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पौरिया
पौरिया - (पु० ) द्वारपाल, ड्योढ़ीदार, दरबान पौरी - (स्त्री०) ड्योढ़ी
पौरुष - I सं० (वि०) 1 पुरुष की शक्ति 2 पुरुष से संबंध रखनेवाला II (पु०) 1 पुरुष होने का भाव 2 पुरुष में सामान्य रूप से होनेवाले गुण (जैसे- शौर्य तो पौरुष का प्रतीक है ) 3 पुरुष का कर्म, पुरुषार्थ
पौरुषेय - I सं० (वि०) 1 पुरुष संबंधी, पुरुष का 2 मनुष्य निर्मित, मनुष्यकृत II ( पु० ) 1 पुरुष कर्म, पुरुषार्थ 2 जनसमुदाय
पौरुष्य-सं० (पु० ) पौरुष
पौरेय - सं० ( पु० ) नगर के समीप का स्थान पौरोहित्य -सं० ( पु० ) 1 पुरोहित का काम 2 पुरोहितों का
समाज
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पौर्णमासिक-सं० (वि०) 1 पूर्णिमा संबंधी 2 पूर्णिमा के दिन होनेवाला
पौर्णमासी-सं० (स्त्री०) पूर्णिमा पौर्वदैहिक - सं० (वि०) 1 पूर्व जन्म- संबंधी 2 पूर्व जन्म में किया हुआ
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पौर्वपदिक-सं० (वि०) पूर्वपद से संबंध रखनेवाला पौर्वात्य -सं० (वि०) 'पाश्चात्य' के अनुकरण पर बना हुआ अशुद्ध शब्द, दे० शुद्ध रूप 'पौरस्तय'
पौर्वापर्य - सं० (पु० ) 1 पूर्वापर का भाव, पूर्वापरता 2 अनुक्रम, सिलसिला
पौर्वदैहिक सं० (वि०) पूर्वाद्ध संबंधी
पौर्विक-सं० (वि०) 1 पहले का 2 जो पहले किया जाने को हो पौल - (स्त्री०) 1 पोल 2 बड़ा दरवाज़ा
पौला - ( पु० ) एक प्रकार की खड़ाऊँ जिसमें खूँटी की जगह रस्सी लगी होती है पौलिया - (पु० ) पौरिया
पौली - I (स्त्री०) पौरी, ड्योढ़ी
पौली-II (स्त्री०) 1 पैर का तलुआ 2 पैर का निशान, पद-चिह्न पौष्कर-सं० (वि०) पुष्कर संबंधी
पौष्टिक - I सं० (वि०) शक्तिवर्द्धक, पुष्ट करनेवाला II (पु० ) धन-जन की वृद्धि करनेवाले कर्म । ~ता (स्त्री०) शक्तिवर्द्धकता
पौष्प - I सं० (वि०) पुष्प संबंधी, फूल का II (पु० ) 1 फूलों
प्रकर
प्यादा - I फ़ा० ( पु० ) 1 पैदल चलनेवाला व्यक्ति, पदाति 2 पैदल चलनेवाला सैनिक 3 शतरंज की एक गोट, पैदल II (वि०) जो पैदल चल रहा हो
के रस से बनाया जानेवाला मद्य 2 पुष्प रेणु, पराग पौसरा, पौसला - (पु० ) जहाँ लोगों को परोपकार की दृष्टि से पानी पिलाया जाता है ऐसा स्थान, प्याऊ
पौसार - ( स्त्री०) करघे में की वह लकड़ी जिसे पैर से दबाने पर राछ ऊँचा - नीचा होता है
पौसेरा - ( पु० ) 1 पाव सेर की तौल 2 एक पाव का बाट पौहारी - I (वि०) जो केवल दूध पीता हो II (पु० ) केवल दूध पीनेवाला व्यक्ति प्याऊ - I ( पु० ) पौसला II (वि०) पानी पिलानेवाला प्याज़ - फ़ा० (पु० ) 1 एक प्रसिद्ध छोटा पौधा जिसमें गुच्छे के रूप में सफेद फूल लगता है 2 उक्त पौधे का गोल गाँठ के रूप में लगनेवाला कंद
प्याज़ी - I फ़ा० (वि०) प्याज़ के ऊपरी छिलके के रंग का, हल्का गुलाबी II ( पु० ) हल्का गुलाबी रंग
प्यानो-अं० ( पु० ) एक तरह का पश्चिमी बाजा प्यायन - I सं० (पु० ) वृद्धि, वर्द्धन II (वि०) शक्ति-वर्द्धक प्यपित सं० (वि०) 1 जिसकी वृद्धि हुई हो, बढ़ा हुआ 2 जिसकी शक्ति बढ़ गई हो 3 जो मोटा हो गया हो 4 जो तृप्त किया गया हो
प्यार - ( पु० ) 1 प्रीति, मुहब्बत 2 प्रेम पूर्वक किया जानेवाला आलिंगन, चुंबन आदि, प्रेम सूचक स्पर्श 3 लाड़-प्यार प्यारा - (वि०) 1 जिसे प्यार किया जाए, जो प्रेम का पात्र देखने में अच्छा एवं भला लगे (जैसे-उनके गोद में एक प्यारा बच्चा सो रहा था) 3 जिसके प्रति अत्यधिक प्रेम एवं मोह हो (जैसे-जीवन सबको प्यारा होता है)
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सं० (पु० ) यह
प्याला - फ़ा० (पु० ) 1 चीनी मिट्टी, धातु आदि का बना कटोरी के आकार का पात्र (जैसे- चाय का प्याला) 2 शराब पीने का कटोरीनुमा विशेष पात्र, जाम 3 कटोरीनुमा पात्र में भरा हआ तरल पदार्थ (जैसे-प्याला छलक गया) जुलाहों का नरी भिगोने का बर्तन 5 भिक्षा पात्र । ~ वाद मत कि प्याले पर प्याला आते रहना चाहिए; (पु० ) प्यालावाद का समर्थक। ~देना शराब पिलाना; पीना शराब पीना; बहना गर्भपात होना; भरना आयु पूरी होना प्याली - फ़ा०
वादी + सं०
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हिं० (स्त्री०) छोटा प्याला
प्यास - (स्त्री०) 1 पिपासा, तृष्णा 2 उत्कट इच्छा । बुझाना इच्छा की पूर्ति करना
प्यासा - (वि०) 1 जिसे प्यास लगी हो, तृषित, पिपासित 2 जिसे किसी काम, बात आदि की प्रबल कामना हो प्यून -अं० (पु० ) चपरासी
प्यूपा -अं० (पु०) कीड़े के रूपांतरण की तीसरी अवस्था प्योरिटन - अं० ( पु० ) शुद्धतावादी, शुद्धाचारवादी प्यौंदा - बो० (पु० ) पैबंद
प्रकंप - सं० (पु० ) बहुत कँपकँपी, अत्यधिक थरथराहट प्रकंपन - I सं० ( पु०) बहुत काँपने की क्रिया II ( वि०) 1 कँपानेवाला 2 हिलानेवाला
प्रकंपमान -सं० (वि०) अत्यंत काँपता हुआ प्रकंपित - सं० (वि०) 1 कँपाया हुआ 2 हिलाया हुआ 3 काँपता हुआ, थरथराता हुआ 4 हिलता हुआ प्रकट-सं० (वि०) 1 जो सामने हो, प्रत्यक्ष 2 जाहिर, स्पष्ट 3 जिसका प्रादुर्भाव हुआ हो 4 जो गुप्त, छिपा न हो,
व्यक्त
प्रकटतः सं०
प्रकटित - सं० (वि०) 1 जो प्रकट हुआ हो 2 प्रकट किया हुआ, प्रकाशित
प्रकटीकरण-सं० (पु० ) 1 प्रकट करने की क्रिया (जैसे- भावनाओं का प्रकटीकरण) 2 प्रकट करना प्रकटीभवन-सं० ( पु० ) प्रकट होना प्रकथन-सं० (पु० ) घोषित करना प्रकथनात्मक-सं० (वि०) प्रकथन का प्रकर-सं० (पु० ) 1 कुशल व्यक्ति 2 अगर नामक गंध द्रव्य