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प्रक्षोभण
प्रक्षोभण-सं० (पु० ) 1 क्षोभ उत्पन्न करने की क्रिया 2 घबराहट, बेचैनी
प्रखंड-सं० (पु० ) विभाग का छोटा विभाग प्रखर-सं० (वि०) 1 तीक्ष्ण, तेज 2 उग्र, प्रचंड
प्रखल-सं० (वि०) अत्यंत दुष्ट
प्रखाद-सं० (वि०) निगलनेवाला
प्रख्या सं० (स्त्री०) 1 विख्याति, प्रसिद्धि 2 समता, बराबरी
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3 उपमा, तुलना
प्रख्यात सं० (वि०) 1 अति प्रसिद्ध, मशहूर प्रख्याति -सं० (स्त्री०) प्रसिद्धि, ख्याति प्रख्यान-सं० (पु० ) 1 सूचित करना 2 सूचना प्रख्यापन-सं० (पु० ) 1 प्रचार करना 2 सूचित करना प्रगत - सं० (वि०) 1 जो चल पड़ा हो 2 आगे बढ़ा हुआ 3 जो अधिक दूरी पर हो
प्रगति - सं० (स्त्री०) 1 आगे की ओर बढ़ना 2 सामूहिक रूप से होनेवाली क्रमिक उन्नति । बाधक (वि०) विकास में बाधा डालनेवाला; मूलक (वि०) प्रगति पर आधारित; ~रोधक (वि०) = प्रगति बाधक; वाद (पु० ) सामाजिक यथार्थवाद को प्रतिष्ठित करने का सिद्धांत; वादी I ( वि०) प्रगतिवाद संबंधी, प्रगतिवाद का II (पु० ) प्रगतिवाद का अनुयायी, समर्थक; ~शाली (वि०) प्रगति लानेवाला; ~शील (वि०) प्रगति करनेवाला प्रगम -सं० ( पु० ) प्रेम का प्रथम उदय प्रगमन - सं० (पु० ) 1 आगे बढ़ना 2 उन्नति करना, तरक्की करना 3 पूर्वानुराग
प्रगल्भ -सं० (वि०) 1 चतुर 2 होशियार 3 प्रतिभाशाली 4 उत्साही, हिम्मती 5 वाचाल 6 निर्लज्ज 7 अभिमानी। ता (स्त्री०) 1 चतुरता 2 प्रतिभा 3 उत्साह 4 वाचालता 5 धृष्टता 6 अभिमान; ~ वचना (स्त्री०) अपनी बातों में चतुराई प्रकट करनेवाली मध्या नायिका
प्रगल्भा -सं० (स्त्री०) 1 प्रौढ़ा 2 धृष्ट स्त्री प्रगति - सं० (वि०) 1 प्रतिभायुक्त 2 उत्साहपूर्ण 3 प्रगल्भता से युक्त प्रगाढ़-सं० (वि०) 1 बहुत अधिक (जैसे- प्रगाढ़ मित्रता ) 2 गहरा, बहुत गाढ़ा (जैसे- प्रगाढ़ संबंध) 3 घना 4 कठिन प्रगाता - सं० (पु० ) गानेवाला, गवैया
प्रगामी - सं० (वि०) गमन करनेवाला, जानेवाला प्रगीत - I सं० (वि०) गाया हुआ II ( पु० ) गाना प्रगीतात्मक-सं० (वि०) गीतोंभरा
प्रगुण-सं० (वि०) 1 गुणवान, गुणी 2 चतुर, होशियार 3 अच्छा एवं लाभदायक 4 शुभ
प्रगुणित - सं० (वि०) 1 सीधा किया हुआ 2 सुव्यवस्थित प्रगुणी - सं० (वि०) 1 गुणवान 2 चालाक, होशियार प्रगृहीत-सं० (वि०) अच्छी तरह ग्रहण किया प्रग्रह-सं० (पु० ) 1 अच्छी तरह पकड़ने की क्रिया 2 धारण करने की क्रिया 3 सूर्य या चंद्र ग्रहण का आरंभ, ग्रस्त होना 4 नियमन 5 बागडोर 6 बंधन
प्रमाण-सं० (पु० ) 1 धारण 2 सूर्य या चंद्र ग्रहण का आरंभ 3 बंधन 4 लगाम 5 पगहा
प्राह-सं० (पु० ) 1 तराजू आदि की डोरी 2 लगाम 3 पगाहा
प्रचुर
प्रघटक-सं० (पु० ) 1 सिद्धांत 2 नियम प्रघटन - सं० ( पु० ) 1 घटित होने की क्रिया 2 मामला प्रघट्टक - I सं० ( पु० ) सिद्धांत II (वि०) प्रकट करनेवाला प्रघण-सं० (वि०) 1 बहुत घना 2 अत्यधिक प्रघात -सं० ( पु० ) 1 आघात, चोट 2 मार डालना प्रघोरसं० (वि०) 1 अत्यधिक घोर 2 अत्यधिक कठिन प्रघोष -सं० (पु० ) बहुत शोर
प्रचंड सं० (वि०) 1 अति उग्र, अति तीव्र 2 अत्यधिक गर्म 3 भयंकर, भीषण 4 कठिन, कठोर 5 असह्य । ~ता (स्त्री०) 1 प्रचंड होने की अवस्था प्रबलता, उग्रता 2 भयंकरता, भीषणता 3 कठोरता, कठिनता 4 असह्यनीयता
प्रचय - सं० ( पु० ) 1 समूह, झुंड 2 ढेर, राशि 3 वृद्धि, बढ़ती 4 फल-फूल तोड़ना, चयन
प्रचर -सं० (पु० ) 1 मार्ग, रास्ता 2 रीति-रिवाज प्रचरण -सं० (पु० ) 1 आगे बढ़ना, कदम बढ़ाना 2 घूमना-फिरना 3 उपभोग करना 4 प्रचलित होना प्रचरित-सं० (वि०) 1 जो प्रचरण में हो, जिसका प्रचार हो 2 प्रचलित 3 अभ्यस्त
प्रचल - सं० (वि०) 1 अत्यंत चंचल 2 बहुत चलनेवाला प्रचलन-सं० (पु० ) 1 चलनसार होना 2 उपयोग-व्यवहार आदि में आना 3 प्रथा, रिवाज
प्रचला - सं० (स्त्री०) बैठे या खड़े होने की स्थिति में आनेवाली नींद प्रचलित-सं० (वि०) 1 चलनसार 2 उपयोग-व्यवहार आदि में लाया हुआ 3 जो चल चुका हो (जैसे- प्रचलित सिक्का) प्रचाय सं० (पु० ) = प्रचय
प्रचायक - सं० (वि०) 1 चयन करनेवाला, चुननेवाला 2 संग्रह करनेवाला 3 ढेर लगानेवाला
प्रचार - सं० ( पु० ) 1 व्यवहार में आना 2 प्रयोग 3 आचरण 4 चलन, रिवाज 5 प्रसिद्धि 6 प्रकट होना। कर्ता (पु० ) प्रचार करनेवाला व्यक्ति कार्य (पु० ) प्रचार का काम, प्रोपेगेंडा प्रसार ( पु० ) प्रचार करना और फैलाना प्रचारक-सं० (वि०) प्रचार करनेवाला (जैसे- हिंदी भाषा प्रचारक )
प्रचारण-सं० (पु० ) 1 प्रचार करने की क्रिया 2 फैलाना प्रचारात्मक-सं० (वि०) प्रचार संबंधी
प्रचारिका -सं० (स्त्री०) प्रचार करनेवाली स्त्री प्रचारिणी सं० (वि०) प्रचार करनेवाली
प्रचारित-सं० (वि०) 1 चलाया हुआ 2 प्रचार किया हुआ 3 फैलाया हुआ
प्रचारी सं० (वि०) 1 घूमने फिरनेवाला 2 प्रकट होनेवाला 3 प्रचार करनेवाला, प्रचारक प्रचालन-सं० (पु०) चलाने की क्रिया प्रचालित-सं० (वि० 1 जिसका प्रचलन हुआ हो 2 प्रचलित किया हुआ
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प्रचित-सं० (वि०) 1 चयन किया हुआ 2 एकत्र किया हुआ, संग्रहीत 3 भरा हुआ 4 अनुदात्त
प्रचुर - I सं० (वि० ) 1 विपुल, बहुत अधिक (जैसे- प्रचुर संपत्ति का स्वामी) 2 भरा-पूरा, पूर्ण 3 पर्याप्त II (पु०) चोर -ता (स्त्री०) अधिकता, विपुलता