ऐसा तत्त्व जिससे किसी प्रकीर्तित-सं० (वि०) 1 प्रशंसित 2 जिसकी घोषणा की गई हो विषय का ज्ञान स्पष्टतः समझ में आता हो (जैसे-विद्या का प्रकुपित-सं० (वि०) अति क्रुद्ध प्रकाश) 5 ख्याति, प्रसिद्धि 6 सूर्य का आतप, धूप 7 किरण प्रकुल-सं० (पु०) सुंदर शरीर 8 ग्रंथ आदि का कोई अध्याय 9 ज्योतिष्मान् पदार्थों से उत्पन्न प्रकृत-सं० (वि०) 1 जो प्रकृति से उत्पन्न हुआ हो, प्रकृतिजन्य होनेवाली शक्ति जो आकाशतत्त्व के द्वारा चारों ओर फैलती है, __ (जैसे-प्रकृत झीलें, प्रकृत वनस्पतियाँ) 2 जिसमें कोई बनावट, आलोक, द्योत, उजेला II (वि०) 1 जगमगाता हुआ, दीप्त, कृत्रिमता न हो 3 जो स्वभाव के आधार पर हो, स्वाभाविक प्रकाशित 2 खिला हुआ, विकसित 3 गोचर, प्रत्यक्ष 4 प्रसिद्ध (जैसे-प्रकृत संवेदनशीलता) 4 सहज, साधारण, नार्मल 5 खुला हुआ, स्पष्ट । काम (वि०) ख्याति का इच्छुक; 5 वांछनीय, संगत। ज (वि०) प्रकृत से उत्पन्न, ~वाद
कौंध - हिं० (स्त्री०) रोशनी की झलक; गृह (पु०) (पु०) आधुनिक साहित्य में यथार्थवाद का बढ़ा हुआ रूप रोशनी घर; परावर्तक (पु०) प्रकाश को परावर्तित जिसमें समाज के प्रायः नग्न चित्र उपस्थित करना सही समझा करनेवाला; -पुंज (पु०) ढेर सारी रोशनी; ~प्रक्षेपक जाता है; ~वादी [ (वि०) प्रकृतवाद संबंधी, प्रकृतवाद का (पु०) रोशनी फेंकनेवाला यंत्र; ~मान् (वि०) 1 चमकता II (पु०) प्रकृतवाद का अनुयायी हुआ, चमकीला 2 प्रसिद्ध, विख्यात; रसायन (पु०) | प्रकृतत्व-सं० (पु०) 1 प्रकृति होने की अवस्था 2 असलियत, रसायन शास्त्र की वह शाखा जिसमें प्रकाश की किरणों का | यथार्थता