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निस्संक्रामक
निस्संक्रामक -सं० (वि०) संक्रमण न करनेवाला, छूत न पैदा करनेवाला निस्संग-सं० (वि०) 1 बिना साथ का 2 अकेला 3 विषय-वासनारहित 4 एकांत, निर्जन निस्संतान-सं० (वि०) संतान हीन निस्संदिग्ध -सं० (वि० ) = निस्संदेह
निस्संदेह - I सं० (वि०) असंदिग्ध, संदेहरहित II ( क्रि० वि० ) 1 बिना संदेह के, बेशक 2 निश्चित रूप से, अवश्य (जैसे- निस्संदेह खाइए )
निस्संबल - सं० (वि०) = निःसंबल
निस्सत्व-सं० (वि० ) = निःसत्व निस्सरण - सं० ( पु० ) 1 निकलना 2 निकलने का मार्ग निस्सहाय सं० (वि०) असहाय
निस्सार-सं० (वि०) सार- हीन निस्सारक-सं० (नि०) निकालनेवाला निस्सारण-सं० ( पु० ) निकालना निस्सारित सं० (वि०) निकाला हुआ
निस्सीम सं० (वि०) 1 सीमारहित, असीम 2 अत्यधिक (जैसे- निस्सीम वेग)
निस्स्वादु - सं० (वि०) 1 बिना स्वाद का 2 बुरे स्वादवाला,
बदमज़ा
निस्स्वार्थ - I सं० ( वि० ) = निःस्वार्थ II ( क्रि० वि०) बिना स्वार्थ के
निहंग, निहंगम - I सं० (वि०) 1 अकेला, एकाकी 2 अविवाहित एवं परिवार हीन 3 नंगा 4 निर्लज्ज, बेशर्म II (पु० ) 1 विरक्त साधु 2 एक सिक्ख संप्रदाय निहंता-सं० (वि०) 1 नाश करनेवाला, विनाशक 2 हत्या करनेवाला
निहठा बो० (स्त्री०) लकड़ी का टुकड़ा निहत - सं० (वि०) 1 चलाया हुआ 2 नष्ट, विनष्ट 3 मार डाला
गया
निहतार्थ - सं० ( पु० ) काव्य-दोष
निहत्था - (वि०) 1 शस्त्र - हीन 2 जिसके हाथ में कुछ भी न हो निहनन सं० ( पु० ) वध, मारण
निहाई - (स्त्री०) लोहे का बड़ा टुकडा निहानी - ( स्त्री०) एक तरह की रुखानी (औज़ार) निहायत - अ० ( क्रि० वि०) बहुत अधिक (जैसे- निहायत मूर्ख)
निहार - I सं० ( पु० ) निकास II (वि०) III ( पु० ) = नीहार
निहारना - (स० क्रि०) 1 टक लगाकर देखना 2 ताकना (जैसे-खेत निहारना)
निहाल - (वि० ) 1 हर तरह से तृप्त, सफल मनोरथ 2 प्रसन्न एवं संतुष्ट
निहाल - फ़ा० ( पु० ) पौधा । चा (पु०) छोटी गद्दी निहाली - I फ़ा० (स्त्री०) 1 तोशक, गद्दा 2 रज़ाई II (स्त्री०) निहाई
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=
निहाल, लट्टू
निहित-सं० (वि०) 1 स्थापित 2 सौंपा हुआ 3 अंदर छिपा हुआ। ~ स्वार्थ (पु० ) बीच में पड़ा हुआ हित; स्वार्थी (वि०) अपने हित रखनेवाला
नीति
निहितार्थ - सं० (पु० ) छिपा हुआ अर्थ
निहुरना - (अ० क्रि०) बो० 1 झुकना, नवना 2 नम्र होना निहोरा - I बो० (पुc) 1 कृतज्ञता, एहसान 2 निवेदन, प्रार्थना 3 आसरा, भरोसा II ( क्रि० वि०) के लिए, वास्ते नींद - ( स्त्री० ) = निद्रा । उचटना, उचाट होना नींद में बाधा उत्पन्न होना; ~ खुलना, टूटना नींद पूरी होने पर जागना; भर सोना इच्छा भर सोना; हराम होना कष्ट, चिंता आदि के कारण नींद न आना नींबू - (पु० ) = नीबू निचोड़ (वि०) -निचोड़ नींव - (स्त्री०) 1 ज़मीन के अंदर रहनेवाला महल, मकान, दीवार आदि का निचला हिस्सा 2 नींव हेतु खोदा जानेवाला गड्ढा 3 आरंभिक मौलिक कार्य जो आगे चलकर बहुत अच्छा हो (जैसे-पढ़ाई की नींव पक्की है)। ~का पत्थर 1 कार्य का आधार 2 बात का मूल नीकर-अं० (पु० ) = निक्कर नीकार-सं० (पु० ) 1 अवज्ञा 2 अनादर नीग्रो -अं० (पु० ) हब्शी नीग्रोयड - अं० (वि०) हब्शी जैसा
=
नीच - I सं० (वि०) 1 अधम, निकृष्ट 2 खल, दुष्ट II ( पु० ) नीच पुरुष । ~ ऊँच (पु०) सुफल-कुफल, अच्छा-बुरा परिणाम; ~ कुलोत्पन्न (वि०) नीच परिवार में उत्पन्न; ~गामी (वि०) 1 नीचे जानेवाला 2 ओछा, तुच्छ; जन्म (वि० ) = नीच कुलोत्पन्न ~ता (स्त्री०) 1 नीच होने की अवस्था 2 अत्यंत नीच पूर्ण आचरण; ~ता पूर्ण (वि०) नीचता से भरा हुआ; ~पन (पु० ) नीचता नीचट बो० (वि०) पक्का, दृढ़
नीचा - (वि०) 1 कम ऊँचाईवाला (जैसे-नीची दीवार, नीची छत) 2 झुका हुआ (जैसे-नीचा सिर) 3 निम्न स्तर पर स्थित (जैसे-नीची सड़क) 4 अधिकार, पद, मर्यादा में घटकर छोटा (जैसे-नीची जाति, नीची अदालत) 5 धीमा, मद्धिम । ऊँचा (वि०) नीच - ऊँच
नीचाशय-सं० (वि०) तुच्छ विचारवाला, ओछा, तुच्छ नीचू - I ( वि०) बो० न चूनेवाला II ( वि०) नीचा
III ( क्रि० वि०) नीचे
नीचे - ( क्रि० वि०) 1 नीचे की तरफ़, अधोभाग में 2 घटकर 3 अधीनता में। ~ ऊपर ( क्रि० वि०) उलट-पलट, अस्त-व्यस्त, अव्यवस्थित। ~ गिरना 1 पतन होना, अधोगति को प्राप्त होना 2 पछाड़ा जाना;
2 कुश्ती में पछाड़ना, पटकना;
गिराना 1 पतित बनाना लाना कुश्ती में पटकना ~ से ऊपर तक 1 सिर से पाँव तक 2 एक सिरे से दूसरे सिरे तक 3 सभी भागों में
नीठि -I (स्त्री०) अरुचि, अनिच्छा II ( क्रि० वि०) जैसे-तैसे नीड़-सं० (पु० ) चिड़ियों के बैठने का स्थान, घोंसला । ज सं० ( पु० ) पक्षी
नीत-सं० (वि०) 1 गृहीत 2 प्राप्त 3 लाया हुआ 4 स्थापित नीति-सं० (स्त्री०) 1 व्यवहार का ढंग, बर्ताव का तरीका 2 लोक - व्यवहार हेतु नियत किया गया आचार 3 सदाचार-व्यवहार आदि के नियम और रीतियाँ 4 शासन की रक्षा एवं व्यवस्था हेतु स्थिर किए गए तत्व एवं सिद्धांत 5 चतुरता से किया जानेवाला आचरण, तरक़ीब 6 राजनीति